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एजेएल और मोतीलाल वोरा की सम्पत्ति कुर्की के आदेश…. नेशनल हेराल्‍ड मामले में ED की कार्रवाई

एजेएल और मोतीलाल वोरा की सम्पत्ति कुर्की के आदेश…. नेशनल हेराल्‍ड मामले में ED की कार्रवाई
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By NPG News

नई दिल्‍ली 9 मई 2020। नेशनल हेराल्‍ड मामले में कांग्रेस पार्टी के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। कांग्रेस प्रमोटेड एसोसिएटेड जर्नल्‍स लिमिटेड (AJL) और पार्टी नेता मोतीलाल वोरा की संपत्ति कुर्क करने का ऑर्डर है। प्रवर्तन दिनेशालय (ED) की ओर से शनिवार को जारी प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में यह ऐक्‍शन लिया गया है। कुर्क की गई 16.38 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी में मुंबई की 15 हजार स्‍क्‍वायर फ‍िट में फैली एक नौ मंजिला इमारत शामिल है। ED ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) ऐक्‍ट के तहत यह अटैचमेंट ऑर्डर जारी किया है।

ED ने पिछले साल मोतीलाल वोरा और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। पंचकूला के सेक्टर छह में प्‍लॉट नंबर सी-17 की खरीद, कब्जे से जुड़ी प्रक्रिया में प्रत्यक्ष तौर पर शामिल होने के कारण इनके नाम चार्जशीट में हैं। जांच में पता चला कि प्‍लॉट को AJL को साल 1982 में आवंटित किया गया। एस्टेट अधिकारी HUDA ने 30 अक्टूबर 1992 को वापस ले लिया, क्योंकि AJL ने ऑफर लेटर की शर्तें फॉलो नहीं की थीं।

1996 में पुनर्विचार याचिका के खारिज करने के बाद पुर्नग्रहण आदेश दिया गया। हुड्डा पर आरोप है कि उन्‍होंने अपनी पावर का इस्‍तेमाल करते हुए प्‍लॉट को पुनर्आवंटन की आड़ में नए सिरे से AJL को आवंटित किया। इसकी कीमत वही रखी गई। यह आदेश 28 अगस्त 2005 को दिया गया। ED ने CBI की FIR के आधार पर 2016 में PMLA शिकायत दर्ज की थी।

वोरा एजेएल के प्रबंध निदेशक हैं। एजेएल वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं द्वारा नियंत्रित की जाती है। इसमें गांधी परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। नेशनल हेराल्ड अखबार इस समूह को संचालित करता है। 1938 में जवाहरलाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना की थी। तब से इसे कांग्रेस का मुखपत्र माना जाता है।

बता दें पहले अखबार का मालिकाना हक एजेएल के पास था। हालांकि आजादी के बाद 1956 में एजेएल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया। साल 2008 में इसके सभी प्रकाशनों को निलंबित कर दिया गया और कंपनी पर 90 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया। इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व ने ‘यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक नई अव्यवसायिक कंपनी बनाई। इसमें सोनिया और राहुल गांधी सहित मोती लाल वोरा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और सैम पित्रोदा को निदेशक बनाया गया।

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