Begin typing your search above and press return to search.

Worship at Ajmer Dargah: अजमेर दरगाह में पूजा करने की मांगी अनुमति, हिंदू सेना ने कलेक्टर को लिखा पत्र...

Worship at Ajmer Dargah: राजस्थान के अजमेर दरगाह में हिंदू सेना ने महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा करने की अनुमति मांगी है, अनुमति के लिए हिंदू सेना ने कलेक्टर को पत्र भी लिखा है.

Worship at Ajmer Dargah: अजमेर दरगाह में पूजा करने की मांगी अनुमति, हिंदू सेना ने कलेक्टर को लिखा पत्र...
X
By Anjali Vaishnav

Worship at Ajmer Dargah: बीते कुछ दिनों से राजस्थान की अजमेर दरगाह शरीफ काफी चर्चा में है. दरगाह में प्राचीन शिव मंदिर होने को लेकर कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है, इसी बीच अजमेर दरगाह में पूजा करने की मांग करने की खबर सामने आ रही है.

दरअसल, अजमेर के प्रसिद्ध दरगाह शरीफ में संकट मोचन मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की पूजा करने की अनुमति की मांग की जा रही है. जिसे लेकर हिंदू सेना ने कलेक्टर को पत्र लिखा है, हिंदू सेना के सदस्यों ने पत्र में इस बात का उल्लेख किया कि महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, और इस दिन भगवान शिव की पूजा की परंपरा है. वे चाहते हैं कि दरगाह में भी इस दिन की धार्मिक भावना का सम्मान किया जाए और हिंदू समाज को भगवान शिव पूजा करने का अवसर मिले.

हिंदू सेना ने कलेक्टर को लिखा पत्र

कलेक्टर को भेजे गए पत्र में हिंदू सेना ने यह अनुरोध किया कि दरगाह में भगवान शिव की पूजा की अनुमति दी जाए, ताकि हिंदू समाज के लोग भी इस दिन का धार्मिक अनुष्ठान कर सकें. हिंदू सेना ने इस विषय में प्रशासन से सकारात्मक प्रतिक्रिया की अपेक्षा की है.

हालांकि अभी तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यह मामला अब सुर्खियों में है और इससे जुड़ी चर्चाएं तेज हो गई हैं. इस विवाद पर प्रशासन की ओर से जल्द ही कोई निर्णय लिए जाने की संभावना है.

हिंदू सेना का दावा

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने जिला कलेक्टर को लिखे में आरोप लगाया कि अजमेर दरगाह हिंदू मंदिरों को तोड़कर बनाई गई है. विष्णु गुप्ता ने कहा कि दरगाह परिसर के नीचे एक प्राचीन शिव मंदिर स्थित है, जहां सदियों से भगवान शिव की पूजा-अर्चना होती रही है. उन्होंने यह भी दावा किया कि इस मंदिर में पूजा करने वाले ब्राह्मणों को "घड़ियाली" कहा जाता था और षड्यंत्र के तहत वहां भगवान शिव की पूजा बंद कर दी गई.

गुप्ता ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव की एक प्राचीन प्रतिमा दीवार पर अंकित है, जो आज भी विद्यमान है. उनका कहना है कि इस प्रतिमा को देखकर यह स्पष्ट होता है कि यह स्थान पहले एक शिव मंदिर था, और इसे दबाने की कोशिश की गई.

कोर्ट में लंबित है याचिका

अजमेर दरगाह में स्थित संकट मोचन महादेव मंदिर को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने इस मुद्दे को लेकर पहले ही कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में उन्होंने दावा किया था कि दरगाह परिसर में एक प्राचीन संकट मोचन महादेव मंदिर स्थित है, और इस मंदिर की पूजा का ऐतिहासिक प्रमाण भी मौजूद है.

विष्णु गुप्ता ने अपनी याचिका में अजमेर के हरविलास शारदा द्वारा 1911 में लिखी गई एक पुस्तक का हवाला दिया है. इस पुस्तक में दरगाह परिसर की जगह पर एक मंदिर होने के प्रमाणों का उल्लेख किया गया है. गुप्ता का कहना है कि यह प्रमाण इस बात को साबित करते हैं कि दरगाह की जगह पहले एक हिंदू मंदिर था, जिसे बाद में तोड़कर दरगाह बनाई गई.


Next Story