PM मोदी ने बेटियों को दिया उपहार… किसान, युवा, गतिशक्ति प्लान…जानें संबोधन में क्या कुछ बोले PM मोदी
नईदिल्ली 15 अगस्त 2021. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 75वें स्तवंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले के प्राचीर से आज 8वीं बार तिरंगा फहराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। लाल किले से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास को जोड़ा। उनके भाषण में बंटवारे का दर्द भी छलका, साथ ही आतंकवाद और विस्तारवाद का जिक्र कर परोक्ष रूप से पाकिस्तान और चीन पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने अपने भाषण ऐलान किया कि सरकार ने बेटियों के लिए सैनिक स्कूल के दरवाजे खोल दिए हैं। तो चलिए जानते हैं पीएम मोदी ने जश्न-ए-आजादी के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों से क्या-क्या कहा है।
सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए देश के सभी सैनिक स्कूलों के दरवाजे अब लड़कियों के लिए खोल दिये हैं जिससे सभी स्कूलों में अब लड़कों के साथ साथ लड़कियों को भी प्रवेश दिया जायेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की बेटियां देश में हर क्षेत्र में अपनी जगह बनाने में लगी है और इसलिए अब सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी सैनिक स्कूलों में लड़को के साथ साथ लड़कियों को भी प्रवेश दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि आज मैं एक खुशी देशवासियों से साझा कर रहा हूं। मुझे लाखों बेटियों के संदेश मिलते थे कि वो भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं, उनके लिए भी सैनिक स्कूलों के दरवाजे खोले जाएं। आज भारत की बेटियां अपना स्पेस लेने के लिए आतुर हैं। दो-ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में पहली बार बेटियों को प्रवेश देने का प्रयोग किया गया था। अब सरकार ने तय किया है कि देश के सभी सैनिक स्कूलों को देश की बेटियों के लिए भी खोल दिया जाएगा। बता दें कि सरकार ने दिसम्बर 2019 में देश के पांच सैनिक स्कूलों के दरवाजे लड़कियों के लिए खोले थे लेकिन आज प्रधानमंत्री ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए कहा कि सभी सैनिक स्कूलों में अब लड़कियों को प्रवेश दिया जायेगा।
सभी मनुफक्चरर्स के लिए पीएम मोदी ने कहा, ‘आपका हर एक प्रॉडक्ट भारत का ब्रैंड एंबेसेडर है. जब तक वो प्रॉडक्ट इस्तेमाल में लाया जाता रहेगा, उसे खरीदने वाला कहेगा- हां ये मेड इन इंडिया है.’ पीएम मोदी ने भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए मनुफक्चरर्स के साथ-साथ एक्सपोर्ट और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी बात की. उन्होंने कहा, ‘विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए भारत को अपनी मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट, दोनों को बढ़ाना होगा. आपने देखा है, अभी कुछ दिन पहले ही भारत ने अपने पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को समुद्र में ट्रायल के लिए उतारा है. भारत आज अपना लड़ाकू विमान बना रहा है, सबमरीन बना रहा है, गगनयान भी बना रहा है. भारत को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में होलिस्टिक अप्रोच अपनाने की भी जरूरत है. भारत आने वाले कुछ ही समय में प्रधानमंत्री गतिशक्ति- नेशनल मास्टर प्लान को लॉन्च करने जा रहा है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद वैश्विक संबंधों का रूप बदल गया था. कोरोना काल के बाद भी ऐसा ही नजर आया. कोरोना काल के भारत के प्रयासों को दुनिया ने सराहा. दुनिया भारत को नई दृष्टि से देख रही. भारत आतंकवाद, विस्तारवाद दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है. हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा. सेना के हाथ मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आर्टिकल 370 हटाना, जीएसटी लाना, फौजियों के लिए वन पेंशन, अयोध्या का शांतिपूर्वक समाधान यह पिछले कुछ समय में देखा गया. ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा, जम्मू कश्मीर में पहली बार BDC चुनाव भारत की संकल्प शक्ति बताता है. भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश आ रहे है. सर्जिकल, एयर स्ट्राइक से दुश्मनों को नए भारत का संदेश देने का काम किया. यह बताता है कि भारत बदल रहा, भारत कठिन से कठिन फैसले भी ले सकता है, भारत झिझकता नहीं है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं सभी विभागों से नियमों और प्रक्रियाओं की समीक्षा के लिए अभियान शुरू करने का आह्वान करता हूं; हमें बाधा पैदा करने वाले सभी नियमों को हटाना होगा. पीएम मोदी ने नेशनल हाइड्रोजन मिशन का ऐलान किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ऊर्जा के क्षेत्र में यह भारत की नई प्रगति होगी, भारत इससे आत्मनिर्भर बनेगा. इससे ग्रीन जॉब के लिए अवसर खुल जाएंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे कई गुजारिश मिलीं कि बेटियां भी सैनिक स्कूल में पढ़ना चाहती हैं. दो-ढाई साल पहले मिजोरम के सैनिक स्कूल में प्रयोग के तौर पर बेटियों को एडमिशन देने का निर्णय लिया गया था. अब देश के सभी सैनिक स्कूलों में बेटियों का भी एडमिशन हो सकेगा. इन्हें बेटियों के लिए खोलने का काम किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा रुकावट नहीं बनेगी. खेल को इसका मुख्य हिस्सा बनाने का काम किया गया है. यह पाठ्येतर नहीं है. अब खेल के लिए जागरूकता नजर आ रही है. माता-पिता का नजरिया बदला है. ओलंपिक भी एक बड़ा टर्निंग पाइंट है. बोर्ड का रिजल्ट हो या ओलंपिक का मैदान, बेटियां बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. हर कार्यक्षेत्र में समान सहभागिता का प्रयास करना है. देश के सैंकड़ों पुराने कानूनों को खत्म करने का काम किया गया. कोरोना काल में भी 15 हजार से ज्यादा अनुपालनों को खत्म किया. 200 साल पहले से एक कानून चला आ रहा था, इसकी वजह से देश के नागरिक को मैपिंग (नक्शा) बनाने की स्वतंत्रता नहीं दी गई थी. इसके लिए सरकार से इजाजत लेने की जरूरत होती थी. ऐसे कानूनों का बोझ लेकर चलना सही नहीं था. ऐसे बेवजह वाले कानूनों को खत्म करने का काम किया गया. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज आह्वान कर रहा हूं, केंद्र हो या राज्य सभी के विभागों से, सभी सरकारी कार्यालयों से. अपने यहां नियमों-प्रक्रियाओं की समीक्षा का अभियान चलाइए. हर वो नियम, हर वो प्रक्रिया जो देश के लोगों के सामने बाधा बनकर, बोझ बनकर, खड़ी हुई है, उसे हमें दूर करना ही होगा.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के जिन ज़िलों के लिए ये माना गया था कि ये पीछे रह गए, हमने उनकी आकांक्षाओं को भी जगाने का काम किया. देश मे 110 से अधिक आकांक्षी ज़िलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सड़क, रोज़गार, से जुड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. इनमें से अनेक जिले आदिवासी अंचल में हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश ने संकल्प लिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में 75 वंदेभारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ रही होंगी. आज जिस गति से देश में नए एयरपोर्ट का निर्माण जारी है, उड़ान योजना दूर-दराज के इलाकों को जोड़ने का काम कर रही है, वो भी अभूतपूर्व और गौरव की बात है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश ने संकल्प लिया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह में 75 वंदेभारत ट्रेनें देश के हर कोने को आपस में जोड़ रही होंगी. आज जिस गति से देश में नए एयरपोर्ट का निर्माण जारी है, उड़ान योजना दूर-दराज के इलाकों को जोड़ने का काम कर रही है, वो भी अभूतपूर्व और गौरव की बात है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेडिकल शिक्षा में जरूरी बड़े सुधार भी किए गए हैं. प्रिवेंटिव हेल्थ केयर पर भी उतना ही ध्यान दिया गया है. साथ साथ देश में मेडिकल सीटों में भी काफी बढ़ोतरी करने का काम किया गया. बहुत जल्द देश के हजारो अस्पतालों के पास अपने ऑक्सीजन प्लांट भी होंगे. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत को नई उंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ्य का सही और पूरा इस्तेमाल समय की मांग है, बहुत ज़रूरी है. इसके लिए जो वर्ग और क्षेत्र पीछे है उनकी हैंडहोल्डिंग करनी ही होगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि छोटे किसानों पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है. कृषि सेक्टर की चुनौतियों पर ध्यान देने की जरूरत है. किसानों की जमीन लगातार छोटी हो रही है. 80 फीसदी किसानों के पास 2 हेक्टर से कम जमीन वर्तमान में है. मोदी ने 80 फीसदी किसानों के उत्थान का नारा देते हुए कहा, ‘छोटा किसान बने देश की शान. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि जब केंद्र सरकार ये लक्ष्य बनाकर चलती है कि हमें समाज की आखिरी पंक्ति में जो व्यक्ति खड़ा है उस तक पहुंचना है तो न कोई भेदभाव हो पाता है न ही भ्रष्टाचार ही इन कार्यो में होता है. देश के हर गरीब व्यक्ति तक पोषण पहुंचाना भी सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि सरकार अपनी अलग अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, फोर्टिफाई करेगी…. गरीबों को पोषणयुक्त चावल देगी… राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मिड डे मिल में बालकों को मिलने वाला चावल हो वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई करने का काम हमारी सरकार करेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा पूर्वी भारत, नॉर्थ ईस्ट, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख सहित पूरा हिमालय का क्षेत्र हो, हमारी कोस्टल बेल्ट या फिर आदिवासी अंचल हो, ये भविष्य में भारत के विकास का बड़ा आधार बनने का काम करेंगे. आज नॉर्थ ईस्ट में कनेक्टिविटी का नया इतिहास लिखा जा रहा है. ये कनेक्टिविटी दिलों की भी है और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी है. बहुत जल्द नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों की राजधानियों को रेलसेवा से जोड़ने का काम केंद्र सरकार पूरा करने वाली है. उन्होंने कहा कि सभी के सामर्थ्य को उचित अवसर देना, यही लोकतंत्र की असली भावना है. जम्मू हो या कश्मीर, विकास का संतुलन अब ज़मीन पर नजर आ रहा है. जम्मू कश्मीर में डी-लिमिटेशन कमीशन का गठन हो चुका है और आने वाले समय में विधानसभा चुनाव भी करवाए जाएंगे. आगे प्रधानमंत्री ने कहा कि लद्दाख भी विकास की अपनी असीम संभावनाओं की तरफ आगे बढ़ चला है. एक तरफ लद्दाख, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होते देख रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ‘सिंधु सेंट्रल यूनिवर्सिटी’ लद्दाख को उच्च शिक्षा का केंद्र भी बनाने जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज सरकारी योजनाओं की गति बढ़ी है और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है. पहले की तुलना में हम तेजी से आगे बढ़े लेकिन सिर्फ यहां बात पूरी नहीं होती. अब हमें पूर्णता तक जाना है. उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों और उद्यमियों की ताक़त का ही परिणाम है कि आज भारत को किसी और देश पर निर्भर नहीं होना पड़ा. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें अभी से जुट जाना है. हमारे पास गंवाने के लिए एक पल भी नहीं है. यही समय है, सही समय है. बदलते हुए युग के अनुकूल हमें भी अपनेआप को ढालना होगा. सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास इसी श्रद्धा के साथ हम सब जुट चुके हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पहले सरकार ने 100 फीसदी घरों में शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य रखा था. अगले लक्ष्यों को कुछ ही वर्षों में पूरा करना हम चाहते है. अब हर घर जल मिशन के लिए तेजी से काम किया जा रहा है. सिर्फ दो साल में साढ़े चार करोड़ से ज्यादा परिवारों को नल से जल मिलना शुरू हो चुका है. उन्होंने कहा कि गरीबों को पोषणयुक्त चावल किया जाएगा. राशन की दुकान या कहीं भी 2024 तक हर योजना के तहत मिलने वाला चावल पोषणयुक्त होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे, नए भारत के सृजन का ये अमृत काल है. इस अमृत काल में हमारे संकल्पों की सिद्धि हमें आज़ादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी, गौरवपूर्ण रूप से ले जाएगी. उन्होंने कहा कि अमृतकाल का लक्ष्य है भारत और भारत के नागरिकों के लिए समृद्धि के नए शिखरों का आरोहण. एक ऐसे भारत का निर्माण जहां सुविधाओं का स्तर गांव और शहर को बांटने वाला न हो. एक ऐसे भारत का निर्माण जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बंटवारे का जिक्र किया और कहा कि वह दर्द सीने को छलनी करता है. कोरोना संक्रमण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सोचिए यदि भारत के पास अपनी वैक्सीन नहीं होती तो क्या होता, पोलियो की वैक्सीन भारत को मिलने में कितना वक्त लग गया था. लेकिन आज हमें गर्व है कि सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान भारत में चल रहा है. 54 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाने का काम पूरा हो चुका है. कोविन जैसी ऑनलाइन व्यवस्था, डिजिटल सर्टिफिकेट की व्यवस्था सबको आकर्षित कर रहा. भारत में जिस तरह 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देकर गरीब का चूल्हा जलते रखा है, वह काफी बड़ी बात है.