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Bilaspur News: नगरीय निकाय चुनाव: कांग्रेस में प्रमोद की टिकट फाइनल, भाजपा से कौन? श्याम साहू पूर्व मेयर पर भाजपा खेलेगी दांव

Bilaspur News: छत्तीसगढ़ के 14 में से जिन 10 नगरीय निकायों में चुनाव होने जा रहे हैं, उसमें राजनीतिक पंडितों और नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं के बीच सबसे ज्यादा दिलचस्पी बिलासपुर नगर निगम चुनाव को लेकर देखी जा रही है। सत्ताधारी दल में उभरे सत्ता के नए केंद्र के बीच दिग्गज भाजपाई जो पार्टी के लिए बेहद खास और कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं,इनके बीच राजनीतिक संतुलन किस तरह बैठेगा और शहर सरकार बनाने में किस अंदाज में अपनी पटरी बैठाएंगे, यह भी देखने वाली बात होगी। बहरहाल मेयर के उम्मीदवार की चर्चा करें तो कांग्रेस में मेयर की टिकट तकरीबन तय मानी जा रही है। जरुरी राजनीतिक औपचारिकता ही बाकी है। कांग्रेस गर्वनमेंट के दौर में सत्ता और संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले प्रमोद नायक की उम्मीदवारी तय मानी जा रही है। सत्ताधारी दल की ओर नजरें दौड़ाएं तो दावेदारों की लंबी लिस्ट के बीच जिन दो नामों पर रह-रह कर फोकस हो रहा है,उसमें पार्षद श्याम साहू व पूर्व मेयर किशोर राय। इनकी दावेदारी गंभीर मानी जा रही है।

Bilaspur News: नगरीय निकाय चुनाव: कांग्रेस में प्रमोद की टिकट फाइनल, भाजपा से कौन? श्याम साहू पूर्व मेयर पर भाजपा खेलेगी दांव
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur News: बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम की सीमा में चार विधानसभा क्षेत्रों के वार्डों को शामिल किया गया है। बिलासपुर के अलावा बिल्हा,तखतपुर, मस्तूरी व बेलतरा विधानसभा के वार्डों को मिलाकर निगम की सीमा बढ़ाई गई है। बिलासपुर नगर निगम अब 70 वार्डों की बन गई है। बिलासपुर जिले के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में पांच विधानसभा सीटों के विधायकों और नेताओं की सीधी दखलंदाजी निगम की राजनीति में है। जिले के कोटा विधानसभा ही एकमात्र सीट है जिसकी भागीदारी नगर निगम में नहीं है। जाहिर है सियासी दखलंदाजी से यहां के विधायक और नेता दोनों ही दूर हैं। मेयर से लेकर पार्षदों की टिकट में जिले के छह में से पांच विधानसभा के विधायकों की सीधी भागीदारी और हस्तक्षेप भी रहेगा। राजनीतिक हस्तक्षेप,टिकट वितरण में अपनी चलाने की चर्चाओं के बीच एनपीजी को मिली जानकारी के आधार पर यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस में मेयर की टिकट तकरीबन फाइनल हो गया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद नायक के नाम पर सहमति बनने की चर्चा है।

मेयर के पद के लिए प्रमोद की उम्मीदवारी पर पीसीसी से लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के बनी सहमति की चर्चा के बीच यह भी अटकलें लगाई जा रही है कि गुटीय राजनीति का झमेला इस बार चुनाव में शायद ही नजर आए। गुटीय राजनीति पर भरोसा रखने वालों की दाेनों ही दलों में कमी नहीं है। ये ऐसे लोग हैं जो सियासत का नब्ज टटोलने के बाद अपनी और समर्थकों की भूमिका तय करते हैं। बहरहाल बात आगे बढ़ाते हैं। सत्ताधारी दल में बीते दो दिनों में टिकट को लेकर मंथन का दौर चल रहा है। गुरुवार को जिला भाजपा कार्यालय में संभागीय बैठक रखी गई थी। मेयर के अलावा नगरपालिका व नगर पंचायत अध्यक्षों से लेकर पार्षदों की उम्मीदवारों पर विधानसभावार चर्चा की गई। जिन नामों पर सहमति बनी वहां से एक नाम और जहां असहज स्थिति बनी वहां से दो से तीन नामों का पैनल भेजा गया है। प्रदेशभर से बन पैनलों से एक-एक नाम तय करने के लिए आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक अब से कुछ देर में प्रारंभ होने वाली है। उम्मीदवारी चयन को लेकर होने वाली बैठक की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री से लेकर प्रदेश प्रभारी,संगठन महामंत्री व प्रदेश अध्यक्ष के अलावा चुनाव समिति में शामिल पदाधिकारियों की बैठक में उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप दिया जाना है। बिलासपुर सहित प्रदेश के 10 नगर निगम के महापौर के अलावा पार्षदों के उम्मीदवारी पर भी चर्चा होगी और नाम को अंतिम रूप दिया जाएगा।

शहरवासियों के मन में उठ रहा सवाल, बिलासपुर से कौन

सत्ताधारी दल के टिकटों और उम्मीदवारी को लेकर विपक्षी दल के दिग्गजों के अलावा कार्यकर्ताओं और इससे भी इतर शहरवासियों के बीच उत्सुकता बनी रहती है। यह उत्सुकता यहां भी देखी जा रही है। लोगाें की जुबान पर एक ही चर्चा है कि बिलासपुर से भाजपा की ओर से कौन होंगे मेयर केंडिडेट। पार्षद श्याम साहू या पूर्व महापौर किशोर राय। सरकंडा पर नजरें इसलिए जाकर टिक रही है,बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में सरकंडा का अपना खास सियासी अहमियत है। भाजपा हो या फिर कांग्रेस के प्रत्याशी,विधानसभा का रास्ता यहीं से होकर निकलता है। मौजूदा विधानसभा और बीते नगर निगम चुनाव में भी यही सब देखने को मिला था। कांग्रेस के शहर सरकार बनाने में सरकंडा के मतदाताओं ने अहम भूमिका निभाई थी। श्याम साहू के अलावा पूर्व मेयर किशोर राय की दावेदारी को भी गंभीरता से देखा जा रहा है। किशाेर राय का कार्यकाल अच्छा तो रहा ही साथ ही बिना किसी विवाद के उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया है। शहर विधानसभा के लिहाज से पार्टी में बड़ा ओबीसी चेहरा भी है।

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