Caste Census 2027 : जनगणना 2027 की अधिसूचना जारी: पसमांदा मुस्लिमों की गिनती पर जोर, सियासी दलों की आई प्रतिक्रिया

Caste Census 2027 : लखनऊ: केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को आगामी जनगणना 2027 (Caste Census 2027) के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। उत्तर प्रदेश के साथ ही पूरे देश में जातिगत आधार पर जनगणना (Caste Census 2027) की जाएगी। जिसको लेकर अब राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने इसका स्वागत किया है, तो वहीं समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें भाजपा सरकार के आंकड़ों पर भरोसा नहीं है। इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने भी जनगणना को ईमानदारी से कराने की मांग की है।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने किया स्वागत
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने जातिगत आधार पर जनगणना का स्वागत किया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने मुस्लिम समुदाय और खासकर पसमांदा तबके से अपील की है कि बिना किसी धार्मिक भ्रम के अपनी सही जाति दर्ज कराएं। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि मुसलमानों में भी जातियां होती है, लेकिन अक्सर उन्हें सिर्फ धर्म के आधार पर गिना जाता है। जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति का सही से आंकलन नहीं हो पाता। इसके साथ ही उन्होंने साफ कहा है कि यह धार्मिक नहीं बल्कि जातिगत जनगणना है। इसलिए मुस्लिम समुदाय फॉर्म भरते समय अपनी असली जाति की जानकारी दें।
जनगणना में ईमानदारी की मांग
इधर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि भाजपा सरकार की 11 वर्षों की उपलब्धियों को लेकर जो दावे किए जा रहे हैं, वे ज़मीनी हकीकत से दूर हैं। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना लंबे समय से रुकी थी, जिसे अब शुरू किया गया है, यह स्वागतयोग्य कदम है लेकिन इसे निष्पक्ष और ईमानदारी से पूरा किया जाना चाहिए।
सपा प्रमुख का निशाना
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के आंकड़ों पर भरोसा नहीं है। जो लोग महाकुंभ जैसे पवित्र मामले में भगदड़ में हुई मौत के मामले में झुठ बोल सकते हैं, उनपर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
