CG सियासी दांव: महंत के गढ़ में CM भूपेश के किसानों के कर्ज पर बड़ी घोषणा के क्या हैं सियासी मायने, पढ़िए NPG की रिपोर्ट...
रायपुर. सीएम भूपेश बघेल ने सोमवार को विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत के गढ़ जांजगीर में किसानों के लिए कर्ज माफी का ऐलान किया है। 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने किसानों की कर्ज माफी का ऐलान किया था। कांग्रेस के घोषणा पत्र में बाकायदा यह नारा था - किसानों का कर्ज माफ-बिजली बिल हॉफ। कांग्रेस सरकार बनने के बाद पहला निर्णय कर्ज माफी के लिए ही लिया गया। इन पांच सालों में किसानों की आमदनी बढ़ी। साथ ही, कर्ज लेने वाले भी बढ़े हैं। इसे ध्यान में रखकर सीएम भूपेश ने एक बड़ा सियासी दांव खेल दिया है।
सीएम के ऐलान के बाद सियासी गलियारे में यह बहस छिड़ गई कि घोषणा पत्र से पहले ही यह ऐलान क्यों किया? इसे लेकर तरह-तरह के तर्क हैं, लेकिन यह माना जा रहा है कि सीएम ने चुनावी माहौल के बीच एक बड़ा ऐलान कर चुनाव अभियान को किसानों पर केंद्रित कर दिया है। राज्य में यह बड़ा मुद्दा है। हाल में भाजपा नेताओं की सभाओं में पूरा फोकस बिरनपुर की घटना, कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर था। सीएम ने धान बोने वाले किसानों के गढ़ जांजगीर में यह ऐलान कर माहौल बना दिया। 2018 के चुनाव में जब कांग्रेस की लहर थी, तब जांजगीर जिले में कमजोर प्रदर्शन रहा। यहां दो सीटें भाजपा और दो सीटें बसपा ले गई थी।
एक और मायने जो निकाले जा रहे हैं, वह राजनीतिक समीकरणों को लेकर काफी मायने रखते हैं। सीएम ने विधानसभा स्पीकर के गढ़ में यह ऐलान कर अपनी लकीर बड़ी कर ली है। स्पीकर सीनियर नेता हैं। वे केंद्र में राज्यमंत्री रह चुके हैं और गांधी परिवार से सीधे जुड़े हुए हैं। वहां जाकर सीएम ने यह ऐलान किया। बहरहाल, सीएम के ऐलान के बाद राजनीति गरमा गई है। भाजपा ने सीएम के साथ-साथ कांग्रेस सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। यह माना जा रहा है कि सीएम के ऐलान के बाद अब चुनाव के केंद्र में किसान आ जाएंगे।