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CG Liquor Scam News: इसलिए ED ने Ex CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य की नहीं मांगी रिमांड, जानिये अधिकतम रिमांड कितने दिनों के लिए मिल सकती है...

CG Liquor Scam News: आबकारी घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल का रिमांड खतम होने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। ईडी ने दूसरी बार उनकी रिमांड क्यों नहीं मांगी...आईये जानते हैं और ये भी कि जांच एजेंसियों को अधिकतम कितने दिनों की रिमांड मिल सकती है...

CG Liquor Scam News: इसलिए ED ने Ex CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य की नहीं मांगी रिमांड, जानिये अधिकतम रिमांड कितने दिनों के लिए मिल सकती है...
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By Gopal Rao

CG Liquor Scam News: रायपुर। 2500 करोड़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रर्वतन निदेशालय ने पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल की दोबारा रिमांड नहीं मांगी। ईडी की विशेष न्यायालय ने चैतन्य को 14 दिनों के लिए जेल भेज दिया। चैतन्य को पहली बार पांच दिन की रिमांड मिली थी। इसके बाद ऐसा लग रहा था कि ईडी आज फिर रिमांड मांगेगी...लोगों में इसको लेकर उत्सुकता भी थी कि रिमांड की डिमांड पर कोर्ट क्या फैसला करता है। मगर ईडी ने रिमांड मांगा ही नहीं।

बता दें, शराब घोटाले में ईडी ने 18 जुलाई को भूपेश बघेल के घर पर छापा मारकर उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर किया था। ईडी चैतन्य को सीधे कोर्ट लेकर पहुंची और उसे पांच दिन की रिमांड मिल गई। स्पेशल कोर्ट ने चैतन्य को 14 घंटे में एक बार आधे घंटे के लिए वकीलों और परिजनों से मिलने की छूट दी थी। इन पांच दिनों में ईडी ने कड़ाई से पूछताछ की।

कल भूपेश बघेल और उनकी बेटी, बहू कल चैतन्य से मिलने ईडी ऑफिस गए थे। ईडी ऑफिस से निकलकर भूपेश ने फिर दोहराया था कि अडानी के पेड कटाई के मुद्दे को वे उठा रहे हैं, इसलिए केंद्र के इशारे पर उन्हें परेशान किया जा रहा है।

ईडी ने चैतन्य की क्यों नहीं मांगी रिमांड

पांच दिन की रिमांड खतम होने के बाद ईडी के अफसर आज चैतन्य बघेल को लेकर कोर्ट पहुंचे तो लग रहा था कि ईडी कम-से-कम पांच दिन की रिमांड और मांगेगी। मगर ईडी ने रिमांड नहीं मांगा, इसलिए स्पेशल कोर्ट ने चैतन्य को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया। अब प्रश्न है कि ईडी ने दूसरी बार रिमांड क्यों नहीं मांगा? जानकारों का कहना है कि बड़े केस में जांच एजेंसियां रिमांड का टाईम बचाकर रखती है। ताकि, जांच के दौरान और साक्ष्य की तस्दीक करानी पड़ी या आरोपियों को आमने-सामने बिठाकर क्रॉस एग्जामिन करना हो तो कोर्ट से फिर रिमांड ली जा सके। आबकारी घोटाला चूकि बड़ा मामला है, इसलिए ईडी ने रणनीति के तहत रिमांड बचाकर रखा है। ताकि, आगे काम आ सके।

कितने दिन की रिमांड

पुलिस या सीबीआई, ईडी अगर किसी आरोपी को गिरफ्तार करती है तो पूछताछ के लिए उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी जाती है। आमतौर पर पहली बार में तीन या पांच दिन की रिमांड मिल जाती है। फिर केस के स्तर के हिसाब से रिमांड मांगी जाती है। मगर अधिकतम रिमांड 15 दिन से अधिक नहीं हो सकती। वैसे बडे अपराधिक मामलों या स्कैम में ही 15 दिन की रिमांड मिल पाती है, जिसके गुत्थ्यिं काफी उलझी हो या फिर उंचे रसूखदा लोग केस से जुड़े हों। वरना, कोर्ट को अधिकार है कि वह रिमांड अवधि को कम कर सकती है। याने ऐसा नहीं है कि 15 दिन रिमांड का नियम है तो हर मामले में 15 दिन की रिमांड मिल जाए। केस की गंभीरता को देखते कोर्ट इस बारे में तय करता है।

Gopal Rao

गोपाल राव: रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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