अडानी फर्जीवाड़े में केंद्र भी भागीदार : LIC और SBI का अडानी समूह में निवेश वापस लेने की मांग पर कांग्रेस का राजभवन मार्च
रायपुर. हिंडनबर्ग खुलासे के बाद अडानी फर्जीवाड़े की जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) से जांच कराने और अडानी समूह में एलआईसी व एसबीआई का निवेश वापस लेने की मांग पर कांग्रेस ने राजभवन मार्च किया. इससे पहले अंबेडकर चौक पर सभा हुई, जिसमें एआईसीसी महासचिव व छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सेलजा, सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित प्रमुख नेता और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए. धरने के बाद राजभवन तक मार्च किया और राज्यपाल बिश्वभूषण हरिचंदन को ज्ञापन सौंपा.
छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सैलजा ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, हिंडनबर्ग खुलासे के बाद लंबा समय बीत जाने के बावजूद अब तक ना कोई एफआईआर, ना किसी भी तरह की जांच का आदेश दिया गया है? आखिर मोदी सरकार मौन क्यों है? हिंडनबर्ग रिपोर्ट में उजागर आर्थिक अनियमितता, मनी लॉन्ड्रिंग, ब्लैक मनी और विदेशों में फर्जी सेल कंपनियां बनाकर किए जा रहे हैं. अडानी के फर्जीवाड़े पर भाजपा और मोदी सरकार भी भागीदार है. अडानी से भाजपा को सपोर्ट मिलता है. चुनाव लड़ने के लिए पैसा मिलता है और इसीलिए अडानी को बचाने उसके फर्जीवाड़े पर मोदी सरकार पर्दा डाल रही है.
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि अडानी 609 नंबर पर थे. कुछ ही महीने बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े पैसे वाले व्यक्ति बन गए, लेकिन हिंडनबर्ग में कुछ ऐसा प्रकाशित हुआ जिसके बाद उनके शेर धड़ाम से गिरे. लोकसभा, राज्यसभा में अडानी मसले पर सवाल के दौरान पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे दोनों के भाषण को रिकॉर्ड से हटा दिया जाता है. इसकी जांच क्यों नहीं होती? मोदी सरकार के अडानी परस्ती वाली नीति के कारण ही अडानी समूह इतना बड़ा घोटाला करने में कामयाब रहा. इसमें देश की सबसे विश्वसनीय वित्तीय संस्थाओं एलआईसी और एसबीआई की शाखा भी खतरे में पड़ गयी है. देशव्यापी मांग और संसद में विपक्षी दल द्वारा लगातार किए गए मांग के बावजूद मोदी सरकार अडानी समूह की घपलेबाजी की जांच करवाने को तैयार नहीं है. आखिर प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार अडानी समूह की आर्थिक घपलेबाजी की जांच से घबरा क्यों रही है? उन्हें जांच से किसका चेहरा बेनकाब होने का डर सता रहा है? देश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि आखिर सरकारी बैंकों से अडानी को अनुपातहीन लोन किस के दबाव में दिया गया? षड्यंत्र उजागर होने के बाद भी एलआईसी का पैसा क्यों दबावपूर्वक अडानी की कंपनी में लगवाया जा रहा है? एलआईसी और एसबीआई देश की जनता का भरोसा है, जिसे षड्यंत्र पूर्वक व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने पूंजीपति मित्र पर लुटाया जा रहा है. लाखों करोड़ के मनी लांड्रिंग, ब्लैकमनी, विदेशों में फर्जी सेल कंपनी बनाकर अडानी की कंपनी में लगाने के तथ्य उजागर हुए हैं.
केंद्र में हम दो-हमारे दो की सरकार
पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आज देशभर में राजभवन घेराव का कार्यक्रम किया गया है. केंद्र की मोदी सरकार अडानी ग्रुप को बचाने का काम कर रही है. हमारी मांग है कि ग्रुप की जांच हो. केंद्र में 'हम दो हमारे दो कि सरकार है.' मोदी जी कहते थे कि ना खाऊंगा ना खाने दूंगा, लेकिन मोदी जी खुद भी खा रहे हैं और मित्रों को भी खिला रहे हैं. पीएम के भाषण में अक्सर कहा जाता है कि देश बदल रहा है. मगर हकीकत यह है कि देश बिक रहा है. हमारी मांग है एलआईसी, स्टेट बैंक और अन्य बैंकों की जो संपत्तियां हैं, जो देश के लोगों की खून पसीने की कमाई है, उनका पैसा सुरक्षित हो. आम जनता की लड़ाई कांग्रेस पार्टी लड़ रही है. हम महामहिम राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि अडानी की कंपनियों की जांच होनी चाहिए.
सभा को राष्ट्रीय सचिव चंदन यादव, मंत्री टीएस सिंहदेव, पूर्व अध्यक्ष धनेंद्र साहू, अमितेष शुक्ला, राजेंद्र तिवारी और जिलाध्यक्षों ने भी संबोधित किया.