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Budget Session of Chhattisgarh Assembly: प्रश्‍नकाल: खाद्य और पीडीएस पर सदन में छिड़ी बहस, बीजेपी विधायकों नही दागा सरकार पर सवाल

Budget Session of Chhattisgarh Assembly: छत्‍तीगसढ़ विधानसभा के बजट सत्र का आज दूसरा दिन है। सदन में आज से प्रश्‍नकाल होगा। पहले दिन खाद्य और पीडीएस से संबंधित प्रश्‍न होंगे।

Budget Session of Chhattisgarh Assembly: प्रश्‍नकाल: खाद्य और पीडीएस पर सदन में छिड़ी बहस, बीजेपी विधायकों नही दागा सरकार पर सवाल
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By Sanjeet Kumar

Budget Session of Chhattisgarh Assembly: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही 5 मिनट के लिए स्‍थगित कर दी गई। दरअसल परंपरानुसार सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही दिवंगत पूर्व विधायकों को सदन में श्रद्धांजलि देने की परंपरा है। सदन में आज शिव नेताम को श्रद्धांजलि दी गई। नेताम अविभाजित मध्‍य प्रदेश विधानसभा के सदस्‍य और राज्‍य मंत्री थे।

Live Updates

  • 6 Feb 2024 6:31 AM GMT

    धान खरीदी पर मोहले ने दागा सवाल

    पुन्नूलाल मोहले  ने पूछा कि वर्ष 2021-2022 से दिनांक 25 जनवरी, 2024 तक प्रदेश में कुल कितने पंजीकृत कृषक हैं? पंजीकृत कृषकों में से कितने कृषकों का, कितने रकबे का, कुल कितना धान वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 में खरीदी किया गया ? धान खरीदी के एवज में उक्त कृषकों को कुल कितनी राशि का भुगतान किया गया है? जिलेवार - वर्षवार बतावें ? (ख) प्रश्नांक (क) अवधि में किन-किन जिलों से धान खरीदी में अनियमितता एवं बारदाना की कमी तथा समय पर भुगतान न होने की शिकायत प्राप्त हुई? कितनी शिकायतों पर कार्यवाही की गई एवं कितनी लंबित हैं? (ग) अन्य राज्यों से भी क्या छत्तीसगढ़ में धान आयातित कर विक्रय किये जाने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं? यदि हाँ, तो उसकी जिलावार पूर्ण जानकारी देवें ? इस हेतु दोषियों के ऊपर क्या कार्यवाही की गई ? क्रय की गयी कितनी मात्रा के धानों का कस्टम मिलिंग दिनांक 25.01.2024 तक पूर्ण कर दिया गया है, कितना शेष है एवं शेष होने के कारण भी बतावें ?

    उत्‍तर  आने से पहले ही प्रश्‍नकाल समाप्‍त हो गया। 

  • 6 Feb 2024 6:30 AM GMT

    धान पर कांग्रेस का वाकआउट

    भूपेश बघेल ने धान खरीदी के समय में बढ़ोतरी करने की मांग की। बघेल ने कहा कि किसान धान बेचने के लिए लाइन लगा कर खड़े हैं टोकन नहीं मिल रहा है। भुगतान नहीं हो रहा है। 

    मंत्री ने कहा क‍ि सभी कलेक्‍टरों ने लिखकर दे दिया है कि अब धान बेचने के लिए कोई किसान नहीं बचा है। 

    मंत्री के इस जवाब के बाद सदन में दोनों तरफ से बहस होने लगी। 

    उमेश पटेल ने आरोप लगाया कि दबाव डाला गया। इस पर सत्‍ता पक्ष के सदस्‍यों ने विरोध किया। इसके बाद सदन में दोनो तरफ से सदस्‍य खड़े होकर तेज आवाज में बोले लगे। सत्‍ता पक्ष की तरफ से नारेबाजी होने लगी।     

    नाराज कांग्रेस सदस्‍यों ने वाकआउट किया। 

  • 6 Feb 2024 6:26 AM GMT

    धान पर उमेश ने घेरा

    बेचे गए धान का रकबा 4 फरवरी तक 27.92 लाख हेक्‍टेयर है। 

    उमेश पटेल ने कहा कि पिछली बार की तुलना में 2 लाख हेक्‍टेयर कम धान बेचा गया है। अनुपात में देखा जाए तो इस बार धान की खरीदी कम हुई है। इसका  क्‍या कारण है। 

    मंत्री ने बताया कि एक लाख 30 हजार ज्‍यादा किसानों ने धान बेचा है। संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस प्रश्‍न का औचित्‍य क्‍या है। 

    भूपेश बघेल ने कहा कि मंत्री ने कहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार बेचने वालों किसानों का रकबा कम है। बघेल ने कहा क‍ि अभी भी किसान धान नहीं बेच पाए हैं। मैं आग्रह करता हूं कि धान खरीदी की समय में वृद्धि की जाएगी क्‍या। 

    मंत्री ने कहा कि धान खरीदी का समय खत्‍म हो गया है। हमारे पास किसानों के धान नहीं बेच पाने के संबंध में  कोई शिकायत नहीं आई है। 

  • 6 Feb 2024 6:18 AM GMT

    धान खरीदी पर घिरे मंत्री

    उमेश पटेल ने पूछा 25 जनवरी, 2024 तक जिलेवार कितनी-कितनी धान खरीदी कर ली गई है एवं पंजीकृत किसानों का कितना धान खरीदी करना शेष है ? क्या नियत तिथि तक धान खरीदी कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा ? यदि नहीं, तो खरीदी कार्य पूर्ण करने के लिए क्या उपाय किये जा रहे हैं ? (ख) क्या खरीदी केन्द्रों में लिमिट कम होने तथा धान का उठाव नहीं होने से किसानों को परेशानी की शिकायत प्राप्त हुई है? यदि हां, तो लिमिट बढ़ाने एवं उठाव करने के लिए क्या उपाय किये गये हैं ? (ग) क्या टोकन लेने में किसानों को कोई परेशानी हो रही है? यदि हां, तो किसानों को टोकन आसानी से और सुविधापूर्वक मिले, इसके लिए क्या उपाय किये गये हैं? यदि नहीं, तो कब तक उपाय कर लिए जायेंगे ?

    इस पर मंत्री दयालदास बघेल ने बताया कि 25 जनवरी, 2024 तक प्रदेश में 1,30,41,320 मे. टन धान की खरीदी कर ली गई है। जिलेवार जानकारी संलग्न प्रपत्र अनुसार है। पंजीकृत किसानों द्वारा धान विक्रय हेतु स्वेच्छा से धान उपार्जन केन्द्र में धान लाते है। धान खरीदी हेतु नियत तिथि तक धान खरीदी किया जायेगा, अतः शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। जी नहीं। शेष प्रश्नांश उपस्थित नहीं होता। जी नहीं।

  • 6 Feb 2024 6:13 AM GMT

    संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विधायकों की कमेटी से पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।

  • 6 Feb 2024 6:13 AM GMT

    कौशिक ने कहा कि विधानसभा अध्‍यक्ष का निर्देश था फिर भी समय पर कार्यवाही नहीं हुई। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि यह आसंदी की अवमानना है। इस पर तुरंत कार्यवाही की जाए। कौशिक ने कहा कि तत्‍कालीन मंत्री अमरजीत भगत ने आश्‍वासन दिया था। फिर भी कार्यवाही नहीं हुई। मैं मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि लंबित मामलों में कितनी गड़बड़ी पाई गई है। 

    मंत्री बघेल ने बताया कि 2023 तक सभी जिलों के परीक्षण पूरा हो चुका है। कुल 216.08 करोड़ की कमी पाई गई 

    कौशिक ने पूछा कि यह गड़बड़ी किसके कारण हुई है और कौन जिम्‍मेदार है। 

    मंत्री ने बताया कि दुकानों के बचत डाटा राज्‍य के सर्वर डाटा में नहीं था। वन नेशन वन कार्ड योजना लागू होने के बाद यह डाटा वहां चला गया। इस वजह से डाटा राज्‍य सरकार के सर्वर में नहीं था।  

    कौशिक ने कहा  कि मंत्री जवाब नहीं दे रहे हैं केवल पढ़ रहे हैं। इसलिए मैं आग्रह करना चाहता हूं कि सदन की कमेटी से इसकी जांच कराई जाएग। यह गरीबों के चावल का मामला है। 

    अजय चंद्राकर ने प्रश्‍न किया कि 216 करोड़ की गड़बड़ी हुई है। पूरे दुकानों की जांच हुई या नहीं यह स्‍पष्‍ट नहीं है। कितने लोगों पर कार्यवाही की गई। 

    राजेश मूणत ने पूछा कि मांग के आधार पर छत्‍तीसगढ़ सरकार को केंद्र ने चावल दिया। 4 साल तक दुकानों का आडिट नहीं हुआ है। जिन दुकानों में हजारो टन चावल रखा है, वह कहां गया। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।   

    इस पर मंत्री बघेल ने कहा कि 227 दुकानों को निलंबित किया गया। 181 दुकानों को निरस्‍त किया गया। 24 दुकान  संचालकों पर एफआईआर किया गया। मैं स्‍वीकार किया हूं कि अनियमितता हुई है। 

    मंत्री ने कहा कि गड़बड़ी हुआ है। निश्चित रुप से इस पर जांच करांएगे। 



  • 6 Feb 2024 5:55 AM GMT

    खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने बताया कि उचित मूल्य दुकानों के माह सितम्बर, 2022 के बचत स्टॉक का सत्यापन खाद्य निरीक्षक/सहायक खाद्य अधिकारी द्वारा किया गया तथा जांच रिपोर्ट दिसम्बर, 2022 से मई, 2023 के दौरान प्रस्तुत किया गया। राज्य की कुल 13,392 उचित मूल्य दुकानों का भौतिक सत्यापन किया गया तथा जांच उपरांत दुकानों में जितने राशन सामग्री के स्टॉक में कमी पाई गई उनकी जिलेवार, दुकान संख्यावार, राशन सामग्री की मात्रावार तथा अनुमानित राशि की जानकारी संलग्न  है।  जी हां। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत सरकार, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के उप सचिव, एस. आर. मीणा,  राजेश कुमार पांढीर अवर सचिव के जांच दल द्वारा दिनांक 10.05.2023 से 12.05.2023 तथा दिनांक 24.07.2023 से 27.07.2023 तक छत्तीसगढ़ राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत माह सितम्बर, 2022 की स्थिति में उचित मूल्य दुकानों के भौतिक सत्यापन के संबंध में जांच परीक्षण किया गया। जांच दल द्वारा प्रतिवेदन राज्य शासन को उपलब्ध नहीं कराया गया है, अतः शेष प्रश्नांश की जानकारी दिया जाना संभव नहीं है। इस संबंध में केन्द्र सरकार से प्राप्त पत्र दिनांक 06 जून, 2023 में सभी उचित मूल्य दुकानों में ई-पॉस मशीन स्थापित किये जाने, दुकानों से राशन सामग्री के दुरूपयोग पर नियंत्रण हेतु कार्ययोजना बनाने, पीडीएस राशन सामग्री के परिवहन तथा वितरण हेतु दुकानों की निगरानी तथा जांच के सुदृढ़ीकरण, उचित मूल्य दुकानों की निगरानी

  • 6 Feb 2024 5:53 AM GMT

    प्रश्‍नकाल में पहला सवाल सत्‍ता पक्ष के बिल्‍हा विधायक धरमलाल कौशिक ने किया। कौशिक ने पूछा  क्या ता. प्र. सं. 03 (क्र. 844), दिनांक 17 मार्च, 2023 पर चर्चा के दौरान मंत्री जी के द्वारा 24 मार्च, 2023 तक परीक्षण करने की अंतिम तिथि घोषित की गई थी ? यदि हों, तो क्या घोषणा के अनुरूप परीक्षण/जांच पूर्ण हो गई है तथा परीक्षण/जांच किसके द्वारा की गई है? परीक्षण/जांच रिपोर्ट कब प्रस्तुत की गई है तथा इसके निष्कर्ष क्या थे? कितनी दुकानों का भौतिक सत्यापन किया गया तथा उक्त दोनों जांच/सत्यापन में कुल कितनी दुकानों में चावल, चना, शक्कर के संबंध में स्टाक, आवक-जावक, वितरण व शेष से संबंधित अनियमितता/अंतर पाया गया है? जिलेवार, दुकानसंख्यावार, मात्रावार, सामग्रीवार व राशिवार जानकारी देवें? (ख) कितनी दुकानों को भौतिक सत्यापन के पश्चात् नोटिस जारी किया गया है? कितनों को निलंबित व निरस्त किया गया है तथा कितने दुकानदारों व विभागीय कर्मियों के विरूद्ध पुलिस/विभागीय जांच प्रारंभ की गई है? जिलेवार जानकारी देवें ? (ग) क्या केन्द्र सरकार के द्वारा इस या विगत वित्तीय वर्ष में भेजे गए अधिकारियों द्वारा, छत्तीसगढ़ में पीडीएस चावल व अन्य खाद्यान्न संबंधी जांच/परीक्षण किया गया है? यदि हाँ, तो कब, किसके द्वारा किया गया तथा जांच के निष्कर्ष/तथ्य क्या थे तथा क्या-क्या अनियमितता/कमियों की जानकारी दी गई है?

Sanjeet Kumar

संजीत कुमार: छत्‍तीसगढ़ में 23 वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। उत्‍कृष्‍ट संसदीय रिपोर्टिंग के लिए 2018 में छत्‍तीसगढ़ विधानसभा से पुरस्‍कृत। सांध्‍य दैनिक अग्रदूत से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हरिभूमि, पत्रिका और नईदुनिया में सिटी चीफ और स्‍टेट ब्‍यूरो चीफ के पद पर काम किया। वर्तमान में NPG.News में कार्यरत। पंड़‍ित रविशंकर विवि से लोक प्रशासन में एमए और पत्रकारिता (बीजेएमसी) की डिग्री।

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