BJP अध्यक्ष की अफसरों को चेतावनी : साव ने कहा – साफ दिख रहा कौन पक्षपात कर रहा, समझ लें सत्ता आती-जाती है
रायपुर. छत्तीसगढ़ के भाजपा अध्यक्ष अरुण साव ने शुक्रवार को राज्य के अधिकारियों को चेतावनी दे डाली. उन्होंने कहा कि अधिकारी समझ लें कि सत्ता आती-जाती है. उन्हें निष्पक्ष होकर कार्य करना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अधिकारी सत्ता के इशारे पर भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार करना बंद करें, क्योंकि यह साफ दिखाई देता है कि कौन निष्पक्ष और कौन-कौन अधिकारी पक्षपातपूर्ण ढंग से कार्यवाही कर रहे हैं. पीएम आवास के लिए आंदोलन कर रहे कार्यकर्ताओं पर आंसू गैस के गोले फेंकने और वाटर कैनन इस्तेमाल करने पर साव ने कहा, 'कल जो बड़ा आंदोलन हुआ वह परिणाम नहीं पड़ाव है. भाजपा इसे परिणाम तक पहुंचाएगी. कांग्रेस सरकार द्वारा जनता से की गई धोखाधड़ी के खिलाफ इससे भी बड़े-बड़े आंदोलन करेगी.'
भाजपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत में साव ने कहा कि एक तरफ हमने जनता के पैर धोए. दूसरी तरफ भूपेश सरकार ने उन पर बम फिकवाए. इससे कांग्रेस की मानसिकता साफ है कि उन्हें गरीबों से घृणा है. राज्य सरकार कृत्यों ने नादिरशाह और तुगलक की याद दिला दी. छत्तीसगढ़ के विधानसभा परिसर को 'जलियांवाला बाग' बनाने की साजिश रची गई थी. जिस तरह लोकतांत्रिक आंदोलन करने वालों पर ऊंचाई से गोले बरसाए गए. मुख्यमंत्री जनरल डायर की भूमिका में दिखे. सरकार के लोगों पर हत्या के प्रयास का केस चलना चाहिए.
साव ने कहा, मोर आवास मोर अधिकार अभियान के तहत भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ के आयोजन में इतिहास रचा है. कांग्रेस की बहरी सरकार के समक्ष जनता ने एक ऐसा बड़ा धमाका कर दिया है, जिसकी गूंज कांग्रेस के नेताओं को हमेशा सुनाई देती रहेगी. इस दौरान प्रदेश संयोजक प्रदेश महामंत्री विजय शर्मा, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता मौजूद रहे.
भाजपा के नेताओं ने ही उकसाया
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा लोकतांत्रिक आंदोलन की आड़ में प्रदेश में हिंसा फैलाना चाहती है. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विधानसभा घेराव के आंदोलन के दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अपने ही द्वारा लाई गई भीड़ को उकसा कर प्रदर्शन को हिंसक बनाने का षड्यंत्र रचा था. भाजपा नेता सत्ता पाने के लिए अपने कार्यकर्ताओं की बलि लेने पर उतारू थे. भाजपा चाहती थी आंदोलन में लाठीचार्ज हो, गोलीबारी हो, लोग हताहत हों, घायल हों ताकि वह सरकार को बदनाम करने का मौका पा सके. पुलिस ने भाजपा नेताओं के आततायी आचरण और उकसावे वाली कार्यवाही के बाद भी पुलिस के अधिकारियों और जवानों के संयम की तारीफ की जानी चाहिए. उन्होंने पूरी निष्ठा से कानून और कर्तव्य के पालन के लिए शांतिपूर्वक काम किया.
शुक्ला ने कहा, पहली बार नहीं है जब भाजपा के आंदोलन में हिंसा फैलाने पुलिस से मारपीट और उकसाने की कार्यवाही की गयी. इसके पहले मुख्यमंत्री निवास घेराव के भाजयुमो के आंदोलन में भी भाजपा नेताओं ने पुलिस अधिकारियों और महिला अधिकारियों से मारपीट की थी. भाजपा के पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने पुलिस अधिकारियों को गंदी गालियां देकर उकसाया था, विधानसभा घेराव में भी भाजपा का वही आचरण दिखा.