Chhattisgarh Assembly Election 2023 Akaltara Assembly Seat: 33. अकलतरा विधानसभा: विपक्ष में ही बैठता है यहां का विधायक, 5 चुनावों में कोई नहीं हुआ रिपीट, पढि़ए अकलतरा विधानसभा के अनूठे किस्से...
Chhattisgarh Assembly Election 2023 Akaltara Assembly Seat: 33.
एनपीजी एक्सक्लूसिव
रायपुर। जांजगीर-चांपा जिले की अकलतरा विधानसभा सीट राजा-महाराजाओं के जमाने की राजनीतिक सीट रही है। साल 1957 में जब इस सीट पर पहली बार चुनाव हुए तो क्षेत्र के राजा ठाकुर भुवन भास्कर सिंह ने 8132 वोट के भारी भरकम अंतर से जीत दर्ज की थी। महाराजाओं की राजनीति के अलावा भी यह सीट पूरे प्रदेश में अपने अनूठे रिकॉर्ड के लिए भी जानी जाती है। चाहे प्रदेश बनने के पहले की बात हो या फिर छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद। यहां जो विधायक बनता है, उसकी सरकार नहीं बन पाती। ऐसे में विधायक को विपक्ष में रहकर ही राजनीति करनी पड़ती है। ऐसा हम क्यों कह रहे हैं आगे पढ़ें इस रिपोर्ट में..
1990 से लेकर अब तक जो विधायक रहा, उसकी सरकार नहीं बनी
अकलतरा विधानसभा का यह रिकॉर्ड सुनकर हर कोई चौंक जाता है और वो रिकॉर्ड ये है कि साल 1990 से इस सीट से जो भी विधायक बना वो हमेशा विपक्ष की भूमिका में रहा। इसे ऐसे समझते हैं.. वर्ष 1990 में यहां से निर्दलीय उम्मीदवार जवाहर दुबे ने जीत हासिल की, लेकिन उस वक्त मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनी। वर्ष 1993 और 1998 में भाजपा के छतराम देवांगन विधायक बनें, लेकिन एमपी में कांग्रेस की सरकार रही। साल 2003 में छत्तीसगढ़ राज्य में जब पहला चुनाव हुआ तो कांग्रेस के रामाधार कश्यप ने जीत हासिल की, लेकिन सरकार बनी भाजपा की। 2008 में अकलतरा के विधायक बसपा के सौरभ सिंह बनें, लेकिन फिर से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनीं। वर्ष 2013 के चुनाव में कांग्रेस के चुन्नीलाल साहू जीते, लेकिन इस बार भी भाजपा की सरकार बनीं। 2018 के चुनाव में भाजपा से सौरभ सिंह जीते तो सरकार बनीं कांग्रेस की।
उपचुनाव में मिली जीत और मिला सत्ता सुख
साल 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने तात्कालीन राज्यसभा सांसद रामाधार कश्यप को चुनावी मैदान में उतारा। उन्होंने भाजपा के विधायक रहे छतराम को 1430 वोट के अंतर से चुनाव हराया। लेकिन प्रदेश में सरकार भाजपा की बन गई। ऐसे में रामाधार ने राज्यसभा का सदस्य बने रहना पसंद करते हुए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे से खाली हुई सीट पर जनवरी 2004 में उपचुनाव हुए। इस चुनाव में पूर्व विधायक छतराम देवांगन ने जीत दर्ज की। इस तरह छतराम देवांगन को तीसरी बार विधायक बनने के साथ सत्ता सुख भी नसीब हुआ।
अब एक नजर साल 2018 के विधानसभा चुनाव पर
साल 2018 में अकलतरा विधानसभा में मुकाबला त्रिकोणीय रहा। यहां तीन प्रमुख पार्टियों ने अपने उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे थे। इसमें भाजपा और कांग्रेस के साथ ही बसपा ने दमदारी से चुनाव लड़ा। भाजपा की ओर से पूर्व विधायक सौरभ सिंह मैदान में थे। वहीं कांग्रेस ने तात्कालीन विधायक चुन्नीलाल साहू को फिर से प्रत्याशी बनाया। वहीं बसपा ने जोगी परिवार से रिचा जोगी को चुनावी मैदान में उतारा। साल 2018 के चुनाव में अकलतरा विधानसभा में कुल 155592 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इन मतों में से सर्वाधिक 60502 वोट भाजपा के सौरभ सिंह को मिले। 58648 वोट के साथ रिचा जोगी दूसरे स्थान पर रहीं। वहीं तीसरे स्थान पर कांग्रेस के चुन्नीलाल रहे, जिन्हें 27667 वोट मिले थे। इस तरह सौरभ सिंह अकलतरा विधानसभा से दूसरी बार विधायक चुने गए।
वर्ष | विधायक | पार्टी |
1957 | ठाकुर भुवन भास्कर सिंह | कांग्रेस |
1962 | ठाकुर भुवन भास्कर सिंह | कांग्रेस |
1967 | रामगोपाल | कांग्रेस |
1972 | राजेंद्र कुमार सिंह | कांग्रेस |
1977 | राजेंद्र कुमार सिंह | कांग्रेस |
1980 | धीरेंद्र कुमार सिंह | कांग्रेस |
1985 | राकेश कुमार सिंह | कांग्रेस |
1990 | जवाहर दुबे | निर्दलीय |
1993 | छतराम देवांगन | भाजपा |
1998 | छतराम देवांगन | भाजपा |
2003 | रामाधार | कांग्रेस |
2004 उपचुनाव | छतराम देवांगन | भाजपा |
2008 | सौरभ सिंह | बीएसपी |
2013 | चुन्नीलाल साहू | कांग्रेस |
2018 | सौरभ सिंह | भाजपा |
विधायक सौरभ सिंह का जीवन परिचय
Mla saurabh singh biography in hindi:- विधायक सौरभ सिंह जांजगीर जिले के अकलतरा विधानसभा से दूसरी बार गिधयक निर्वाचित हुए हैं। पहली बार 2008 मे वे बसपा से विधायक चुने गए थे। सौरभ सिंह अकादमिक जीवन में भी कुशाग्र बुद्धि के रहे हैं। वे दो बार यूपीएससी सिविल सर्विसेज ( 1998 व 1999) के साक्षात्कार तक पहुँच चुके है। उन्होंने अपने क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछवाने व धार्मिक स्थलों पर लाइटिंग करवाने के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। इसके अलावा वे अपने विधानसभा क्षेत्र के 30 असिंचित गाँवो में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए विशेष प्रयासरत है।
पिता का नाम :- स्व. धीरेंद्र कुमार सिंह
जन्म तिथि- 25 जुलाई 1974
जन्मस्थान:- बिलासपुर जिला बिलासपुर बिलासपुर छतीसगढ़
विवाह की तिथि:- 19 नवंबर 2000
पत्नी का नाम :- आरती सिंह
पत्नी की जन्मतिथि:- 5 जुलाई 1976
संतान- 2 पुत्र
शैक्षणिक योग्यता- बीए ऑनर्स राजनीति शास्त्र।
व्यवसाय- कृषि
कुल संपत्ति- 27 करोड़ 75 लाख रुपये
स्थायी पता- पुरानी बस्ती, अकलतरा जिला जांजगीर- चाम्पा छतीसगढ़ 495552
राजधानी रायपुर में स्थानीय पता- 404 नेचर्ला बिल्डिंग, दलदल सिवनी, मोवा, रायपुर छतीसगढ़
अभिरुचि- अध्ययन, लेखन,भ्रमण, वन्यजीव संरक्षण
विदेश यात्राएं- स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, थाईलैंड, मलेशिया,जर्मनी,इटली,दक्षिण अफ्रीका
सार्वजनिक एवं राजनैतिक जीवन का परिचय:-सौरभ सिंह जांजगीर- चाम्पा जिले की अकलतरा विधानसभा से विधायक है। राजनीति में आने से पहले भी सौरभ सिंह पढ़ाई में कुशाग्र बुद्धि के थे।उन्होंने राजनीति शास्त्र में बीए ऑनर्स की डिग्री लेने के बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की। राजनीति शास्त्र व भूगोल को मुख्य विषय रखते हुए उन्होंने यूपीएससी मेंस क्लियर कर 1998 व 1999 में यूपीएससी के इंटरव्यू तक पहुँचे। राजनीति में आने के बाद वे बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष भी रहे। जिसके बाद पहली बार 2008 मे बहुजन समाज पार्टी से विधानसभा हेतु निर्वाचित हुए। फिर 2018 में दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी से विधायक हेतु निर्वाचित हुए। वे सदस्य भाजपा कार्यसमिति भी रहे। 2010-14 तक वे सदस्य सुविधा एवं सम्मान समिति छतीसगढ़ विधानसभा रहे। 2019-21 तक वे सदस्य स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज लेखा समिति,याचिका समिति,छतीसगढ़ विधानसभा रहे।
विधायक सौरभ सिंह ने अपने विधानसभा में सड़कों का जाल बिछाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने औद्योगिक कॉरिडोर के लिए सड़क भी बनवाई। भारतमाला व प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़के बनवाई। धार्मिक स्थलों में लाइटिंग लगवाई व धान खरीदी केंद्र खुलवाया। सौरभ सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र के 30 असींचित गांवों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत हैं।
अकलतरा विधानसभा जांजगीर चाम्पा जिले में आता है। जिसे क्षेत्र क्रमांक 33 के नाम से जाना जाता है। यह एक अनारक्षित सीट है। जहां मतदाताओं की कुल संख्या 203052 है। जिनमे से कुल 155596 (76.58%) मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया। जिसमे से भाजपा के सौरभ सिंह को 60502 (38.91%) वोट मिले। दूसरे नंबर पर बसपा प्रत्याशी ऋचा जोगी रही। उन्हें 58648 (37.72%) वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी चुन्नीलाल साहू को 27667 (17.79%) वोट मिले।