CG Election 2025: नगरीय निकाय चुनाव: शहर सरकार बनाने पुराने चेहरे पर दांव लगाएगी भाजपा
CG Election 2025: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले बिलासपुर शहर में नगर निगम चुनाव इस बार खास होने वाला है। बिलासपुर ही नहीं प्रदेश की 14 में से जिन 10 निगमों में चुनाव होगा वह खास ही रहेगा। मेयर सीधे चुने जाएंगे। भाजपा व कांग्रेस को दो हिस्सों में रणनीति बनानी होगी। मेयर के अलावा पार्षदों का जीतना भी जरुरी है। निगम में मेयर अपना बना और पार्षदों का पर्याप्त बहुमत भी रहे। इन्हीं दो रणनीति पर काम हो रहा है। गुरुवार को पूरे दिन संभागीय भाजपा कार्यालय में संभागीय बैठक में दिग्गज भाजपाई व्यस्त रहे। बिलासपुर नगर निगम चुनाव में भाजपा अपने पुराने चेहरे पर दांव लगाने की तैयारी पूरी कर ली है। एनपीजी के पास पार्षद पद के संभावित उम्मीदवारों की जो सूची है उससे तो यही लगता है कि पुराने चेहरे पर ही भाजपा ने भरोसा करने का मन बना लिया है।

CG Election 2025: बिलासपुर। भाजपा के संभागीय कार्यलय में गुरुवार की सुबह से चुनावी रणनीति पर दिग्गज चर्चा करते रहे। बिलासपुर संभाग के अंतर्गत आने वाले निगम के अलावा नगरपालिका व नगर पंचायत अध्यक्ष से लेकर पार्षदों के नाम पर चर्चा होती रही। पार्षद पद के उममीदवारों के लिए बनी कमेटी से संभागीय कमेटी ने एक-एक रायशुमारी के साथ ही नामों की सूची भी ली। बिलासपुर नगर निगम चुनाव को लेकर जो विशेष रणनीति पर काम करते दिखाई दे रहे हैं। चर्चा तो इस बात की है कि भाजपाई रणनीतिकार पुराने चेहरे पर दांव लगाने की सोच रहे हैं।
एनपीजी के पास उपलब्ध सूची के अनुसार अधिकांश पुराने चेहरे वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ते दिखाई देंगे। एक दर्जन ऐसे वार्ड हैं जहां दो नामों का पैनल है। अधिकांश वार्ड में उम्मीदवारों के सिंगल नाम है। खास बात ये कि इन नामों पर विवाद की स्थिति भी नहीं बनी है। कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां दिग्गज पार्षदों की पत्नियां चुनाव मैदान में भाग्य आजमाते नजर आएंगी। ये ऐसे वार्ड हैं जो महिला के लिए आरक्षित हो गया है। चार से पांच ऐसे वार्ड हैं जहां सीटिंग पार्षद पैनल में फंसे हुए हैं। उनकी टिकट सर्वे रिपोर्ट के आधार पर तय की जाएगी। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर पार्षदों के नाम तय किए जा रहे हैं। जहां एंटी इंकबेंसी की आशंका है वहां पैनल लगा दिया है। पैनल में ऐसे चेहरे को शामिल किया है जो फ्रेश हैं और निर्विवाद हैं। भाजपाई रणनीतिकारों का मानना है कि एंटीइंकबेंसी को दूर करने के लिए नए चेहरे को मैदान में उतारकर काफी हद तक विरोध को दूर किया जा सकता है।
सिंगल नाम और कुछ वार्डाें में पैनल
नितिन श्याम भाई पटेल, मीनाक्षी यादव, श्याम पटेल या कार्तिक यादव, प्रतिभा मिश्रा, सुरेश वाधवानी की पत्नी, मधुबाला टंडन, संजय यादव की पत्नी, महेश चंद्रिकापुर की पत्नी,सुशील श्रीवास्तव, मीना गोस्वामी या वशी खान की पत्नी, वंदना टंडन या कुसुम भारद्वाज, पूर्व पार्षद की पत्नी, गणेश रजक या ओंकार केशरवानी,सरिता कामरे या मधुसूदन राव, कृष्णा रजक की पत्नी, शेखर पाल, प्रकाश यादव, अमित तिवारी या प्रशांत कश्यप, निरुल जिवनानी, दुर्गा सोनी या प्रदीप,गोड़पारा वार्ड से विनोद सोनी, राेशन व शरद गुप्ता। रंगा नादम, बबलू पमनानी,जूनाबिलासपुर वार्ड से सूरज दीवान या बल्लू हरियाण्वी, बंधु लाल मौर्य या वीरेंद्र चौधरी, संजय पानिकर या योगेश बोले, मोती गंगवानी, पूजा विधानी।
सरकंडा में रहेगा जोर आजमाइश
सरकंडा में इस बार भी दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। आरक्षण के चलते पुराने चेहरे इस बार चुनावी मैदान में नजर नहीं आएंगे। उनकी जगह पत्नी चुनाव लड़ते दिखाई देंगी। आरक्षण का प्रभाव उम्मीदवारी और पैनल पर भी नजर आ रहा है। एनपीजी को मिली जानकारी के अनुसार सरकंडा के वार्डों में इनकी उम्मीदवारों को फाइनल माना जा रहा है। कुछ एक वार्ड में पैनल बन गया है। ज्योति उपाध्याय या पुष्पा तिवारी, राजेश डुसेजा या तिर्थानी, अशोक सराफ, रमेश शुक्ला, अभिषेक साव या नारद साहू, पार्षद ओमप्रकाश पांडेय की पत्नी, जय विधवानी या अनमोल झा, सुमन द्विवेदी।
बिल्हा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्ड में सीमा संजय सिंह या राजेश त्रिवेदी, रवि मेहर। मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्ड में देवरीखुर्द- लक्ष्मी यादव या बीपी सिंह का पैनल बन गया है। एक वार्ड में प्रमोद परस्ते का नाम सिंगल है।