मरकाम चाबी वाले गुड्डे: भाजपा महामंत्री ने आरक्षण के मुद्दे पर पीसीसी अध्यक्ष पर किया हमला, कहा- आदिवासियों की आंख में धूल झोंकने से बाज आएं
रायपुर। आदिवासियों के आरक्षण का मुद्दा गरमाने लगा है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम पर सीधा हमला बोला है। कश्यप ने यहां तक कह दिया कि मरकाम चाबी वाले गुड्डे हैं। साथ ही, यह चेतावनी भी दी है कि कांग्रेस आदिवासियों की आंख में धूल झोंकने से बाज आए।
भाजपा के प्रदेश महामंत्री व पूर्व मंत्री कश्यप ने आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा लागू किए 32 फीसदी आदिवासी आरक्षण को सुनियोजित साजिश के तहत छिनवाकर इसमें अहम भूमिका निभाने वाले को उपकृत करने वाले, आदिवासियों को नृत्य के जरिए फुसला नहीं सकते। नृत्य तो आदिवासियों की जीवन शैली का अभिन्न अंग है। भाजपा चाहती है कि आदिवासी प्रसन्न होकर स्वाभाविक नृत्य करें। यह सरकार तो उन आदिवासियों का हक मारकर, उनका शोषण कर, उनके साथ विश्वासघात कर, उन्हें रुलाकर नृत्य के नाम पर तमाशा कर रही है। क्या कांग्रेस की सरकार ने आदिवासी को कांग्रेसियों के मनोरंजन का साधन समझ रखा है?
कश्यप ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम में इतना साहस नहीं है कि वे अपनी पार्टी की सरकार को आदिवासियों का हक मारने से रोक सकें। मरकाम आदिवासी हितों की बलि चढ़ाने वाली सरकार के समर्थन में चाबी वाले गुड्डे की तरह चलकर कुलद्रोही जैसा आचरण कर रहे हैं। राजनीतिक लालसा में वे आदिवासी समाज के हितों की हत्या को पुण्य समझ रहे हैं तो आदिवासी समाज उन्हें और कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगा। कांग्रेस भ्रम फैला रही है, जबकि उन्हें यह बताना चाहिए कि चार साल में आदिवासी समाज के हित रक्षण के लिए क्यों कोई उपाय नहीं किया। भाजपा ने आदिवासी आरक्षण बढ़ाया और जब तक सत्ता में काबिज रही, तब तक आदिवासी हितों पर आंच नहीं आने दी, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद अपना असल चरित्र दिखा दिया।
पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा था...
कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रमन राज के दौरान छत्तीसगढ़िया अस्मिता गायब हो गयी थी। राज्योत्सव फिल्मी कलाकारों का मंच बन गया था। राज्य में जबसे कांग्रेस की सरकार बनी है, उसके बाद राज्योत्सव के मुख्य कार्यक्रम को आदिवासी समाज को समर्पित कर दिया गया। जब भाजपा की सरकार थी तब 15 साल तक राज्योत्सव में पुरानी आदिवासी सभ्यता को उपेक्षा की जा रही थी। अब राज्योत्सव के समय ही राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव मनाया जाता है। यह कांग्रेस सरकार द्वारा आदिवासी समाज को दिया जा रहा सम्मान है। आदिवासी समाज के आर्थिक, शैक्षणिक उन्नति के लिए कांग्रेस की सरकार पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है।
मरकाम ने कहा कि भाजपा जवाब दे जब उनकी सरकार थी, तब छत्तीसगढ़ में राज्योत्सव के मंच पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति और छत्तीसगढ़ के कलाकारों की उपेक्षा क्यों होती थी? 15 साल तक भाजपा को आदिवासी संस्कृति की याद क्यों नहीं आई? तब राज्योत्सव में करीना कपूर को बुलाकर 1 मिनट का 4 करोड़ का भुगतान करते थे। सलमान खान को बुलाकर 10 करोड़ का भुगतान करते थे। हमारी छत्तीसगढ़ के आदिवासी संस्कृति को भूला कर क्यों बैठे थे? छत्तीसगढ़ के लोकल कलाकर हैं, उनकी उपेक्षा की जा रही थी। उनके साथ अपने ही राज्य में दो दोयम दर्जे का व्यवहार होता था। आज हमारी संस्कृति सभ्यता का वैभव विश्व आदिवासी महोत्सव के नाम पर पूरे देश दुनिया में हो रहा है।