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मूणत की चुनौती: पूर्व मंत्री ने कहा- भ्रष्टाचार का आरोप न लगाएं, हिम्मत है तो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराएं; कांग्रेस बोली...

मूणत की चुनौती: पूर्व मंत्री ने कहा- भ्रष्टाचार का आरोप न लगाएं, हिम्मत है तो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराएं; कांग्रेस बोली...
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By NPG News

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सड़कों की जर्जर स्थिति के लिए भाजपा प्रवक्ता और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही, यह चुनौती दी है कि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के बजाय सरकार में हिम्मत है तो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच करा लें।

मीडिया से बातचीत में पूर्व मंत्री ने कहा, भाजपा शासन में एक्सप्रेस-वे एवं फ्लाईओवर का निर्माण उन्होंने करवाया था। राजधानी सहित प्रदेश भर में सर्वोत्तम किस्म का सड़कों का जाल बिछाया, जबकि कांग्रेस सरकार चार साल में भी यह जिम्मेदारी तय नहीं कर सकी कि भ्रष्ट ठेकेदारों और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए। पीडब्ल्यूडी का अमला काफी बड़ा है। सब कार्य उनसे करवाने के बाद सड़क विकास निगम के जरिए सड़कों की मरम्मत लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर करवाई जा रही है। मूणत ने स्पष्ट रूप कहा कि सीएम भूपेश बघेल उनके कार्यकाल में हुए कार्यों की हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच करवा लें।

मूणत ने कहा कि छत्तीसगढ़ को पीएम आवास में पुरस्कार मिलने पर मुझे खुशी है, लेकिन राज्य सरकार इसका विश्लेषण करे कि यह पुरस्कार किस सेक्टर में मिला है, क्योंकि उनके सरकार के दूसरे नंबर के पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने 8 लाख पीएम आवास का राज्यांश ना दे पाने के कारण इस्तीफा दे दिया। केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ में 18 लाख मकान आवंटित किए थे। जिन लोगों को आवास मिलने थे, नहीं मिले। वह कोटा वापस कर दिया गया। छत्तीसगढ़ में पीएम आवास में केंद्र सरकार ने केंद्र के हिस्से का 60 फीसदी पैसा दिया, लेकिन राज्य सरकार ने राज्यांश का पैसा नहीं दिया और केंद्र का फंड वापस चला गया। गरीबों के आवास नहीं बने। राज्य सरकार ने गरीबों के आवास का आवंटन रद्द करा दिया।

कांग्रेस बोली- मूणत आत्म अवलोकन करें

कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत कितनी भी गलतबयानी कर लें, रायपुर का एक्सप्रेस-वे, स्काई वॉक भाजपा की भ्रष्टाचार की स्मारक के रूप में छत्तीसगढ़ की जनता के सामने खड़ी है। एक्सप्रेस-वे ऐसी सड़क जो उद्घाटन के पहले ही जर्जर हो गई। गड्ढे हो गए। दरारें पड़ गईं। एक्सप्रेस-वे पर बनाए गए पुल दरक गए थे। तत्कालीन भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार का इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है? एक्सप्रेस-वे को कांग्रेस की सरकार बनने के बाद लगभग पूरा नया बनाना पड़ा। भाजपा सरकार में करोड़ों रुपए खर्च कर बनाई गई सड़कें चार से पांच साल में ही कंडम हो गई हैं। सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। अमूमन एक सड़क की औसत आयु 12 से 15 साल होती है, लेकिन भाजपा के 15 साल में बनाई गई सड़कें डामर कम भाजपा के भ्रष्टाचार की कालिख ज्यादा थी।


शुक्ला ने कहा कि भाजपा के सारे के सारे नेता जो इस भ्रष्टाचार के लिए हैं, सबने अपने भ्रष्टाचार की कालिख को बेशर्मीपूर्वक उजागर करने का काम किया है। डोंगरगढ़ की सड़क 2016 में बनी, बिलासपुर की सड़क 2018 में बनी, पंडरिया की सड़क 2017 में बनी, बालोद की सड़क 2018 जनवरी में बनाई गई थी। मूणत सोच रहे हैं कि रमन सरकार में बनी इन कंडम सड़कों की आड़ में कांग्रेस सरकार को बदनाम कर लेंगे तो वे मुगालते में हैं। यह सड़कें रमन राज की कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार की स्मारक के रूप में है। जनता की गाढ़ी कमाई को किस प्रकार लूटा गया इसकी बानगी 4 साल में खराब होने वाली यह सड़कें हैं।

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