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बाइक चोरी के रैकेट में शामिल निकले पुलिसवाले और पत्रकार… चोरों ने खोली पुलिस की पोल, वर्दी वाले ही करा रहे थे वाहनों की चोरी… SSP बोले- शर्म की बात

बाइक चोरी के रैकेट में शामिल निकले पुलिसवाले और पत्रकार… चोरों ने खोली पुलिस की पोल, वर्दी वाले ही करा रहे थे वाहनों की चोरी… SSP बोले- शर्म की बात
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By NPG News

लखनऊ 19 सितम्बर 2021. पुलिस वालों की लूट को अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता था कि तीन वर्दी वालों ने खाकी पर दाग लगा दिया. फीरोजाबाद के पचोखरा में पकड़े गए चोरों ने जब पुलिस की पोल खोली तो कप्तान भी हैरान रह गए. बाइक चुराने वाले गैंग से तीन वर्दी वालों का गठजोड़ था. ये तीनों चोरी की बाइक लेकर बाजार में सौदा करते थे। थाने और पुलिस लाइन में तैनात दो सिपाहियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है. वहीं एक सिपाही आगरा में तैनात है। पोल खुलने की भनक लगते ही जिले में तैनात दोनों पुलिस वाले फरार हो गए.

पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस ने जिन चार चोरों को गिरफ्तार किया गया है उनमें गौतम कुमार निवासी देवखेड़ा, संतोष कुमार निवासी अंबेडकर पार्क पचोखरा, राहुल कुमार निवासी गली नंबर 3 देवखेड़ा, और रजत कुमार निवासी देवखेड़ा शामिल हैं. इनकी निशानदेही पर देवखेड़ा रोड पर खाली मकान से 7 बाइक व अन्य जगह से भी 4 दोपहिया वाहन बरामद किए गए हैं. चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि बाइक चोरी में पचोखरा थाने में ही तैनात रहे तीन पुलिसकर्मी व दो पत्रकार चोरी की बाइक खरीदते थे.

आरोपियों ने बताया कि इस पूरे काम में पचोखरा थाने में तैनात रहे आरक्षी दलवीर सिंह, आरक्षी सुरेन्द्र सिंह व इस समय तैनात आरक्षी प्रवीन से हमारा परिचय होने के कारण हम लोग लाभ का लालच देकर इनके माध्यम से मोटरसाइकिल बेचते थे। बाइक चोरी करने के बाद वह गाड़ियों के चेसिस नंबर तक बदल देते थे। जिससे गाड़ी बेचने में उन्हें आसानी हो जाती थी। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम गौतम कुमार पुत्र राकेश कुमार निवासी देवखेड़ा, संतोष कुमार पुत्र स्व. चरन सिंह निवासी अम्बेडकर पार्क के सामने पचोखरा, राहुल कुमार पुत्र नौबत सिंह निवासी गली नम्बर 3 देवखेड़ा थाना पचोखरा और रजत कुमार पुत्र नौबत सिंह निवासी देवखेड़ा हैं।

वाहन चोरों और सिपाहियों में गठजोड़ प्लानिंग के तहत काम करता था। चोरी की गई बाइक सिपाहियों तक पहुंचा दी जाती थी। इसके बाद सिपाही कुछ दिन तक बाइक चलाते थे। इसके बाद बाजार में सौदा कर दिया जाता था। पुलिस वाले की बाइक होने के कारण खरीदार शक नहीं करता था। पुलिस वाले एक बाइक के तीन से चार हजार रुपये चोरों को देते थे। अब तक कई बाइक इस तरह बेची गई हैं। जिले के अलग-अलग क्षेत्रों से बाइक चुराते थे।

एसएसपी अशोक कुमार शुक्ला ने बताया कि बाइक चोरी के मामले में अपराधियों को पचोखरा थाने में तैनात रहे आरक्षी दलवीर, सुरेंद्र सिंह और वर्तमान में तैनात आरक्षी प्रवीण कुमार का पूरा सहयोग मिलता रहा. यह तीनों सिपाही न सिर्फ चोरी की मोटरसाइकिल खरीदते थे बल्कि मदद भी करते थे.

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