CG News: CG एसआईआर: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के बीएलए फेल! अब BLA-2, PCC अध्यक्ष दीपक बैज का ये फरमान
कांग्रेस ने अब छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में पहली पंक्ति के नेताओं को उतार दिया है। इसका मतलब पार्टी के बीएलए फेल हो गए, जो बीएलए-2 उतारना पड़ गया है?

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम चार नवंबर से शुरू हो चुका है और चार दिसंबर तक चलेगा। इसके लिए कांग्रेस ने अपने बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को बीएलए बना कर उतारा है, ताकि मतदाता सूची की छंटनी पर नजर रखी जा सके। पार्टी को उम्मीद थी कि बूथ स्तर के पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता घर-घर जाकर मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे।
इसके विपरीत ज्यादातर जिलों से सूचना आ रही है कि संगठन के बूथ स्तर पर कोई हलचल नहीं है। इस कारण अब पार्टी चिंतित हो गई है। बीएलए फेल होने के कारण छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने फरमान जारी कर दिया है कि अब विधायक, जिला अध्यक्ष और सभी वरिष्ठ नेता अपने- अपने बूथ को संभालेंगे, मतलब बीएलए-2 का काम करेंगे। इन नेताओं को उसी बूथ के घरों में सक्रिय होना है, जहां के वे खुद मतदाता है।
पार्टी नेताओं ने इसके पीछे तर्क दिया है कि पार्टी के बीएलए तो काम कर रहे हैं, अब इसे और गंभीरता से काम करने के लिए वरिष्ठ नेताओं को लगाया गया है। इसके विपरीत जिलों में इस फरमान के बाद कुछ अलग ही तरीके से काम चल रहा है। ज्यादातर जिला अध्यक्षों ने तो बूथवार वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी लगाने की जगह उनसे ही पूछा है कि कौन किस बूथ स्तर पर काम करना चाहता है? जाहिर है, कम से कम विधायक तो कुछ बोलने से रहे और वैसे भी कहा जा रहा है कि कौन सा ऐसा विधायक है, जो बूथ स्तर पर काम कर घर- घर संपर्क करना चाहेगा। कुछ पार्टी नेताओं का कहना था कि इसकी जगह तो विधायक और वरिष्ठ नेताओं को इलाके का जिम्मा दिया जाना था, इससे जिम्मेदारी तय होती और अधिक संख्या में कार्यकर्ता काम करने के लिए निकलते।
समय बचा कम, कांग्रेस कर रही प्रयोग
गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के लिए चार दिसंबर तक का समय तय किया गया है। देखा जाए तो अब केवल 14 दिन शेष रहे गए हैं और इधर कांग्रेस इसे लेकर संगठन स्तर पर प्रयोग ही कर रही है। कायदे से अब तक सभी घरों में चुनाव आयोग द्वारा तैनात बीएलओ द्वारा घर- घर संपर्क कर फार्म बांट दिया जाना था। अब भी ऐसे इलाकों की कमी नहीं है, जहां वोटरों को फार्म नहीं मिला है। वोटरों और बीएलओ के बीच राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को कड़ी के रूप में काम करना था, यह नहीं होने से आम मतदाता परेशान है। परेशान मतदाता जूझने की जगह मतदाता सूची से नाम कटवाना पसंद करेंगे।
पुराने जिला अध्यक्ष भी वजह
छत्तीसगढ़ में जिलों में नए अध्यक्षों पर फैसला बीते तीन माह से अटका हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताह जिला कांग्रेस अध्यक्षों की नियुक्ति हो जाएगी। पार्टी आलाकमान के आदेश पर पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत को दिल्ली बुलाया गया था। बुधवार की रात पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दिल्ली पहुंच गए हैं। इस कारण अब नए जिला अध्यक्षों के प्रस्ताव पर मुहर लग जाने की पूरी संभावना दिख रही है। पुराने जिला अध्यक्ष एसआईआर के लिए पूरी ताकत से काम नहीं कर रहे हैं और यही कारण है कि बूथ स्तर पर पार्टी के कार्यकर्ता सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। अब नए जिला अध्यक्ष बनेंगे, तब तक गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के लिए समय कम बचा रहेगा।
