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गायब IAS को पुलिस ने ढूंढ निकाला: मंत्री ने SSP को पत्र लिखकर कहा था- अपर सचिव किडनैप हो गए! जानिये अपहरण हुआ था या मामला था कुछ और…

गायब IAS को पुलिस ने ढूंढ निकाला: मंत्री ने SSP को पत्र लिखकर  कहा था- अपर सचिव किडनैप हो गए! जानिये अपहरण हुआ था या मामला था कुछ और…
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By NPG News

देहरादून 24 सितंबर 2020।उत्तराखंड के महिला सशक्तिकरण और बाल विकास विभाग के निदेशक IAS अफसर वी षणमुगम मंगलवार रात अपने घर में मिल गए हैं. विभाग की मंत्री रेखा आर्य (Minister Rekha Arya) के आईएएस (IAS Officer) के ‘गायब’ होने की आशंका जताने पर देर रात पुलिस षणमुगम के घर पहुंची तो वह घर पर मिल गए. उन्होंने बताया कि वह क्वारंटाइन हैं. इससे पहले रविवार से फ़ोन न उठाने की वजह से महिला और बाल विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने विभाग के निदेशक के अपहरण की आशंका जताते हुए देहरादून के एसएसपी को पत्र लिखकर षणमुगम की तलाश करने को कहा था.

विभागीय मंत्री रेखा आर्य ने देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी को पत्र लिखकर उनके अपहरण की आशंका जताई थी। राज्यमंत्री रेखा आर्य ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में बताया था कि वी षणमुगम वर्तमान में उनके विभाग में अपर सचिव एवं निदेशक के पद पर कार्यरत हैं। जो 20 सितंबर से गायब हैं, उनका फोन भी बंद है। कई बार संपर्क करने के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। आर्य के अनुसार या तो किसी ने उनका अपहरण कर लिया है।

ऐसा भी हो सकता है कि वे जानबूझकर भूमिगत हों.हालांकि जब पुलिस उन्हें तलाशने पहुंची तो वो घर पर ही मिल गये।

बता दें कि आईएएस वी षणमुगम पौड़ी जिले में बतौर संयुक्त मजिस्ट्रेट, चमोली में मुख्य विकास अधिकारी और बागेश्वर में जिलाधिकारी के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वे मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं।

टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप

मंत्री रेखा आर्य सचिव पर टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया था. उन्होंने लिखा था कि विभाग में मानव संसाधन आपूर्ति के लिए एक टेंडर प्रक्रिया चल रही थी, जिसमें धांधली की बात सामने आ रही थी. ऐसे में हो सकता है संभावना हो कि वो इस मामले से बचने के लिए खुद ही गायब हो गए हों.

आपको बता दें कि इससे पहले रेखा आर्य ने मामले में विभाग के निदेशक वी षणमुगम को तलब करते हुए एक पत्र भी उन्हें लिखा था. उन्होंने महिला एवं बाल विकास में आउसोर्सिंग एजेंसी में गड़बड़ी की शिकायत सामने आने पर निदेशक को पत्र लिखकर अपना पक्ष रखने को कहा था.

उन्होंने षडमुगम से पत्र में कहा था कि कुछ फर्मों ने गड़बड़ी के संबंध में शिकायत की है, जिसको लेकर दो दिन से आपसे संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन आपका फोन नहीं उठा. इस संबंध में सचिव को फोन किया गया तो उन्होंने भी फोन नहीं उठाया

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