Begin typing your search above and press return to search.

CG Politics: Finance Minister OP Choudhry: जमीन की गाइड लाइन दर को लेकर गरमायी सियासत: वित्त मंत्री ओपी चौधरी बोले- रेट नहीं बढ़ाना कांग्रेस की साजिश का बड़ा हिस्सा था, ब्लैक मनी को कर रहे थे व्हाइट, जमीन में खपा रहे थे काली कमाई

CG Politics: Finance Minister OP Choudhry: जमीन की गाइड लाइन दरों को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस राज्य सरकार के इस फैसले को जनविरोधी बता रही है। कांग्रेस के आरोप के बीच वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए जमीन का रेट नहीं बढ़ाना कांग्रेस की बड़ी साजिश थी। काली कमाई को जमीन में खपा रहे थे और इसे सफेद बनाने में लगे हुए थे। वित्त मंत्री ने साफ किया, नई गाइड लाइन रेट का निर्णय लेने से पहले सर्वे कराया गया है।बाजार मूल्य के करीब लाने की कोशिश की गई है।

CG Politics: Finance Minister OP Choudhry: जमीन की गाइड लाइन दर को लेकर गरमायी सियासत: वित्त मंत्री ओपी चौधरी बोले- रेट नहीं बढ़ाना कांग्रेस की साजिश का बड़ा हिस्सा था, ब्लैक मनी को कर रहे थे व्हाइट, जमीन में खपा रहे थे काली कमाई
X
By Radhakishan Sharma

Jamin Ki Guideline Dar: रायपुर। जमीन की गाइड लाइन दरों को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी बवाल मच गया है। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस राज्य सरकार के इस फैसले को जनविरोधी बता रही है। कांग्रेस के आरोप के बीच वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। वित्त मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए जमीन का रेट नहीं बढ़ाना कांग्रेस की बड़ी साजिश थी। काली कमाई को जमीन में खपा रहे थे और इसे सफेद बनाने में लगे हुए थे। वित्त मंत्री ने साफ किया, नई गाइड लाइन रेट का निर्णय लेने से पहले सर्वे कराया गया है।बाजार मूल्य के करीब लाने की कोशिश की गई है।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा, कांग्रेस की सरकार ने सोची समझी रणनीति के तहत जमीन के रेट नहीं बढ़ाए। शराब घोटाला,कोल लेव्ही और महादेव सट्टा एप से मिलने वाली काली कमाई को जमीन में खपाने का काम किया है। हमने आठ साल बाद गाइड लाइन दरों में सुधार किया है और बाजार मूल्य के करीब लाने का काम किया है। इसमें पूरी पारदर्शिता बरती गई है। राजस्व सुधार के नजरिए से यह जरुरी था।

मंत्री चौधरी ने साफ किया कि आठ साल बाद नई गाइड लाइन दर तय की गई है। संशोधन करने के पीछे सरकार की मंशा साफ है, सरकारी रेट और वास्तविक बाजार मूल्य के बीच जो भारी भरकम गेप था उसे कम करने की कोशिश हमने की है। मंत्री का कहना है, जमीन की रजिस्ट्री सरकारी गाइड लाइन दर से काफी ऊंचे दाम पर होती है तो राजस्व का नुकसान होता है। होम लेने वाले मध्यमवर्गीय खरीदार को बैंक से पूरी राशि नहीं मिलती।

नई गाइडलाइन दरों के लागू होने के बाद कई इलाकों में जमीन की कीमत कई गुना बढ़ गई हैं, जिससे रजिस्ट्री पर लगने वाला टैक्स भी बढ़ा है। रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े लोगों और व्यापारिक संगठनों का कहना है कि अचानक हुई भारी वृद्धि से जमीन खरीदना आम आदमी के लिए मुश्किल हो जाएगा और प्रॉपर्टी बाजार पर सीधा असर पड़ेगा।​

वित्त मंत्री का कहना है, प्रदेश में सर्वेक्षण कराया गया है। अलग-अलग क्षेत्रों के जमीन का भौतिक सत्यापन कराने के बाद नई गाइड लाइन दरें तय की गई है। एक ही हिस्से में अलग-अलग गाइड लाइन दरों को खत्म कर एकरुपता लाई गई है। विसंगति को दूर करने का प्रयास राज्य सरकार ने की है। इसका फायदा आने वाले दिनों में भूमि स्वामियों को मिलेगा। भू माफिया के खेल पर रोक लगेगी।

Next Story