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NIOS डीएलएड वालों को नियमित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में न लिए जाने को लेकर प्रशिक्षित डीएड/बीएड संघ दायर करेगा कल हाइकोर्ट में याचिका…. संगठन के नेताओं पर खुद चयनित न होने के कारण भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिस के लग रहे है आरोप!

NIOS डीएलएड वालों को नियमित शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में न लिए जाने को लेकर प्रशिक्षित डीएड/बीएड संघ दायर करेगा कल हाइकोर्ट में याचिका…. संगठन के नेताओं पर खुद चयनित न होने के कारण भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिस के लग रहे है आरोप!
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By NPG News

रायपुर 24 फरवरी 2020। छत्तीसगढ़ प्रशिक्षित डीएड/बीएड संघ अब एक और मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में कल याचिका दायर करने जा रहा है इस बार मुद्दा केंद्र सरकार के द्वारा राज्य सरकार की सहमति से कराए गए उस डीएलएड कोर्स को लेकर है जिसे एनआईओएस के माध्यम से पूरे देश में कराया गया है और जिसकी नोडल एजेंसी खुद राज्य सरकार थी । छत्तीसगढ़ डीएड/बीएड प्रशिक्षित संघ के प्रदेश अध्यक्ष दाऊद खान ने कल अपने संगठन के सदस्यों को बिलासपुर बुलाया है जहां उनके द्वारा याचिका लगाई जाएगी । इससे पहले संगठन एनआईओएस डीएलएड के विरोध में राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन भी कर चुका है और अब न्यायालय जाने की तैयारी है । उनका कहना है कि एनआईओएस को मान्यता देने से उन लोगों के साथ अन्याय हो रहा है जिन्होंने प्रदेश के कॉलेजों से नियमित पढ़ाई की है।

संगठन के नेतृत्व कर्ताओं पर लगे गंभीर आरोप… खुद चयनित न होने पर भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने का चल रहा है प्रयास

इधर अब उन अभ्यार्थियों के सब्र का बांध टूटने लगा है जिनकी नौकरी नियमित शिक्षक के तौर पर तय हो चुकी है और जो केवल नियुक्ति आदेश मिलने का इंतजार कर रहे हैं उनका सीधे तौर पर आरोप है कि सरकार नियमों के हिसाब से भर्ती करेगी लेकिन लगातार प्रदर्शन और याचिका लगाकर भर्ती प्रक्रिया को बाधित और लेट करने का काम वही लोग कर रहे हैं जिनका खुद का चयन इस भर्ती प्रक्रिया में नहीं हो पाया है और उनकी पुरजोर कोशिश है कि किसी तरीके से भर्ती प्रक्रिया विवादित बनकर रद्द हो जाए ताकि फिर से उन्हें अपनी किस्मत आजमाने का मौका मिल जाए । चयनित अभ्यर्थी अब संगठन के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर खुलकर अपने विचार रख रहे हैं और संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दाऊद खान और सचिव सुशांत शेखर धराई पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं ।

एनआईओएस डीएलएड का विरोध तो फिर सुंदरलाल शर्मा और इग्नू डीएलएड का क्यों नहीं

इधर कुछ अभ्यर्थियों का यह कहना है कि जब एनआईओएस डीएलएड का विरोध किया जा रहा है तो फिर सुंदरलाल शर्मा और इग्नू से डीएलएड पास अभ्यर्थियों का भी विरोध किया जाना चाहिए क्योंकि उन मुक्त विश्वविद्यालयों में भी केवल 15 दिनों का कांटेक्ट क्लास होता है लेकिन विरोध करने वालों को पता है कि वहां उनकी दाल नहीं गल सकती इसलिए जानबूझकर एनआईओएस को निशाना बनाया जा रहा है जबकि यह केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार की सहमति से कराया गया कोर्स है और जिसके कुल कांटेक्ट क्लास की संख्या सुंदरलाल शर्मा और इग्नू के क्लासेस से भी अधिक है साथ ही जिन्होंने भी यह कोर्स किया है वह स्कूलों में पहले से ही सर्विस में थे यानी उनका प्रशिक्षण भी उनकी तुलना में ज्यादा बेहतर है , अगर विरोध करने वाले की योग्यता इतनी अधिक थी तो फिर व्यापमं द्वारा ली गई खुली भर्ती में उनके अंक एनआईओएस डीएलएड वालों से अधिक आना चाहिए था जो कि नहीं आ पाया है और इसी की उन्हें खीज है ।

उनका कहना है कि एनआईओएस की मान्यता को लेकर तो कहीं कोई संदेह वाली बात ही नहीं है लेकिन जानबूझकर जिस प्रकार संगठन के नेताओं द्वारा राजनीति करके मामले को उठाया जा रहा है और पूरी भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है इससे चयनित होने के बाद भी उनकी नियुक्ति प्रक्रिया में देरी हो रही है और इसका खामियाजा अंत में उन्हें ही भुगतना पड़ेगा क्योंकि राजनीति करने वाले तो राजनीति करके चले जाएंगे और उनका कोई नुकसान होना नहीं है उनका सिलेक्शन ऐसे भी नहीं हुआ है और वह पूरी भर्ती प्रक्रिया से पहले ही बाहर हैं इसलिए अलग अलग मुद्दा उठाकर जानबूझकर भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित करने और इसकी आड़ में चंदा वसूली करने का कार्यक्रम चला रहे हैं । अब देखना होगा कि यह लड़ाई कहां जाकर रुकती है या फिर एक भर्ती प्रक्रिया विवाद की बलि चढ़ने जा रही है ।

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