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CG हॉर्स ट्रेडिंगः सरकार बचाने जब अरुण जेटली चार्टर प्लेन से रायपुर पहुंचे और पत्रकारों को दिखाए 45 लाख

CG हॉर्स ट्रेडिंगः सरकार बचाने जब अरुण जेटली चार्टर प्लेन से रायपुर पहुंचे और पत्रकारों को दिखाए 45 लाख
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By Sandeep Kumar Kadukar

Chhattisgarh Assembly Election 2023

रायपुर. 7 दिसंबर 2003... वह तारीख जब डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. लेकिन क्या रमन सिंह सीएम बन पाते? या उनके हाथ आने से पहले ही सत्ता छिन जाती? यह किस्सा छत्तीसगढ़ की उस हॉर्स ट्रेडिंग की कोशिश का है, जिसने देश में खलबली मचा दी थी. छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी को सीएम की कुर्सी से उतरते ही निलंबित होना पड़ा था और देश में दलबदल कानून इस घटना के बाद ही बना था.

अजीत जोगी : मैंने आपको एक संदेश भेजा था.

वीरेंद्र पांडेय : हां, मुझे आपका प्रस्ताव मिला. कुछ बातों को स्पष्ट करना जरूरी है. आप कहते हैं कि आपके पास 37 विधायक हैं.

अजीत जोगी : 39 मान लीजिए. बीएसपी के दो विधायक भी हमारे साथ हैं.

यह वह बातचीत का अंश है, जो जोगी और भाजपा नेता वीरेंद्र पांडेय के बीच हुई थी. तारीख थी, 6 दिसंबर 2003.

अजीत जोगी ने भाजपा के विधायकों को खरीदने की कोशिश की थी. बलीराम कश्यप को सीएम बनाने का दावा किया था और 45 लाख रुपए में सौदा हुआ था. पांडेय ने एक पुलिस वाले की मदद से अपने घर पर लैंडलाइन फोन पर टेप करने की व्यवस्था कराई थी और उस टेप को पार्टी के नेताओं को सौंपा था.

बाद पार्टी हाईकमान तक पहुंची. तब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी. डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी ने कानून के जानकार और तत्कालीन कानून मंत्री अरुण जेटली को चार्टर प्लेन से रायपुर भेजा. होटल पिकाडली में प्रेस कांफ्रेंस हुई, जिसमें जेटली ने वह टेप और 45 लाख रुपए जो वीरेंद्र पांडेय को मिले थे, वह पत्रकारों के सामने रख दिया. नए नवेले छत्तीसगढ़ में यूपी-बिहार की तरह हॉर्स ट्रेडिंग की यह पहली घटना थी, जिसमें भाजपा की 50 सीटों वाली सरकार को बनने से पहले ही तोड़ने की कोशिश की गई थी. इस पर इतना बवाल मचा कि कांग्रेस पार्टी ने जोगी को निलंबित कर दिया था. हालांकि बाद में उनकी वापसी हो गई थी.

इससे पहले जब जोगी सीएम थे, तब भी उन्होंने भाजपा के 12 विधायकों को तोड़ लिया था. दरअसल, जब छत्तीसगढ़ राज्य बना, तब कांग्रेस की सरकार को शासन करने के लिए तीन साल का मौका मिला. लॉ एंड ऑर्डर की बदहाल स्थिति, विधायकों की खरीद-फरोख्त जैसे मामले कांग्रेस के खिलाफ गए और कभी कांग्रेस का गढ़ रहे छत्तीसगढ़ के हिस्से में पहली बार कमल खिला था.

दूसरी बार जब सीएम बनाने की बारी आई थी, तब भी वही स्थिति बनी कि किसी निर्वाचित विधायक के बजाय बाहर के नेता को सीएम बनाने का निर्णय लिया गया. यह मौका मिला था डॉ. रमन सिंह को, जो केंद्रीय राज्यमंत्री की कुर्सी छोड़कर छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष बने थे. चार दिसंबर 2003 को चुनाव परिणाम आया था. 5 दिसंबर 2003 को होटल पिकाडली में विधायकों की बैठक चल रही थी. इस बैठक में संगठन महामंत्री संजय जोशी और राजनाथ सिंह मौजूद थे, जो उस समय छत्तीसगढ़ के प्रभारी थे.

Sandeep Kumar Kadukar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

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