CG Election 2025: DIG की पत्नी और ससुर हारे, CM के समधी और साले जीते, तीन पूर्व गृह मंत्रियों के रिश्तेदार हुए पस्त, इस मंत्री की बहू नहीं बचा पाई सीट...
CG Election 2025: छत्तीसगढ़ के नगरीय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कई नेताओं और अधिकारियों के नाते-रिश्तेदार भी भाग्य आजमा रहे थे। इनमें से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साले और समधी चुनाव जीतने में कामयाब रहे। वहीं, डीआईजी की पत्नी और ससुर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए। सीएम के साले पत्थलगांव की उस सीट से चुनाव जीते जहां बीजेपी पहले कभी नहीं जीती। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की बहू के साथ ही तीन पूर्व गृह मंत्रियों के रिश्तेदार अपनी सीट नहीं बचा पाए।

CG Election 2025: रायपुर। छत्तीसगढ़ के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बीजेपी को कई जिलों में ऐतिहासिक जीत हासिल हुई तो गुटबाजी की वजह से कई जगह हार का सामना करना पड़ा। यहां तक कि रायपुर जिले में सत्ताधारी पार्टी के सात विधायक और एक सांसद हैं, वहां की स्थिति यह है कि यहां कांग्रेस के जिला अध्यक्ष बनने की संभावना प्रबल है।
इस चुनाव में कई नेताओं और अफसरों के नाते-रिश्तेदार भी किस्मत आजमा रहे थे। दंतेवाड़ा के डीआईजी कमललोचन कश्यप की पत्नी सुशीला कश्यप और ससुर समंद साय कच्छ भी प्रत्याशी थे।
बस्तर जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 11 से समुंद साय कच्छ प्रत्याशी थे। समुंद साय राज्य की पूर्ववर्ती डॉ. रमन सिंह की सरकार ने छत्तीसगढ़ वन विकास निगम का चेयरमैन रहे। समंद और उनकी बेटी दोनों तीसरे नंबर पर रहे। समंद को 4041 मत मिले, वहीं कामदेव बघेल को 9879 और रुकमणि कर्मा को 8685 वोट।
इसी जिला पंचायत के वार्ड क्रमांक 10 से सुशीला कश्यप सदस्य का चुनाव मैदान में उतरी थीं। सुशीला कश्यप को करारी हार का सामना करना पड़ा। वहां से बीजेपी की समर्थित प्रत्याशी पदमिनी कश्यप जीती। पदमिनी को 11571 वोट मिले। वहीं, कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी सोनू मौर्य को 7911 और सुशीला कश्यप को 4321 वोट। याने डीआईजी की पत्नी तीसरे नंबर पर रही।
बता दें, विधानसभा चुनाव के समय कमललोचन कश्यप के भी चुनाव लड़ने की चर्चाएं थी, मगर ऐसा हो नहीं पाया।
सीएम के साले और समधी जीते
सीएम विष्णुदेव साय के समधी टीकाराम कंवर धमतरी जिला पंचायत से बडी जीत दर्ज की है। टीकाराम पूर्व में थानेदार रहे हैं। सीएम के साले सलिक साय को बीजेपी ने फोर्स करके पत्थलगांव की उस सीट से उतारा था, जहां से बीजेपी कभी नहीं जीती।
वैसे भी पत्थलगांव कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती है। पिछले विधानसभा सीट में भी उस इलाके से बीजेपी 11 हजार मतों से पीछे रही थी। मगर सालिक साय ने 14 हजार वोटों से अहम जीत दर्ज की। जाहिर है, जिला पंचायत के अध्यक्ष के लिए उनका पलड़ा भारी हो गया है।
3 पूर्व गृहमंत्रियों के रिश्तेदार हारे
पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के भतीजा तोषण साहू बालोद जिले के गुरूर जनपद में बीजेपी प्रत्याशी से चुनाव हार गए। इसी तरह पूर्व गृह मंत्री रामसेवक पैकरा की पत्नी सूरजपुर से चुनाव हार गई। पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर की बहू को भी कोरबा जिले में हार का सामना करना पड़ा।
विधायक की पत्नी हारीं
नगरीय निकाय चुनाव में धमतरी के कांग्रेस विधायक ओंकार साहू की पत्नी सुनीता साहू आमदी नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हार गई। उन्हें बीजेपी की ज्योति साहू ने परास्त किया।
मंत्री की बहू हारी
मनेंद्रगढ़ के झगराखांड नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए हेल्थ मिनिस्टर श्याम बिहारी जायसवाल की बहू चंपा जायसवाल चुनाव लड़ रहीं थीं। उन्हें कांग्रेस की रीमा यादव ने हरा दिया।
पूर्व मंत्री की बहू और बेटी जीतीं
बैकुंठपुर विधायक और पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े की बहू वंदना राजवाड़े और बेटी गीता बीजेपी समर्थित प्रत्याशी थीं। दोनों ने जीत दर्ज की है।