Bihar Voter List Survey: बिहार की वोटर लिस्ट में विदेशी घुसपैठ का खुलासा: चुनाव आयोग ने जताई चिंता, विपक्ष ने उठाए सवाल
Bihar Voter List Me Videshi Nagrik Ke Naam: पटना: बिहार में आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची (Bihar Matdan Suchi) को लेकर बड़ा विवाद खड़ हो गया है। चुनाव आयोग (Chunav Aayog) ने पुष्टि की है कि राज्य में चल रही मतदाता पुनरीक्षण (Matdata Punarikshan) प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम वोटर लिस्ट (Bihar Voter List) में दर्ज पाए गए हैं। यह खुलासा क्षेत्रिय कार्यकर्ताओं की ओर से घर घर जाकर किए गए सत्यापन के दौरान हुआ।

Bihar Voter List Me Videshi Nagrik Ke Naam: पटना: बिहार में आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची (Bihar Matdan Suchi) को लेकर बड़ा विवाद खड़ हो गया है। चुनाव आयोग (Chunav Aayog) ने पुष्टि की है कि राज्य में चल रही मतदाता पुनरीक्षण (Matdata Punarikshan) प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम वोटर लिस्ट (Bihar Voter List) में दर्ज पाए गए हैं। यह खुलासा क्षेत्रिय कार्यकर्ताओं की ओर से घर घर जाकर किए गए सत्यापन के दौरान हुआ।
शुरु होगी गहन जांच प्रक्रिया
चुनाव आयोग (Chunav Aayog) ने साफ कहा है कि ऐसे अवैध प्रवासियों के नामों को अंतिम मतदाता सूची (Matdata Suchi) में शामिल नहीं किया जाएगा, जो कि 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की जानी है। इसके लिए 1 अगस्त के बाद गहन जांच की प्रक्रिया शुरु होगी, जिसमें संबंधित लोगों के जन्म स्थान और नागरिकता दस्तावेजों की छानबीन की जाएगी।
चुनाव आयोग का ऐलान
चुनाव आयोग Chunav Aayog) ने यह भी घोषणा की है कि न सिर्फ बिहार, बल्कि भविष्य में देशभर में विदेशी नागरिकों को मतदाता सूची (Matdata Suchi) से हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। यह विशेष रूप से संवेदनशील राज्यों में और महत्वपूर्ण होगा, जैसे कि असम, पश्चिम बंगाल , तामिलनाडू, केरल और पुडुचेरी जहां 2026 में चुनाव होने हैं।
पुनरीक्षण कार्य तेजी से जारी
बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में पुनरीक्षण (Matdata Punarikshan) कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें 38 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO), 963 सहायक ईआरओ (ERO) और 1.5 लाख बीएलए (BLA) शामिल है, जो घर घर जाकर सत्यापन और फॉर्म जमा करने में लगे हैं। चुनाव आयोग के अनुसार अब तक 6.32 करोड़ से अधिक फॉर्म जमा हो चुके हैं, जो कुल लक्ष्य का 80.11 प्रतिशत है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री का चुनाव आयोग पर निशाना
हालांकि इस खुलासे के बाद राजनीतिक घमासान भी शुरु हो गया है। पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल (Former Union Law Minister Kapil Sibal) ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि 'यह स्पेशल इंटेसिव रिवीजन असंवैधानिक है और आयोग मोदी सराकर का राजनीतिक उपकरण बन गया है। नागरिकता तय करना चुनाव आयोग का काम नहीं है।'
यह प्लांटेड स्टोरी: सांसद मनोज झा
वहीं राजद सांसद मनोज झा (RJD MP Manoj Jha) ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए और कहा कि यह प्लांटेड स्टोरी लगती है। अगर कोई विदेशी मतदाता है तो इसके लिए गृह मंत्रालय जिम्मेदार है, चुनाव आयोग नहीं। इसके जरीए समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है।
