BJP कार्यकर्ताओं की गुहार: महासमुंद में कार्यकर्ताओं ने कहा- इस बार घोषणा पत्र में शामिल करें धान की कीमत, बोनस भी
क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल के सामने चार विधानसभा से जुटे कार्यकर्ताओं ने रखी अपनी बात।
महासमुंद। भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल अब विधानसभावार समीक्षा कर रहे हैं। वे बूथ स्तर के पदाधिकारियों से चर्चा कर उनकी बात सुन रहे हैं। रायपुर शहर के चारों विधानसभा क्षेत्रों की बैठक के बाद जामवाल ने महासमुंद जिले के चारों सीटों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक ली। इस दौरान प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, संभाग प्रभारी सौरभ सिंह, सांसद चुन्नीलाल साहू, जिलाध्यक्ष रूपकुमारी चौधरी मौजूद थे।
भाजपा कार्यालय में बैठक के दौरान किसी तरह की नाराजगी या आरोप-प्रत्यारोप के बजाय कुछ कार्यकर्ताओं की ओर से आए सुझाव ने नेताओं को चौंका दिया। कार्यकर्ताअों का कहना था कि वे संगठन के लिए पूरी मेहनत करेंगे, लेकिन इस बार घोषणा पत्र में धान की कीमत और दो साल के बोनस को जरूर शामिल करें। कार्यकर्ताओं का कहना था कि 2018 का चुनाव घोषणा पत्र में धान की कीमत का उल्लेख नहीं करने के कारण हारे थे।
कांग्रेस ने घोषणा पत्र में उल्लेख किया, जिसका उन्हें लाभ मिला। अब भले ही वे किस्तों में राशि देकर किसानों को ठग रहे हैं। महासमुंद में स्थानीय नेताओं में किसी तरह की बगावत या अंदरूनी लड़ाई जैसी बात नहीं आई, लेकिन घोषणा पत्र को लेकर उनका विशेष फोकस था। दरअसल, 2018 में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर अभी भी यह बहस जारी है कि 15 साल की सरकार के खिलाफ नाराजगी के कारण भाजपा हारी या कांग्रेस ने जो घोषणा पत्र तैयार किया था, उसका असर दिखा।
जीत तय, बस जुट जाएं
क्षेत्रीय संगठन महामंत्री जामवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। जो संकेत हैं, उससे भाजपा की जीत तय है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि बूथ स्तर पर जुट जाएं। राज्य सरकार की नाकामियों को लोगों को बताएं। यह भी बताएं कि पिछले चार साल से किस तरह राज्य का विकास ठप हो गया है। भ्रष्टाचार बढ़ गया है।
रायपुर में मचा था बवाल
एकात्म परिसर में जब रायपुर शहर के चारों विधानसभा के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई, तब जमकर बवाल मचा था। कार्यकर्ताओं ने पूर्व शहर अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी को लेकर इशारों इशारों में काफी शिकायतें कीं। रायपुर ग्रामीण के कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक कह दिया कि 15 साल से लगातार एक ही समाज को मौका दिया जा रहा है। इस बार भी ऐसा हुआ तो हार तय है।