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NPG स्पेशल : देवगुड़ी का संरक्षण कर आदिवासियों को समृद्ध करने की दंतेवाड़ा प्रशासन की अनूठी पहल…..देवस्थल के संवर्धन के साथ वनवासी शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास की तरफ हो रहे आकर्षित

NPG स्पेशल : देवगुड़ी का संरक्षण कर आदिवासियों को समृद्ध करने की दंतेवाड़ा प्रशासन की अनूठी पहल…..देवस्थल के संवर्धन के साथ वनवासी शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास की तरफ हो रहे आकर्षित
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By NPG News

दंतेवाड़ा 3 दिसंबर 2020। आस्था से समृद्धि की कड़ी जोड़कर आदिवासी क्षेत्र के उत्थान की अनूठी पहल दंतेवाड़ा में शुरू हुई है। आदिवासियों के आस्था स्थल देवगुड़ी को संवारकर ना सिर्फ उन्हें परंपरा से जोड़कर रखा गया है, बल्कि इस योजना के जरिये आदिवासियों को स्वच्छता, स्वास्थ्य और विकास के क्षेत्र में भी आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। यूं तो दंतेवाड़ा पहले ही मां दंतेश्वरी की वजह से अध्यात्म और पर्यटन का बड़ा केंद्र बना हुआ है। अब जिस तरह से सरकार ने आदिवासियों की परंपरागत देवगुड़ी को आधुनिक स्थल के रूप में बदला है, उसने सैलानियों को देवगुड़ी की तरफ से आकर्षित किया है।

जिला प्रशासन इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए 143 ग्राम पंचायतों में ‘‘देवगुड़ी स्थल कायाकल्प’’ कर उसे पर्यटन केन्द्र के रूप स्थापित करने एवं यहां की अमूल्य संस्कृति एवं धरोहर को संजोने का कार्य कर रहा है। जिससे दन्तेवाड़ा जिले के विभिन्न संस्कृति, सभ्यता, खानपान, रहन-सहन, आभूषण एवं बोली-भाषा से यहां आने वाले सैलानी परिचित हो सकेंगे। साथ ही उन्हें पहली बार एक ऐसा स्थान मिलेगा जहां आदिवासी अंचल की सभ्यता एवं संस्कृति जानने-पहचानने के साथ करीब से महसूस कर सकेंगे। सैलानियों के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार स्वतः होगा, एवं इसे विश्व पटल पर अलग पहचान मिलेगी, जिससे आदिवासी संस्कृति और समृद्ध होगी।

क्या है देवगुड़ी

दंतेवाड़ा जिला विभिन्न आदिवासी संस्कृतियों को संजोये हुए है, यहां हर गांव में परंपरा अनुसार एक आस्था स्थल है। उस स्थान को ही वनवासी पारंपरिक भाषा में देवगुड़ी कहते हैं। देवगुड़ी में गांववालों की आस्था बसती है, गांव में कोई भी त्योहार बिना देवगुड़ी के सम्पन्न नहीं होता है। गांवों में आस्था के प्रतिक स्वरूप देवगुड़ी का संरक्षण एवं कायाकल्प करने का बीड़ा जिला प्रशासन ने उठाया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक देवगुड़ी परिसर का चिन्हांकन कर क्षेत्र के कायाकल्प की कार्ययोजना है।

देवगुड़ी आस्था के साथ दर्शनीय स्थल भी बना

आदिवासियों के इस देव स्थल को निखारने के लिए प्रत्येक गांव को 7.51 लाख दिया जा रहा है।इस प्रकार जिले में कुल 143 देवगुड़ी हेतु 1073.93 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है।
साथ ही स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण से प्रत्येक देवगुड़ी स्थल में सैलानियों को सुव्यवस्थित प्रसाधन हेतु 2.20 लाख रूपये का शौचालय निर्माण मनरेगा एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अभिसरण से किया जा रहा है। जिसमे 1.80 लाख रूपये स्वच्छ भारत मिशन द्वारा एवं 0.40 लाख रूपये मनरेगा से प्रदाय किया जा रहा है। कुल 143 देवगुड़ी हेतु 314.60 लाख रूपये व्यय किया जा रहा है। इसके अलावा पेयजल एवं अन्य अनुसांगिक कार्य हेतु पंचायत द्वारा 14वें वित्त एवं 15वें वित्त की राशि का व्यय किया जा रहा है। जिसमे मुख्यतः देवगुड़ी स्थल का जीणोद्धार कार्य, देवगुड़ी परिसर में फलदार-छायादार वृक्षारोपण कार्य, ग्रामीणों हेतु पेयजल व्यवस्था, देवगुड़ी हेतु शेड निर्माण कार्य जिसमें ग्रामीणजन द्वारा सु-व्यवस्थित बैठकर अनुष्ठान एवं पूजा-अर्चना किया जा सके, नियत स्थान पर प्रसाधन हेतु शौचालय निर्माण कार्य एवं देवगुड़ी परिसर को चैनलिंक मेश तार फैसिंग कार्य कराये जाने है।

ग्रामीण लेंगे 7 संकल्प

देवगुड़ी कायाकल्प कार्य निर्माण कार्य ही नहीं अपितु यह ग्राम वासियों के सामाजिक, व्यवहारिक जीवनशैली में भी अप्रतिम परिवर्तन लायेगा। देवगुड़ी कायाकल्प कार्य पूर्ण होने के उपरांत सभी ग्रामवासी ‘‘किरिया’’ (संकल्प) लेंगें कि उनके ग्राम पंचायत में 7 बिन्दुओं का सूचकांक- एनिमिया मुक्त, गंदगी मुक्त पंचायत, कुपोषण मुक्त, मलेरिया मुक्त, 100 प्रतिशत स्कूली बच्चों का नामांकन, 100 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव एवं शत प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण एवं आंगनबाड़ी प्रदेश जैसे 07 बिन्दुओं प्रदर्शन के आधार पर श्रेणी तैयार किया जायेगा । श्रेणी में प्रथम स्थान 100-91 अंक के बीच हरा रंग, द्वितीय स्थान 90-75 अंक के बीच पीला रंग तथा तृतीय स्थान 75 अंक से नीचे प्रदर्शन रहने पर सफेद रंग से चिन्हांकित किया जायेगा । उपरोक्त सूचकांकों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले पंचायतों को जिला प्रशासन की तरफ से हर कार्य मे प्राथमिकता दी जावेगी।। जिससे कम श्रेणी प्राप्त करने वाले पंचायत भी उक्त सूचकांकों में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगें। इस प्रकार ग्राम पंचायतों में ही आपस में प्रतियोगिता स्थापित होगा। जिससे इन सूचकांको में हमारा जिला सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा । और इस प्रकार हमारा जिला स्वच्छ, स्वस्थ एवं समृद्धशाली बन सकेगा और गढ़बो नवा दन्तेवाड़ा का संकल्प साकार हो सकेगा।

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