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नक्सल मुठभेड़ः मिलिट्री बटालियन हेड हि़ड़मा की चाल में फंस गई फोर्स, माओवादियों की झूठी खबर पर हिड़मा को घेरने 2000 जवान जंगल में घुसे और एंबुश में घिर गए

नक्सल मुठभेड़ः मिलिट्री बटालियन हेड हि़ड़मा की चाल में फंस गई फोर्स, माओवादियों की झूठी खबर पर हिड़मा को घेरने 2000 जवान जंगल में घुसे और एंबुश में घिर गए
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By NPG News

0 हिड़मा के गढ़ में थाना खोलने और सड़क बनाने से माओवादी बड़े हमले के फिराक में थे, 500 से अधिक नक्सलियों ने पुलिस पार्टी को घेरा
0 एंबुश में घिरने के बाद भी जवानों ने बहादुरी से लोहा लिया फिर भी बड़े नुकसान से इंकार नहीं

रायपुर, बीजापुर, 3 अप्रैल 2021। बीजापुर के जुन्ना गूड़ा और एक्कल गुडूम के बीच मुठभेड़ को लेकर सही आँकड़ा और तथ्यात्मक ब्यौरे को लेकर अब भी जबकि मुठभेड़ को समाप्त हुए करीब चार घंटे से उपर का वक्त गुजर चुका है, कोई ब्यौरा उपलब्ध नहीं है। अब से कुछ देर पहले बेहद संक्षिप्त जानकारी एक लिखित नोट के रुप में उपलब्ध कराई गई है जिसमें शहीदों की संख्या का केवल जिक्र है, यह संक्षिप्त नोट नाम तक उपलब्ध नहीं कराता है और ना ही कोई अन्य ब्यौरा देता है।
बहरहाल प्रेस को उपलब्ध कराए गए संक्षिप्त लिखित नोट में शहीदों की संख्या पाँच जबकि घायल जवानों की संख्या 12 बताई गई है।
जुन्नागुडा और एक्कल गुडूम के बीच हुए इस मुठभेड को लेकर अभी कई सवाल अनुत्तरित हैं। गैर सरकारी सूत्रों के अनुसार ब्यौरा उपलब्ध होने पर यह मिनपा मुठभेड़ को भी पीछे छोड़ सकता है। अपुष्ट सूत्रों से मिली सूचना दावा करती है कि बीस से अधिक जवान ऐसे हैं जिनकी हालत गंभीर है और उन्हें गोलियों से घातक चोटें आई हैं।
हालाँकि जब तक कि अधिकारिक रुप से कोई जानकारी नहीं आती तब तक कोई भी सूचना सही नहीं मानी जा सकती लेकिन गैर सरकारी स्त्रोतों से मिली सूचना यह बताती है कि, नक्सलियों के मिलिट्री बटालियन नंबर वन का प्रमुख और मौजुदा समय में दंडकारण्य में माओवादियों की युद्धनीति को तय करने वाले हिड़मा का गांव पुअर्ती उस तोर्रेम से करीब दस किलोमीटर दूर है जहां कि हालिया दिनों थाना खोला गया है, इस थाने की मौजूदगी और धीरे धीरे ही सही पर शहादतों के साथ बनती सड़क ने माओवादियों का तनाव बढ़ा दिया है। माओवादियों की बौखलाहट को ऐसे समझिए कि तर्रेम से सिलगेस के बीच एक किलोमीटर के पैच को नौ जगहों से काटा गया था।
खबरें यह भी तैरी या कि सुनियोजित तरीके से प्रचारित कराई गई कि हिड़मा अपने गाँव पुअर्ती में मौजुद है। माओवादियों की बड़ी मौजुदगी की खबरों के साथ हिड़मा की मौजुदगी की खबर ने सुरक्षा बलों को स्वाभाविक रुप से सक्रिय किया, और करीब अठारह सौ से अधिक जवान जिनमें बस्तरिहा बटालियन, डीआरजी, एसटीएफ और सीआरपीएफ शामिल थे, जुन्नागुडा पहुँचे जहां मुठभेड़ हुई।
पंक्तियों के लिखे जाने तक यह सूचना है कि कप्तान तर्रेम में मौजुद है। पाँच एंबुलेंस मौके पर तैयार रखी गई हैं। जवानों की वापसी को लेकर सपोर्ट टीम भेजे जानी की भी खबर है। बीजापुर का स्थानीय अस्पताल भी पूरी तरह अलर्ट पर है।
जवानों के वापस लौटने का पंक्तियों के लिखे जाने तक इंतजार किया जा रहा है। जैसे जैसे अंधेरा होगा जाहिर है अधिकारी चाहें राजधानी में हो या फिर बीजापुर में तनाव और चिंता गहराएगी ही।जबकि जवान वापस पहुँचेंगे तब यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर यह हुआ कैसे।
इस मुठभेड़ को लेकर जो संक्षिप्त प्रेस नोट जारी किया गया है उसमें यह दावा है कि 1 महिला नक्सली का शव बरामद किया गया है। अमूमन जब भी मुठभेड़ होती है और माओवादी अपना कैडर खोते हैं तो विज्ञप्ति जारी कर उसे स्वीकारते हैं हालाँकि ऐसी विज्ञप्ति तुरंत जारी नहीं होती।बहरहाल पुलिस के अधिकारी बाकी ब्यौरा भले ना दे पा रहे हों लेकिन वे यह दावा जरुर कर रहे हैं कि मुठभेड़ में नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ है।
पुलिस का संक्षिप्त नोट माओवादियों की पीएलजीए बटालियन से मुठभेड़ की जानकारी दे रहा है, जबकि एक अन्य सूचना ( जिसकी पुष्टि नहीं है ) यह मुठभेड़ माओवादियों के सीआरसी से हुई जिसका नियंत्रण माओवादियों की तेलंगाना कमेटी के पास माना जाता है।
अपुष्ट सूचनाओं का प्रवाह इसलिए भी तेज है क्योंकि अधिकृत रुप से आई सूचनाएँ बेहद संक्षिप्त हैं, शायद इसलिए व्हाट्सएप पर तैर रहा है कि जुन्ना गूडा मुठभेड़ में नुकसान 21 मार्च 2020 को मिनपा मुठभेड़ से ज्यादा है जिसमें सत्रह जवान शहीद हुए थे।

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