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BJP नेताओं को झटका: जामवाल की दो टूक- चुनाव लड़ना चाहते हैं तो विधानसभा का प्रभार छोड़ दें, टिकट की गारंटी तब भी नहीं

BJP नेताओं को झटका: जामवाल की दो टूक- चुनाव लड़ना चाहते हैं तो विधानसभा का प्रभार छोड़ दें, टिकट की गारंटी तब भी नहीं
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By NPG News

रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने बुधवार को चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे भाजपा नेताओं को बड़ा झटका दिया। संभाग, जिला और विधानसभा प्रभारियों की बैठक में जामवाल ने दो टूक कह दिया कि जो चुनाव लड़ना चाहते हैं, वे विधानसभा का प्रभार छोड़ दें। बात यहीं खत्म नहीं हुई। जामवाल ने यह भी कह दिया कि इसके बाद भी टिकट मिलने की गारंटी नहीं है। यह सुनकर नेताओं के चेहरे मुरझा गए, क्योंकि बैठक में मौजूद अधिकांश नेता चुनाव लड़ने वाले थे। बैठक खत्म होने के बाद इस बात की चर्चा रही कि अब क्या किया जाए? प्रदेश, जिले या मोर्चा-प्रकोष्ठ में जिन नेताओं को जगह नहीं मिली थी, ऐसे कुछ नेताओं को विधानसभा का प्रभार दिया गया है। कुछ ने तो पद मिलने की आशा में विधानसभा प्रभारी बनना स्वीकार किया, जिससे प्रोफाइल मजबूत हो, लेकिन क्षेत्रीय संगठन महामंत्री के बयान ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप, विजय शर्मा और ओपी चौधरी भी मौजूद थे। कुछ विधानसभा प्रभारियों को जिलाध्यक्ष बनाया गया है, इसलिए नए प्रभारी भी तय किए गए हैं। सुभाष तिवारी, संजू नारायण ठाकुर और सुशांत तिवारी आदि को बैठक में बुलाया गया था। हालांकि बैठक में उनके नाम का ऐलान नहीं हुआ।


संगठन के काम से प्रवास की ही गिनती

कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में हुई बैठक में जामवाल का पूरा फोकस विधानसभा प्रभारियों पर था। उन्होंने जब प्रवास की जानकारी मांगी तो पता चला कि 90 सीटों में से अधिकांश प्रभारी ऐसे हैं, जो बूथ स्तर पर पहुंचना तो दूर अब तक एक-दो बार ही जिले में पहुंचे हैं। कुछेक ही ऐसे थे, जो 5-10 बार अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करने पहुंचे थे। हालांकि जामवाल इससे भी संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने कह दिया कि इतने से काम नहीं चलेगा। बूथ स्तर तक जाना होगा। एक प्रभारी ने तो ऐसा तर्क दिया कि गांव-गांव में मंडल हैं तो कैसे जाएंगे? क्षेत्रीय संगठन महामंत्री का सीधा सा संदेश था कि यह सब करना होगा। उन्होंने नवंबर तक हर हाल में बूथ स्तर तक पहुंचने के निर्देश दिए। साथ ही, यह भी ताकीद किया है कि सिर्फ संगठन के कामकाज के उद्देश्य से जो प्रवास होगा, उसकी ही गिनती होगी। शादी-ब्याह, शोक या छट्‌ठी जैसे कार्यक्रम में अपने प्रवास क्षेत्र जाने पर उसे संगठन का काम नहीं माना जाएगा।


चुनाव जीतना ही एकमात्र लक्ष्य

प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि आप चाहे बैठक करें, चाहे किसी से मिलें या कोई भी कार्य करें, लक्ष्य केवल जीतना हो। एक-एक वोट के लिए मेहनत करें। हमारी तैयारी में कोई कमी न हो, यही सबका प्रयास हो। साव ने मतदान केंद्रों में तैयारी और आगे की चुनावी रणनीति के लिए भी मार्गदर्शन दिया। बैठक में बूथ सशक्तिकरण, केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क, विधानसभाओं में प्रवास के साथ-साथ सभी के कार्यों की समीक्षा की। हर विधानसभा की माइक्रो मैनेजमेंट को लेकर चर्चा हुई। हर महीने प्रभारियों की समीक्षा बैठक की जाएगी। बूथ व शक्ति केंद्र के लोगों से सीधा संपर्क, हर कार्य की समय-सीमा का टारगेट रखने कहा गया। सप्ताह व महीने में विधानसभाओं में न्यूनतम प्रवास पर भी दिशा निर्देश दिए गए हैं।

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