सीएम भूपेश बघेल का बड़ा आरोप: आदिवासियों से दूसरे दर्जे के लोगों की तरह व्यवहार करती थी भाजपा, लखमा को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह और भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। सीएम ने कहा कि भाजपा की सरकार जब थी, तब उनके नेता आदिवासियों के साथ दूसरे दर्जे की तरह व्यवहार करते थे। पेसा कानून और फॉरेस्ट राइट एक्ट मिलना था, नहीं मिला। आदिवासी इनके राज में पलायन के लिए बाध्य हुए।
सीएम भूपेश बघेल ने पांच दिन के महाराष्ट्र, दिल्ली दौरे पर रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा में ये बातें कहीं। सीएम ने बताया कि कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और परसों राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ मीटिंग है। कैबिनेट के फैसले पर सीएम ने कहा कि आरक्षण पर कैबिनेट में बात हुई है, जिसमें अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग, ईडब्ल्यूएस के आरक्षण के संबंध में संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। 2 जिले में भर्ती की जाती थी। कोई एक्ट नहीं था, जिसको हाईकोर्ट ने निरस्त किया था।
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के बयान पर सीएम ने पलटवार करते हुए कहा कि 15 सालों तक रामराज्य रहा है, उसका कितना खामियाजा हम और आम लोग भुगते हैं। आदिवासियों की जमीन चली गई। सैकड़ों आदिवासी जेल में ठूंस दिए गए। नक्सली बताकर एनकाउंटर किया गया। झीरम में हमारे नेता शहीद हो गए यह रामराज्य था क्या? किस प्रकार लूट मची थी सब ने देखा है।
सीएम ने कहा, 15 साल का रिजल्ट सामने आ गया है और भाजपा 15 सीट में सिमट गई है। 4 सालों तक एक भी विकास कार्य के काम नहीं हुए इस पर सीएम ने कहा कि डॉ. रमन सिंह अगर राजनांदगांव में काम किए होते तो लोग सड़क की मांग नहीं करते। रमन सिंह अगर काम किए होते तो 4 सालों में सड़कें खराब नहीं होती। रमन सिंह गुमराह करके वोट लेते रहे।
मंत्री कवासी लखमा के बयान पर सीएम ने कहा 2003 से लेकर 2012 तक रमन सिंह ने आरक्षण लागू नहीं किया था, जब किया गया तो हाईकोर्ट में टिक नहीं पाया। आरक्षण के लिए विशेष सत्र बुलाया जा रहा। मंत्री कवासी लखमा को इस्तीफा देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कांग्रेस की सरकार हमेशा आदिवासियों के साथ खड़ी रहेगी।
बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर सीएम ने कहा कि लगातार राजनीतिक षड्यंत्र किया जाता था। डॉ. रमन सिंह मुझे चूहा और बृजमोहन अग्रवाल मुझे राक्षस बोलते हैं। बीजेपी वालों के पास कोई मुद्दा नहीं है। हीन भावना से ग्रसित हैं। सत्ता जाने के बाद जो फड़फड़ाहट दिखाई दे रही है। इनके बयानों में साफ दिख रहा है। मनोज मंडावी से उनकी मृत्यु से 1 सप्ताह पहले ही मिला था। कांग्रेस की सरकार ने आदिवासी को विधानसभा का उपाध्यक्ष बनाया बीजेपी ने किस आदिवासी नेता को उपाध्यक्ष बनाया है बता दें।