BJP MLA Neelkanth Tekam Biography in Hindi: भाजपा विधायक नीलकंठ टेकाम का जीवन परिचय...
MLA Neelkanth Tekam Biography:– नीलकंठ टेकाम कोंडागांव जिले की केशकाल विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए हैं। उन्होंने सिटिंग एमएलए और लगातार दो बार विधायक रहें कांग्रेस प्रत्याशी संतराम नेताम को 5560 वोटों से चुनाव हराया हैं। नीलकंठ टेकाम आईएएस की सेवा से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ रहे हैं। वे 2028 में रिटायर होने वाले थे। वह स्कूल में शिक्षक रहने के अलावा कॉलेज में सहायक प्राध्यापक भी रह चुके हैं। कॉलेज के दिनों में छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे हैं। कोंडागांव जिले में 3 साल कलेक्टरी टेकाम ने की हैं। कोंडागांव में अपने कलेक्टरी के दौरान किए गए कामों के चलते उन्हें लोकप्रियता मिली और उनके काम को नीति आयोग ने भी सराहा। जिसका फायदा उन्हें कोंडागांव जिले अंतर्गत आने वाली केशकाल विधानसभा से चुनाव लड़ने पर मिला।
BJP MLA Neelkanth Tekam Biography in Hindi: नीलकंठ टेकाम कोंडागांव जिले की केशकाल विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए है। नीलकंठ टेकाम ने चुनाव से कुछ माह पूर्व आईएएस की नौकरी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। 55 वर्षीय नीलकंठ टेकाम 2028 में रिटायर होने वाले थे। पर राजनीति में आने की पुरानी ख्वाहिश के चलते वह चुनावी मैदान में आ गए। छात्र संघ की राजनीति में भी वह सक्रिय रहे थे। इस्तीफा देते समय वे संचालक कोष एवं लेखा के पद पर थे।
नीलकंठ टेकाम का जन्म कांकेर जिले के अंतर्गत अंतागढ़ ब्लॉक में हुआ था। स्कूल की पढ़ाई वही करने के बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए कांकेर जिला मुख्यालय आ गए। कॉलेज की पढ़ाई के दौरान सन 1987–88 में कांकेर शासकीय महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए। सन 1989 में समाजशास्त्र विषय से स्नातकोत्तर किया। उनकी पहली नियुक्ति सन 1991 में शिक्षक के रूप में हुई। शिक्षक के रूप में उन्होंने सिर्फ 7 दिनों तक ही सेवा दी। इसके बाद मध्य प्रदेश के खंडवा में महिला कॉलेज व बड़वानी के शासकीय महाविद्यालय में सन 1994 तक सहायक प्राध्यापक समाजशास्त्र के रूप में सेवा दी। 1994 में मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में एसटी कैटेगिरी में टॉपर बने। 1994 से लेकर 2008 तक अविभाजित मध्य प्रदेश के धार जिले में एसडीएम बने। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के धार बड़वानी बस्तर दुर्गा दंतेवाड़ा बिलासपुर जिले में जनपद सीईओ,एसडीएम, अपर कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, आयुक्त नगर निगम, एडिशनल कलेक्टर के पद पर पदस्थ रहें। छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने पर उन्होंने छत्तीसगढ़ कैडर चुना। छत्तीसगढ़ कैडर आते ही उनकी तैनाती जगदलपुर एसडीएम के पद पर हुई। वे न्यायधानी बिलासपुर के एडीएम भी रहें थे।
2008 में नीलकंठ टेकाम को आईएएस अवार्ड हुआ। वे कोंडागांव जिले के कलेक्टर भी रहें। इस दौरान उनके कार्य की नीति आयोग में तारीफ की। उनका कार्य देश में प्रथम स्थान में रहा था। वे 2017 से 2020 तक कोंडागांव में पदस्थ रहें। टेकाम की राजनीति में आकर चुनाव लड़ने की ख्वाहिश पुरानी थी जो अब जाकर पूरी हुई। अविभाजित मध्य प्रदेश में बड़वानी एसडीएम के पद पर तैनाती के दौरान उन्होंने इस्तीफा देकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए नामांकन दाखिल किया था। पर तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह व आदिवासी नेताओं की समझाइश व हस्तक्षेप के बाद उन्होंने नामांकन वापस ले लिया था। 55 वर्षीय टेकाम ने अब केशकाल विधानसभा से चुनाव मैदान उतर कर जीत हासिल की है। पिछले दो चुनावों से इस विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा था।
2023 के विधानसभा चुनाव में नीलकंठ टेकाम के जीत की कहानी:–
केशकाल विधानसभा में 170604 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भाजपा प्रत्याशी नीलकंठ टेकाम को 77438 वोट मिलें। वही कांग्रेस के संतराम नेताम को 71878 वोट मिलें। नीलकंठ टेकाम ने 5560 वोटों से जीत हासिल की। इस चुनाव में तीसरे स्थान पर नोटा रहा। नोटा को 4335 वोट मिलें। केशकाल विधानसभा में 10 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे।
नीलकंठ टेकाम अपने स्कूल कॉलेज की पढ़ाई के समय से विधानसभा को जानते हैं। और अविभाजित कोंडागांव जिले के कॉलेज में भी छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे थे। आदिवासी वर्ग से आने वाले नीलकंठ टेकाम ने पीएसी की परीक्षा में एसटी वर्ग से टॉप किया था। जिसके चलते वह आदिवासी युवाओं में लोकप्रिय थे। नीलकंठ टेकाम कोंडागांव जिले में तीन साल कलेक्टर रहें थे। इस दौरान केशकाल विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने कई काम करवाए।
कोंडागांव जिले के अंतर्गत आने वाली केशकाल विधानसभा में 3 साल की कलेक्टरी के दौरान नीलकंठ टेकाम ने अलग छवि बनाई और गांव गांव में उन्हें लोकप्रियता मिली। यही उनके चुनाव जीतने का कारण बना।