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Bilaspur News: विधानसभा चुनाव की तर्ज पर पार्षद और महापौर के दावेदारों से कांग्रेस लेगी आवेदन

Bilaspur News: दावेदारों और कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने की कोशिश कहें या फिर चुनावी माहौल खड़ा कर अपनों को चुनावी कार्य पर लगाने की कोशिश। कारण चाहे जो भी हो, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने पार्षद व महापौर पद के दावेदारों से आवेदन जमा करने की शर्त रख दी है। पीसीसी ने प्रदेशभर के जिला व शहर अध्यक्षों को निर्देेशों का पालन करने और आवेदन लेने व्यवस्था बनाने के साथ ही प्रभारियों की नियुक्ति करने कहा है।

Bilaspur News: विधानसभा चुनाव की तर्ज पर पार्षद और महापौर के दावेदारों से कांग्रेस लेगी आवेदन
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur News: बिलासपुर। विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ ऐसा ही पैटर्न पीसीसी ने अपनाया था। तब विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों से आवेदन मंगाए गए थे। आवेदन पेश करने और स्वीकार करने में तब जमकर राजनीति चली थी। कमोबेश कुछ ऐसा ही पैटर्न पीसीसी ने नगरीय निकाय चुनाव में लिए भी लागू कर दिया है। मेयर से पार्षद पद के लिए भाग्य आजमाने वाले दावेदारों को अब आवेदन देना होगा। इसके लिए पीसीसी ने समय सीमा भी तय कर दिया है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रदेशभर के शहर व जिलाध्यक्षों को पत्र लिखकर चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों से आवेदन मंगाने का निर्देश दिया है। पीसीसी ने इसके लिए समय सीमा भी तय कर दी है। चुनाव लड़ने की इच्छुक कार्यकर्ता 10 से 12 जनवरी को सुबह 11 बजे से शाम 4.00 बजे तक कांग्रेस कार्यालय में अपना आवेदन दे सकते हैं।

शहर अध्यक्ष विजय पांडेय,ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने बताया कि बिलासपुर नगर निगम चुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ने के इच्छुक कार्यकर्ताओं से आवेदन लेगी।

दावेदारों को यह भी सुविधा दी गई है कि अपनी सुविधानुसार अपने अपने ब्लॉक अध्यक्ष के पास भी आवेदन दे सकते है। कांग्रेस भवन में ऋषि पांडेय प्रवक्ता शहर एवं सुभाष ठाकुर कार्यालय सचिव सुबह 11.00 बजे से शाम 4.00 बजे तक उपलब्ध रहेंगे।

तब इस तरह की बातें आई थी सामने

विधानसभा चुनाव के दौरान पीसीसी ने इसी तरह की शर्त दावेदारों के सामने रख दी थी। तब दावेदारों ने विधानसभावार आवेदन भी जमा किया था। चुनाव से पहले यह बात भी सामने आई थी कि जिन्होंने आवेदन जमा नहीं किया है और सीधे दावेदारी कर रहे हैं, उनकी दावेदारी पर विचार नहीं किया जाएगा। पीसीसी के इस फरमान से इस बात की अटकलें भी लगाई जा रही है कि कहीं इसी तरह की शर्त चुनाव से पहले टिकट वितरण के दौरान तो नहीं लगा दिया जाएगा।

भाजपा की अपनी अलग परिपाटी

कांग्रेस से इतर भाजपा की अपनी अलग परिपाटी रही है। चुनाव पर्यवेक्षक से लेकर प्रभारियों को यह जिम्मेदारी सौंपी जाती है। बैठकों के जरिए सामंजस्य बनाने के साथ ही मंडलों के पदाधिकारियों से फीडबैक लेने का काम किया जाता है। मौजूदा दौर प्रत्याशी चयन के लिए भाजपा सर्वे पर ज्यादा भरोसा करते आई है। उम्मीदवारी चयन के लिए सर्वे सबसे बड़ा मापदंड रहेगा।

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