CG Congress News: बदलेंगे कांग्रेस के 41 संगठन जिला अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ में सितंबर तक कांग्रेस का सृजन अभियान...
CG Congress News: देश के कुछ राज्यों में 15 अगस्त तक ही अभियान पूरा करने को कहा गया है, चूंकि छत्तीसगढ़ में विलंब से संगठन का कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है, इस कारण एक माह का अतिरिक्त समय मिल रहा है।

CG Congress News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा और राजनीतिक जमीन वापस हासिल करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस अन्य राज्यों की तरह संगठन सृजन अभियान को 15 सितंबर तक पूरा करने जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि सितंबर अंत तक प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इससे पहले सरगुजा सहित कुछ जिलों में बूथ स्तर पर सृजन अभियान के तहत जमीनी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को नियुक्त करने का सिलसिला चल रहा है। इसके तत्काल बाद ब्लॉक अध्यक्षों की पारी आएगी। अंत में 15 सितंबर तक सभी 41 संगठन जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के रायपुर प्रवास के बाद संगठन के इस कार्यक्रम को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। देश के कुछ राज्यों में 15 अगस्त तक ही अभियान पूरा करने को कहा गया है, चूंकि छत्तीसगढ़ में विलंब से संगठन का कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है, इस कारण एक माह का अतिरिक्त समय मिल रहा है।
इस अभियान की खास बात यह है कि सृजन अभियान के तहत नई नियुक्तियों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति दूसरे राज्यों से की जा रही है। छत्तीसगढ़ से अमरजीत भगत, शिव डहरिया जैसे नेताओं को दूसरे राज्यों में सृजन अभियान पूरा कराने का जिम्मा दिया गया है। पार्टी का मानना है कि दूसरे राज्यों के नेताओं को पर्यवेक्षक बनाए जाने से शक्ति प्रदर्शन और हंगामे जैसी स्थिति पर नियंत्रण रखा जा सकेगा।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को लोकसभा, विधानसभा से लेकर नगरीय निकाय चुनावों में लगातार हार का सामना करना पड़ा है। नगरीय निकाय चुनाव से पहले जिला अध्यक्षों को बदलने की चर्चा थी, मगर पुराने अध्यक्षों के भरोसे ही चुनाव कराए गए। अभी बूथ स्तर पर अभियान चल रहा है, इसके बाद ब्लाक और अंत में जिला अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया खत्म की जाएगी।
नई नियुक्तियां होंगी रद्द
पार्टी ने फैसला किया है कि सभी पदों पर नई नियुक्तियां की जाएंगी। कुछ पदों पर हाल ही में नियुक्तियां की गईं थीं, उन्हें निरस्त कर उन पदों पर भी नए लोगों काे मौका दिया जाएगा। पार्टी द्वारा तय अनुपात के हिसाब से नई नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा।
करीबी लोगों का नाम भेजने का खेल खत्म
कांग्रेस में पहले निचले स्तर से नाम मंगाए जाते थे। इस कारण गुटबाजी होती थी और शक्ति प्रदर्शन कर अपने समर्थकों का नाम भेजने का प्रयास किया जाता था। नए सिस्टम में अब ऐसा नहीं हो सकेगा। पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि अब योग्य लोगों का मौका मिलेगा, जिससे संगठन की जमीनी स्तर की तस्वीर बदली जा सकेगी। पहले जब अध्यक्षों के लिए नाम मांगे जाते थे, तब नेता अपने करीबी लोगों का नाम भेजते थे, जिससे योग्य लोगों को मौका नहीं मिल पाता था। अब कांग्रेस ने इस बार एक नया तरीका अपनाया है। इसे 1970 के दशक का इंदिरा गांधी मॉडल भी कहा जा सकता है। इसमें सिस्टम नीचे से ऊपर की ओर चलेगा।
राहुल कर रहे निगरानी
पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी खुद संगठन सृजन अभियान की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने खुद गुजरात और मध्यप्रदेश में जाकर सृजन अभियान की समीक्षा की तथा राज्य के नेताओं से इसका फीड बैक लिया है। जिला अध्यक्षों के चयन और नियुक्ति के लिए कांग्रेस ने एक रोडमैप तैयार किया है। इसके अनुसार इंटरव्यू भी लिए जाएंगे, जिसमें एक सदस्य एआईसीसी और चार प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारी रहेंगे। इसमें सांसद, पूर्व सांसद और विधायक जैसे वरिष्ठ नेताओं को रखा जा सकता है। यह कमेटी जिलों में जाकर प्रक्रिया पूरी कर प्रदेश कांग्रेस को नामों का पैनल देगी। जरुरी समझा गया तो यही नाम दिल्ली भेजे जाएंगे और वहां से फैसला लिया जाएगा। फैसला से पहले दावेदार कांग्रेस की पूरी तरह से जांच परख की जाएगी।
