NEW RAIL LINE-गेवरा से पेंड्रा तक बिछेगी 135 किमी नई रेल लाईन, गेवरा-पेंड्रा के बीच डेढ़ घंटे की दूरी कम हो जाएगी, SBI की अगुवाई में बैंकों के संघ से 3976 करोड़ रुपए के लोन पर समझौता
0 एसईसीएल की भागीदारी से छत्तीसगढ़ में रेल संरचना का विकास
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रायपुर, बिलासपुर, 5 मई 2020। छत्तीसगढ़ रेल कॉरिडोर से एक बड़ी खबर आ रही है। गेवरा से पेंड्रा रोड के बीच 135 किलोमीटर लंबी रेल लाईन बिछाने के लिए वित्तीय अड़चन दूर हो गई है। इसके लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में बैंकों के संघों से करार हो गया है। बैंकों का संघ 3976 करोड़ का लोन मुहैया कराएगा। इसमें 1800 करोड़ एसबीआई का होगा।
साउथ ईस्टन कोल फील्ड्स लिमिटेड की अनुषंगी कंपनी छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेल लिमिटेड ने बैंकों के संघ के साथ आज करारनामे पर हस्ताक्षर किया।
इस रेलवे लाईन के बन जाने के बाद गेवरा से पेंड्रा रोड की दूरी करीब 54 किलोमीटर कम हो जाएगी। सबसे खास बात यह है कि टाईम लगभग डेढ़ घंटे कम होगा। अभी गेवरा से चांपा, बिलासपुर होकर पेंड्रा 190 किलोमीटर पड़ता है। लेकिन, पेंड्रा से बिलासपुर होकर गेवरा जाने में टाईम इसलिए अधिक लगता है क्योंकि चांपा में अप लाईन से जाने वाली ट्रेनों को डाउन लाइन को क्रॉस करना पड़ता है। इस लाइन पर मालगाड़ी के साथ ही यात्री ट्रेनें भी चलेंगी। इसी दृष्टि से इसे विकसित किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में रेल कारिडोर योजना के तहत 800 किलोमीटर रेल लाईन बिछाई जानी है। इसमें से खरसिया से कारिछापर के बीच डबल रेल लाईन बिछ चुकी है। इस पर मालगाड़ी भी चलनी शुरू हो गई है। इसे कारिछापर से बढ़ाकर धरमजयगढ़ तक ले जाने की योजना है।
अविभाजित बिलासपुर रेल मंडल में सीनियर ऑपरेटिंग मैनेजर, जोन में चीफ ऑपरेटिंग मैनेजर जैसे पदों पर दायित्व निभा चुके जेएन झा छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेल लिमिटेड के सीईओ हैं।
एसईसीएल की अनुषंगी कम्पनी छत्तीसगढ़ ईस्ट वेस्ट रेल लिमिटेड (सी.ई.डब्ल्यू.आर.एल.) द्वारा गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड तक 135 किलोमीटर की दोहरी विद्युतिकृत रेलवे लाईन परियोजना विकसित की जा रही है। इस रेलवे लाईन को विकसित करने हेतु सीईडब्ल्यूआरएल ने स्टेट बैंक आफ इण्डिया की अगुवाई में बैंकों के संघ से 3976 करोड़ रूपये का ऋण लिया है। हाल ही में इस संबंध में सी.ई.डब्ल्यू.आर.एल. ने एसबीआई की अगुवाई में बैंकों के संघ से समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस ऋण का उपयोग गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड तक विकसित किए जाने वाले रेल्वे लाईन को पूर्ण करने में किया जाएगा।
गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड रेल परियोजना से एसईसीएल की गेवरा, दीपका, कुसमुण्डा जैसी बड़ी खदानों से कोयला निकासी में वृद्धि होगी। इस परियोजना में प्रमोटर कम्पनियाॅ 20 प्रतिशत अर्थात कुल 994 करोड़ रूपये की सहभागिता देंगी, वहीं 80 प्रतिशत अर्थात कुल 3976 करोड़ रूपये बैंकों से ऋण के रूप में लिया जा रहा है। अभी तक प्रमोटर कम्पनियों द्वारा 650 करोड़ की लागत दी जा चुकी है, साथ ही इस परियोजना के लिए फाॅरेस्ट क्लियरेंस भी मिल चुका है। यह परियोजना एसईसीएल को अपने विभिन्न खदानों से प्रतिवर्ष लगभग 65 मिलियन टन कोयला निकासी करने में सहायक सिद्ध होगी। इससे गेवरा रोड से पेन्ड्रा रोड के बीच में वर्तमान में उपलब्ध रेलवे लाईन की तुलना में सबसे कम दूरी वाली रेलवे लाईन का निर्माण किया जाएगा। इस रेलवे लाईन से एसईसीएल के गेवरा, कुसमुण्डा एवं दीपका खदानों को भी जोड़ा जाएगा जिससे कोयला निकासी में सहायता मिलेगी। इस परियोजना की कुल लागत रूपये 4970 करोड़ है और यह मार्च 2023 तक पूर्ण होगी।
सी.ई.डब्ल्यू.आर.एल. में एसईसीएल की 64 प्रतिशत भागीदारी है, वहीं इरकान की 26 प्रतिशत भागीदारी एवं एस.आई.डी.सी., छत्तीसगढ़ शासन की 10 प्रतिशत भागीदारी है।
यह ऋण जिस बैंकों के संघ से लिया गया है उसमें स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया से सर्वाधिक 1800 करोड़ रूपये लिए गए हैं। शेष राशी पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इण्डिया, केनरा बैंक, इण्डियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा से ली गयी है।
एसईसीएल के अफसरों का कहना है, इस परियोजना के पूर्ण होने से छत्तीसगढ़ की रेल्वे संरचना तो सुदृढ़ होगी ही साथ ही राज्य की अर्थ व्यवस्था को भी बल मिलेगा।