Begin typing your search above and press return to search.

BJP MLA OP Chaudhari Biography in Hindi: छत्‍तीसगढ़ के वित्‍त मंत्री ओपी चौधरी का जीवन परिचय...

BJP MLA OP Chaudhari Biography in Hindi:– ओपी चौधरी ने रायगढ़ जिले की रायगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस के सिटिंग एमएलए प्रकाश नायक को 64443 वोटों से हराया है। पूरे प्रदेश में भी दूसरे नंबर की लीड लेकर चुनाव जीतने वाले विधायक बने हैं। आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर उन्होंने 2018 में खरसिया से पहला विधानसभा चुनाव लड़ा था। पर उन्हें कांग्रेस के उमेश पटेल ने चुनाव हरा दिया था। चुनाव में हार के बाद भी वे लगातार सक्रिय रहें। जिसके चलते उन्हें प्रदेश भाजपा महामंत्री बना दिया गया था। अब रायगढ़ विधानसभा से उन्होंने चुनाव लड़ा और चुनाव जीते। वे पूरे रायगढ़ जिले में जीते इकलौते भाजपा विधायक है। ओपी को अमित शाह ने प्रचार के दौरान बड़ा आदमी बनाने की बात कही थी। जिसके चलते उन्हें बड़ा पोर्ट फोलिया देने की भी चर्चा है।

BJP MLA OP Chaudhari Biography in Hindi: छत्‍तीसगढ़ के वित्‍त मंत्री ओपी चौधरी का जीवन परिचय...
X
By Gopal Rao

BJP MLA OP Chaudhari Biography in Hindi: भाजपा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में रायगढ़ जिले की रायगढ़ विधानसभा से ओपी चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी व सिटिंग विधायक प्रकाश नायक को 64443 वोटों से हराया है। ओपी चौधरी पूर्व आईएएस रह चुके है। चौधरी को छत्‍तीसगढ़ की विष्‍णुदेव साय सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। उन्‍होंने 22 दिसंबर को राजभवन में आयोजित समारोह में मंत्री पद की शपथ ली। उन्‍हें वित्त जैसा महत्‍वपूर्ण विभाग दिया गया है। चौधरी को वित्‍त के साथ वाणिज्यिक कर, आवास एवं पर्यावरण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग का भी मंत्री बनाया गया है।

छत्‍तीसगढ़ के वित्‍त मंत्री ओपी चौधरी जन्म 2 जून 1981 को हुआ है। वे रायगढ़ जिले की खरसिया ब्लॉक के ग्राम बायंग के रहने वाले है। इनके पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। जब ओमप्रकाश चौधरी मात्र 8 साल के थे तब उनके पिता का स्वर्गवास हो गया। उनके पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक थे। पिता की मौत के बाद उनकी माता कौशल्या ने पेंशन की आय से उनको पाला। ओपी चौधरी ने पांचवीं तक की शिक्षा अपने गांव बायंग के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। फिर आठवी तक की शिक्षा जैमुरी से की। बारहवीं तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने के बाद उन्होंने पीईटी उत्तीर्ण की पर वह इंजीनियर ना बन कर आईएएस ही बनना चाहते थे। इसलिए उन्होंने भिलाई से बीएससी किया।

ओपी चौधरी ने यूपीएससी की तैयारी कर अपने पहले ही प्रयास में एग्जाम क्रैक कर लिया। वह मात्र 23 वर्ष की उम्र में ही आईएएस अफसर बन गए थे। ओपी चौधरी 2005 बैच के छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अफसर थे। पहली पोस्टिंग सहायक कलेक्टर के तौर पर 2006 में कोरबा में हुई। इसके बाद 2007 में उन्हें रायपुर में एसडीएम बनाया गया। 2007 में उन्हें जांजगीर जिला पंचायत का सीईओ बनाया गया। वे राजधानी रायपुर के नगर निगम कमिश्नर भी रहे। साल 2011 में उन्हें दंतेवाड़ा में कलेक्टर के तौर पर पदस्थ किया गया। रायपुर कलेक्टर भी ओपी चौधरी रहे।

दंतेवाड़ा कलेक्टर के पद पर रहते हुए इन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को विज्ञान की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही इंजीनियरिंग तथा मेडिकल कॉलेजों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए विशेष कोचिंग की सुविधा के साथ आवासीय स्कूल की शुरुआत की। चौधरी ने गीदम ब्लॉक में स्थित एक छोटे से गांव, जावंगा को 2011 में शिक्षा के एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित किया। चौधरी ने जिले में लाइवलीहुड कॉलेज की भी शुरुआत की, जिसे बाद में पूरे राज्य में लागू किया गया। 2011-12 में बेहतर काम के लिए उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा एक्सीलेंस अवार्ड से भी नवाज़ा गया।

डॉक्टर अदिति पटेल से उनका विवाह हुआ है। 13 साल की सर्विस के बाद उन्होंने 2018 में आईएएस की सर्विस से इस्तीफा देकर भाजपा में प्रवेश कर लिया। उन्होंने भाजपा की टिकट से खरसिया से विधानसभा चुनाव लड़ा पर उमेश पटेल से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

2023 की जीत की कहानी:–

पिछला विधानसभा चुनाव ओपी चौधरी ने खरसिया विधानसभा से लड़ा था। तब कांग्रेस के प्रत्याशी उमेश पटेल ने ओपी चौधरी को 16,967 मतों से हराया था। उमेश पटेल को 94,201 वोट मिले थे, वहीं ओपी चौधरी को 77,234 वोटों से संतुष्ट होना पड़ा था। हार के बाद भी ओपी चौधरी लगातार सक्रिय रहे थे। वे राज्य के प्रमुख मुद्दों को उठाने के साथ ही युवाओं के लिए कैरियर काउंसलिंग भी करते थे। उनकी सक्रियता और कोरबा में कोयला चोरी का मुद्दा उठाने व सोशल मीडिया में वीडियो डालने पर उनके खिलाफ अपराध भी दर्ज हुआ था। वे लगातार कांग्रेस की नीतियों पर हमला करते हुए सक्रिय रहते थे। जिसके चलते उन्हें चुनाव हारने के बाद भी प्रदेश भाजपा महामंत्री का पद दिया गया था।

रायगढ़ जिले की रायगढ़ विधानसभा इकलौती ऐसी सीट है जिसमें भाजपा ने जीत हासिल की है। खरसिया, लैलूंगा, धरमजयगढ़ व पड़ोसी जिले की सारंगढ़ विधानसभा में कांग्रेस जीती है। रायगढ़ विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी ओम प्रकाश चौधरी को 129134 वोट मिले है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश नायक को 64691 वोट मिले है। यहां कुल 204391 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। 21 चरण में हुई मतगणना में हर चरण में ओपी चौधरी आगे रहे थे। सरकारी कर्मचारियों के पोस्टल बैलेट में भी ओपी चौधरी ने बढ़त बनाई। उन्हें कुल 992 डाक मत पत्र मिले। जबकि प्रकाश नायक को 482 डाक मत पत्र प्राप्त हुए। रायगढ़ विधानसभा में कुल 21 राउंड में काउंटिंग हुई। यहां शहर में साढ़े 34 हजार वोटों से भी आगे है। प्रकाश नायक मूलतः बरमकेला ब्लॉक के निवासी है। सरिया और आसपास के वोटों को प्रकाश नायक का वोट माना जाता रहा है लेकिन ओपी को यहां से 8500 वोटों से अधिक की लीड मिली है। निर्दलीय शंकर लाल अग्रवाल को 1819 वोट मिले है। नोटा को 758 वोट मिले है। यहां 19 उम्मीदवार थे। भाजपा– कांग्रेस के प्रत्याशियों को छोड़ बाकी 17 की जमानत जब्त हो गई है।

भाजपा संगठन ने जिले की अन्य सीटों की जगह इकलौती रायगढ़ विधानसभा में ही फोकस किया था। यही वजह है कि जिले की अन्य विधानसभाओं में भाजपा हार गई और इकलौती रायगढ़ विधानसभा जीती। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी रायगढ़ में ओपी चौधरी के पक्ष में रैली निकाली। साथ ही उन्होंने ओपी को चुनाव जितवाने की अपील करते हुए कहा था कि आप इन्हें विधायक बना कर भेजिए मैं इन्हें बड़ा आदमी बनाऊंगा। जिसका असर हुआ। महतारी वंदन योजना का भी असर हुआ। भाजपा कार्यकर्ताओं ने महतारी वंदन योजना के फॉर्म घर घर जाकर भरवाए। युवा चेहरा लोगों को पसंद आया। ओपी ने अपनी प्राथमिकता में युवाओं को रखा था। इंफ्रास्टक्चर विकास व शिक्षा सुविधाओं में बढ़ोतरी का वादा काम आया।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

Read MoreRead Less

Next Story