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Bilaspur News: महिला मेयर का तेवर देखिए: जुबान भी फिसली, सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है वीडियो...

Bilaspur News: व्यापारियों के अवैध निर्माण पर तोड़फोड़ की कार्यवाही से बवाल मच गया है। सिंधी समाज के व्यापारियों की शिकायत पर नाराज महापौर पूजा विधानी सिंधी समाज के लोगों को टारगेट बना कार्यवाही की बात कहते हुए निगम के भवन शाखा अधिकारी को जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने गुस्से में यहां तक कह दिया की बाजू में बोहरा समाज के लोगों को समय दिया गया और सिंधी समाज के लोगों पर कार्रवाई की गई. सिंधी समाज को आप लोगों ने पागल समझ कर रखा है क्या? महापौर की नाराजगी का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

Bilaspur News: महिला मेयर का तेवर देखिए: जुबान भी फिसली, सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है वीडियो...
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By Radhakishan Sharma

Bilaspur News: बिलासपुर। नगर निगम के द्वारा नजूल जमीन पर नक्शे के विपरीत किए गए निर्माण कार्य को ढ़हाने के निगम प्रशासन की कार्यवाही पर बवाल मच गया है। सिंधी समाज के व्यापारियों की शिकायत पर महापौर पूजा विधानी ने केवल सिंधी समाज के व्यापारियों को टारगेट करने का आरोप लगाते हुए निगम के भवन शाखा अधिकारी को जमकर फटकार लगाई और यहां तक कह दिया कि सिंधी समाज के लोगों को आप लोग पागल समझ के रखे हो क्या?

शनिवार को ज्वाली नाला पुल और आसपास राजस्व विभाग और नगर निगम में संयुक्त रूप से कार्यवाही की थी। अधिकारियों के अनुसार यहां कई लोगों ने बिना नक्शा पास करवा सरकारी जमीन पर कब्जा कर निर्माण करवाया था। यह निर्माण उसे क्षेत्र में किया गया था जहां सड़क मार्ग नहीं है और भूमि नगर निगम तथा नजूल की है। इसकी छानबीन के निर्देश नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार ने दिए थे। जिस पर बिलासपुर नगर निगम और एसडीएम मनीष साहू की टीम ने राजस्व और निगम अफसरों के साथ संयुक्त गठित का क्षेत्र में सीमांकन और नापजोख की प्रक्रिया पूरी की। जांच में व्यापारियों के द्वारा सरकारी नजूल जमीन पर बिना अनुमति और नक्शा पास करवाए अवैध निर्माण की पुष्टि होने की बात कही। निगम अफसर के अनुसार तीसरी मंजिल पर बिना अनुमति के लेंटर बनाया गया था। अवैध सीढ़ियां सरकारी भूमि पर बनाई गई थी जिसमें ग्रीन नेट लगाकर छुपाया गया था। निगम ने आधा दर्जन व्यापारियों के अवैध निर्माण पर तोड़फोड़ की।

तोड़फोड़ से आक्रोशित सिन्धी समाज के व्यापारी नगर निगम दफ्तर में महापौर पूजा विधानी को शिकायत करने पहुंचे थे। व्यापारियों ने इस दौरान उन्हें सिर्फ सिंधी समाज के व्यापारियों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ करने का आरोप लगाते हुए महापौर से शिकायत की। व्यापारियों ने बताया कि बाजू में बोहरा समाज के व्यापारियों के प्रतिष्ठानों को तोड़ने की बजाय उन्हें समय दिया गया है। फर्स्ट हिंदी समाज के व्यापारियों को अपना सामान हटाने तक का मौका नहीं दिया गया। इस दौरान व्यापारियों ने 30 से 40 लाख रुपए नुकसान की बात कही।

व्यापारियों की बात सुनकर मेयर पूजा विधानी भड़क गईं। उन्होंने कहा कि वह सिंधी समाज की है इसलिए उनके समाज के व्यापारियों पर टारगेट कर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने नगर निगम के भवन शाखा प्रभारी सुरेश शर्मा को अपने चेंबर में बुलाकर व्यापारियों के सामने जमकर फटकार लगाई। सुरेश शर्मा ने नोटिस देने के बाद कार्यवाही की बात कही। जिस पर नाराज मेयर ने कहा कि नोटिस कब दिया जाता है, जब निर्माण हो रहा था तो क्यों आप लोगों ने नोटिस नहीं दी,निर्माण के समय आप लोग कहा थे? भवन बनने के बाद नोटिस दिया जाता है क्या? महापौर ने कहा कि बाजू में बोहरा समाज के व्यापारियों को समय दिया गया है, और सिंधी समाज के व्यापारियों पर कार्यवाही की गई। गुस्से में महापौर ने कह दिया कि सिंधी समाज को आप लोगों ने पागल समझ रखा है क्या?

गुसाईं महापौर ने व्यापारियों के सामने भवन शासन अधिकारी सुरेश शर्मा को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि निगम में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों की मनमानी नहीं चलने देने और कार्यवाही से पहले जनप्रतिनिधियों को इसकी सूचना देने की बात कहते हुए कहा कि कार्रवाई में मानवी संवेदनाओं पर ध्यान रखना होगा और दुर्भावना पूर्ण कार्यवाही नहीं करनी होगी।

मेयर ने अपने भाजपा नेता पति अशोक विधानी के साथ मौके का दौरा भी किया। इस दौरान उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अफसर इतने निरंकुश हो गए हैं कि कुछ भी कर रहे हैं, तोड़फोड़ के दौरान अभी नहीं उठाया। उन्होंने अफसरों को हिदायत दी है कि जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर मानवीय संवेदनाओं के साथ कार्यवाही की जाए।

एमआईसी मेंबर की ही शिकायत पर हुई कार्यवाही

जिस अवैध निर्माण पर तोड़फोड़ की कार्यवाही से बवाल मचा हुआ है उसकी शिकायत खुद भाजपा नेता और एमआईसी मेंबर बंधु मौर्य ने की थी। उन्होंने शिकायत में बताया है कि नजूल की जमीन पर अवैध निर्माण किया गया है। उन्होंने आयुक्त से शिकायत कार्यवाही की मांग की बात कही थी।

शिकायत मिलने पर निगम और राजस्व की संयुक्त टीम ने मौके का निरीक्षण किया और सीमांकन के बाद अवैध निर्माण की पुष्टि की। इसके बाद नोटिस देकर कार्रवाई की गई। निर्माण क्षेत्र में करने की बात सामने ही जहां सड़क मार्ग नहीं है और भूमि नगर निगम तथा नजूल की है। तीसरी मंजिल पर बिना अनुमति लेंटर बनाने, पूर्व दिशा में डेढ़ मीटर और उत्तर दिशा में 3 मी करने की जानकारी मिली।

यहां आवासीय भवन का नक्शा पास करवा तीन मंजिला कर्मशियल भवन बना दिया गया। नक्शे में गली की तरफ एंट्री बताई गई थी पर बना दिया गया नाले की तरफ। यह निर्माण क्षेत्र में किया गया है जहां सड़क मार्ग नहीं है भूमि निगम और नजूल की है। भवन में एंट्री जो बनाई गई है वह कमर्शियल तो क्या आवासीय भवन के लायक भी नहीं है। भाजपा के ही एमआईसी मेंबर के द्वारा की गई शिकायत पर राजस्व और निगम अफसरों की टीम गठित करवा जांच और सीमांकन में सरकारी नजूल जमीन में निर्माण की पुष्टि होने पर नोटिस देने के बाद हुई कार्यवाही के बाद भी मचे बवाल और महापौर की नाराजगी को देखते हुए निगम के अफसरों को बचाव की मुद्रा में आना पड़ा है। वहीं शहर में इस बात की चर्चा है कि एक समाज विशेष के लिए ही कार्यवाही में अड़ंगेबाजी क्यों लगाई जा रही हैं। महापौर की नाराजगी का वीडियो भी वायरल हो रहा है।

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