प्रमोद दुबे के मुंह में 'लड्डू': सीएम भूपेश बघेल ने मिलेट कैफे का उद्घाटन किया और प्रमोद दुबे को खिलाया सैंडविच, फिर सियासी गलियारे में चल निकली ऐसी बात
रायपुर. तस्वीर तो आपने देख ली. फोटोग्राफी की भाषा में इसे हैप्पीनेस वाली फोटो कहेंगे, जो देखने में सुखद है. अब जरा सा करेक्शन है... आम आंखों से देखें तो इसे देखकर खुशी झलकती है, लेकिन जब राजनीतिक चश्मा लगा हो तो कई तरह की बातें निकलती है. और आप तो जानते हैं कि बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी... तो इस तस्वीर के सोशल मीडिया में आने के बाद भी बात निकली और 6 महीने दूर चली गई. 6 महीने यानी चुनावी समय तक.
जी हां, आप सही समझ रहे हैं. सीएम भूपेश बघेल अपने हाथ से प्रमोद दुबे को सैंडविच खिला रहे हैं. रायपुर पश्चिम विधानसभा में भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान नालंदा परिसर में मिलेट कैफे के उद्घाटन अवसर की यह तस्वीर है. पीछे संसदीय सचिव और रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय और मेयर एजाज ढेबर भी दिख रहे हैं. बात कुछ ऐसे निकली कि सीएम की सैंडविच खिलाती तस्वीर जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं और लोगों ने देखी तो प्रमोद दुबे की खिलखिलाहट को लोगों ने इस ढंग से परिभाषित किया कि लग रहा कि टिकट पक्की हो गई.
कुछ लोग संसदीय सचिव उपाध्याय और प्रमोद दुबे के चेहरे की तुलना करने से भी नहीं चूके. दुबे के चेहरे में चमक है, वहीं उपाध्याय का चेहरा थोड़ा मुरझाया हुआ है. वैसे दुबे मूलत: रायपुर दक्षिण विधानसभा के हैं. दक्षिण में ब्राह्मणपारा और सुंदरनगर में ब्राह्मण वोटरों की संख्या भी अच्छी है. वे पार्षद भी दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से हैं, लेकिन इससे पहले रामकुंड के भी पार्षद रह चुके हैं. रामकुंड रायपुर पश्चिम में आता है. वैसे पिछले चुनावों में इस बात की चर्चा रही कि दुबे दक्षिण के बजाय पश्चिम से चुनाव लड़ना चाहते थे.
वैसे, रायपुर पश्चिम के दावेदारी तक बात निकल ही गई तो रायपुर मेयर एजाज ढेबर भी स्वाभाविक दावेदार हो सकते हैं. हालांकि ढेबर का भी क्षेत्र रायपुर दक्षिण के अंतर्गत आता है, लेकिन मेयर के रूप में रायपुर ग्रामीण के कुछ हिस्से को छोड़ दें तो दक्षिण, पश्चिम और उत्तर तीनों में उनकी दावेदारी मानी जा सकती है. खैर, यह सब गॉशिप है, जो एक तस्वीर से शुरू हुई है. फिलहाल पार्टी की ओर से टिकट वितरण को लेकर कोई प्रक्रिया नहीं शुरू हुई है. देखना यह है कि पार्टी कितनी सीटों पर नए प्रत्याशियों को मौका देती है.