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राहुल गांधी पर कार्रवाई कानून सम्मत : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा – राहुल के पास माफी मांगने का मौका था, अहंकार गले की हड्डी बन गई

राहुल गांधी पर कार्रवाई कानून सम्मत : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा – राहुल के पास माफी मांगने का मौका था, अहंकार गले की हड्डी बन गई
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By NPG News

रायपुर. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता खत्म होने की कार्यवाही को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कानून सम्मत बताया है. डॉ. रमन ने कहा कि राहुल गांधी के पास माफी मांगने का मौका था, लेकिन उनका अहंकार गले की हड्डी बन गई. रमन ने पूछा कि पीएम का अपमान करना, समाज को अपमानित करना क्या उचित है?

राजधानी रायपुर में अपने निवास में मीडिया से चर्चा करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व सीएम डॉ. रमन ने कहा, आज न्यायालय के फैसले के अनुसार राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गई. सुप्रीम कोर्ट ने जनप्रतिनिधि अधिनयम धारा 8, 4 को असंवैधानिक करार दिया था. अपराधिक मामलों में दोषी सांसदों को लोकसभा में तत्काल डिस्क्वालिफेशन के लिए तत्कालिक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जनप्रतिनिधि अधिनियम लेकर आए थे. ये बिल एक सुरक्षा कवच की तरह रहता, लेकिन 27 जुलाई 2013 का वो काला दिन भी याद होगा जब राहुल गांधी ने देश के प्रधानमंत्री का अपमान करते हुए बीच प्रेस कांफ्रेंस में अध्यादेश की प्रति फाड़ दी थी.

रमन ने कहा, आज दस साल बाद वही गलती राहुल गांधी के मार्ग में बाधक बनी हुई है. राहुल गांधी ने अहंकार में बार-बार प्रधानमंत्री पद की गरिमा को तार-तार करने का काम किया है. चाहे मनमोहन सिंह के कार्यकाल में अध्यादेश फाड़ना हो चाहे पीएम मोदी पर जातिसूचक टिप्पणी. बिलो द बेल्ट की राजनीति राहुल गांधी की आदत बन चुकी है. मोदी सरनेम पर उन्होंने जो टिप्पणी की, वह न केवल अमर्यादित बल्कि वर्ग विशेष को आहत करने वाली है. इस मामले में सूरत जिला अदालत ने उन्हें दोषी करार देकर दो साल की सजा सुनाई और अयोग्यता पर कानून संविधान के अनुच्छेद 101 के मुताबिक दोषी पाए सांसद की सदस्यता स्वत: खत्म हो जाती है.

पूर्व सीएम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अमर्यादित शब्दों का उपयोग कर पिछड़े वर्ग की भावनाओं को आहत करने वाले राहुल गांधी के बचाव में लगी हुई है. जिस व्यक्ति के मन में लोकसभा के नेता का सम्मान न हो, उसका अपमान करना आदत बन गई है, ऐसे व्यक्ति को संसद में बने रहने का अधिकार नहीं है. यह बाकी लोगों के लिए सबक होगी.

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