BJP Strategy: विलंब का पूरा फायदा उठा रही बीजेपी: 3 राज्यों में मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान में देर करके पार्टी ने लिया बड़ा माइलेज
BJP Strategy: 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 3 राज्यों में बहुमत हासिल किया है। इसमें मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार की वापसी हुई है। वहीं, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सत्ता बीजेपी ने कांग्रेस से छीनी है। 3 राज्यों के परिणाम का बीजेपी भरपूर माइलेज ले रही है।
BJP Strategy: रायपुर। देश के कुल 5 राज्यों में विधानसभा का चुनाव हुआ था। इसमें से 4 राज्यों का परिणाम 3 दिसंबर और एक का 4 दिसंबर को जारी हुआ। जिन 4 राज्यों का चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को जारी हुआ उसमें छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीजेपी को बहुमत मिली है। वहीं, चौथे राज्य तेलंगाना में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। तेलंगाना में कांग्रेस के सीएम सहित पूरे मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण हो चुका है। विधानसभा के विशेष सत्र की बैठक भी आज हो गई है, लेकिन बीजेपी की बहुमत वाले तीनों राज्यों में अब तक मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो पाया है।
बीजेपी की बहुमत वाले छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मुख्यमंत्री चयन के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है, जो रविवार से सोमवार के बीच तीनों राज्यों में जाकर नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक लेकर मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगे। बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्रियों के नामों की घोषणा में हो रही देर को पार्टी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। राजीतिक विश्लेषक और मार्केटिंग विशेषज्ञ भी इस देर को प्लांड बता रहे हैं। इससे बीजेपी को बड़ा माइलेज मिल रहा है।
चुनाव परिणाम जारी होने के बाद से राष्ट्रीय और प्रादेशिक मीडिया में केवल बीजेपी और तीन राज्यों में मुख्यमंत्री के नामों पर ही खबरें और चर्चा चल रही है। दिनभर के घटनाक्रम के साथ पल-पल की ब्रेकिंग चल रही है। इलेक्ट्रानिक मीडिया में दिनभर बीजेपी के मुख्यमंत्री चयन को लेकर खबरें दिखाई जा रही है। प्रिंट मीडिया की भी स्थिति लगभग ऐसी ही हैं। रोज मुख्यमंत्री चयन को लेकर खबरें प्रकाशित हो रही है। बीजेपी की इस रणनीति में कांग्रेस की तेलंगाना सरकार का शपथ ग्रहण छोटी सी खबर बनकर रह गई। मार्केटिंग और बाजार विशेषज्ञ बीजेपी की इस रणनीति का रुपये में आंकलन कर रहे हैं। 3 दिसंबर से बीजेपी लगातार खबरों में बनी हुई है। जानकार कह रहे हैं कि 7 दिन तक लगातार इतना विज्ञापन करने के लिए बीजेपी को करीब 700 करोड़ खर्च करना पड़ता, लेकिन फैसले में देर करके बीजेपी ने पूरी तरह मुफ्त में पब्लिसिटी हासिल कर रही है।
मुख्यमंत्री के नामों की घोषणा में विलंब को बीजेपी की रणनीति मानने वालों का तर्क है कि तीनों राज्यों में पार्टी के पास भरपूर बहुमत है। ऐसे में राष्ट्रीय नेतृत्व को कोई भी फैसला लेने में हिचक नहीं होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में बीजेपी नेतृत्व कठोर फैसले लेने में भी संकोच नहीं करती है। बीजेपी की कार्य प्रणाली को करीब से जानने वाले भी कह रहे हैं कि चुनाव परिणाम के पहले ही राष्ट्रीय नेतृत्व ने यह तय कर लिया होगा कि किसे कौन सी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके बावजूद पार्टी 7 दिन से लगातार मंथन का माहौल बनाकर मीडिया को ध्यान खींचे हुए है।