क्या 2024 लोकसभा फतह करने में मांडा के राजा को हथियार बना रहे अखिलेश यादव?
Samajwadi Party Planning 2024: समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश विधान सभा में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की स्क्रिप्ट तैयार कर रही है. आज 28 नंवबर को बजट सत्र की शुरूआत होते ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके पीछे-पीछे...
Samajwadi Party Planning 2024: समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश विधान सभा में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की स्क्रिप्ट तैयार कर रही है. आज 28 नंवबर को बजट सत्र की शुरूआत होते ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके पीछे-पीछे उनके विधायक और पूरी पार्टी चुनावी मोड में नजर आये. अखिलेश ने जातीय जनगणना कराये जाने की मांग के सहारे अपने मंसूबे जाहिर कर दिये.
सपा प्रमुख द्वारा आम चुनाव के लिए लिखी जा रही स्क्रिप्ट में जहां जातीय जनगणना को राजनैतिक हवा दी जा रही है, वहीं अखिलेश यादव पूर्व प्रधानमंत्री और यूपी के मांडा के राजा स्वर्गीय वीपी सिंह को भी अपनी राजनीतिक का ‘हथियार’ बनाने में लगे हैं. जिसकी पृष्ठभूमि यूपी से कोसों दूर तमिलनाडु में लिखी जा रही है.
जहां चेन्नै के एक कालेज में पूर्व पीएम की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर हिन्दी के मुखर विरोधी तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के साथ सपा प्रमुख अखिलेश यादव पूर्व पीएम वीपी सिंह की शान में कसीदे पढ़ते नजर और कहा कि प्रतिमा के अनावरण से 2024 के लोकसभा चुनाव मसे पहले पूरे देश में एक स्पष्ट संदेश गया है.
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश विधान सभा में समाजवादी पार्टी की रवैये की कि जाये तो बजट सत्र के दौरान अखिलेश ने मीडिया से रूबरू होते हुए साफ शब्दों में कहा जातीय जनगणना के बगैर सामाजिक न्याय नहीं हो सकता है. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी यह बड़ा मुद्दा रहेगा. योगी सरकार नहीं चाहती कि हम जनता के सवाल उठाएं. यह सरकार विपक्ष का सामना नहीं करना चाहती है. इसीलिए शीतकालीन सत्र कम दिनों का रखा गया ताकि सदन में चर्चा न हो सके. सरकार विपक्ष के सवालों से बचना चाहती है.
गौर करने वाली बात यह भी रही कि सपा विधायक सत्र के पहले दिन काले कपड़ों में विधानसभा पहुंचे थे. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि योगी सरकार विपक्ष के सभी सवालों का जवाब दे, जबकि इसी से लोकतंत्र मजबूत होगा. जनता की तमाम समस्याओं के लिए सरकार क्या कर रही है, इससे उन्हें पता चलेगा. अखिलेश ने आरोप लगाया कि यह सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे रही है.बिजली महंगी है. आवारा जानवर सड़क पर घूम रहे हैं. अभी तक धान खरीदने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है.
बहरहाल, बात सपा विधायक सत्र के पहले ही दिन काले कपड़ों में विधानसभा पहुंचने की कि जाये तो दरअसल इस बार विधायक विधानसभा में मोबाइल फोन वगैरह साथ नहीं ले पा रहे हैं. इसके विरोध में समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है. सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए ये लोग काले कपड़े पहनकर विधानसभा पहुंच गए. विरोध का यह सिलसिला आगे भी थमने वाला नहीं नजर आता है. बस कुछ तरीका बदल सकता है, परंतु विरोध की आग तो सुलगती रही रहेगी.
जातीय जनगणना ऐसा मुद्दा है जिसे हथियाने की होड़ में तमाम क्षेत्रीय दलों के साथ-साथ कांग्रेस भी ताल ठोक रही है. इसी लिए बिहार से लेकर यूपी और तमिलनाडु सहित कई राज्यों में यह ‘आग’ बढ़ती जा रही है. लब्बोलुआब यह है कि भारतीय जनता पार्टी को आम चुनाव में धूल चटाने के लिए समाजवादी पार्टी कोई कोरकसर नहीं छोड़ना चाहती है. अखिलेश यादव वह सभी ऐसे ‘दांव’ अजमा रहे हैं जिससे सपा को लोकसभा चुनाव में फायदा मिल सकता है.
कुल मिलाकर सपा द्वारा आम चुनाव के लिए तैयार की जा रही चुनावी स्क्रिप्ट में एक्शन और मसाला दोनों नजर आ रहे हैं.