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WHO रिपोर्ट: महिलाओं पर हिंसा के चौंकाने वाले आंकड़े, भारत की 20 प्रतिशत महिलाएं अंतरंग साथी की हिंसा की शिकार! विश्वभर में हर तीन में से एक महिला प्रभावित

WHO की नई रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में 15 से 49 वर्ष की लगभग 20 प्रतिशत महिलाएं 2023 में अंतरंग साथी की हिंसा से प्रभावित हुईं। विश्वभर में हर तीन में से एक महिला जीवनकाल में हिंसा झेलती है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

WHO रिपोर्ट: महिलाओं पर हिंसा के चौंकाने वाले आंकड़े, भारत की 20 प्रतिशत महिलाएं अंतरंग साथी की हिंसा की शिकार! विश्वभर में हर तीन में से एक महिला प्रभावित
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By Ragib Asim

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन की नई वैश्विक रिपोर्ट ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को लेकर चिंताजनक आंकड़े पेश किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में भारत में 15 से 49 वर्ष की आयु वर्ग की लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं को अंतरंग साथी द्वारा हिंसा का सामना करना पड़ा। लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवनकाल में ऐसी हिंसा झेल चुकी हैं।

वैश्विक स्तर पर हालात और गंभीर हैं, जहां लगभग तीन में से एक व्यक्ति यानी करीब 84 करोड़ लोग जीवनकाल में साथी या यौन हिंसा के शिकार बने हैं। रिपोर्ट बताती है कि यह आंकड़ा वर्ष 2000 के बाद से लगभग नहीं बदला है, जो स्थिति की भयावहता और धीमी प्रगति की ओर इशारा करता है।
मानवता की सबसे पुरानी ज्यादति: WHO प्रमुख
रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्वभर में 15 से 49 वर्ष की उम्र की 8.4 प्रतिशत महिलाओं को गैर-साथी द्वारा यौन हिंसा का सामना करना पड़ा। भारत में यह आंकड़ा लगभग चार प्रतिशत है।
WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा को मानवता की सबसे पुरानी और व्यापक ज्यादतियों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी समाज निष्पक्ष या सुरक्षित नहीं कहा जा सकता जब उसकी आधी आबादी भय और असुरक्षा में जी रही हो।
डॉ. टेड्रोस ने कहा कि हिंसा को समाप्त करना केवल नीतियों का विषय नहीं, बल्कि सम्मान, समानता और मानवाधिकारों का मूल प्रश्न है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए सुरक्षित दुनिया बनाना हर समाज के हित में है।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा वैश्विक स्तर पर व्यापक
पच्चीस नवंबर को मनाए जाने वाले महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के अंतरराष्ट्रीय दिवस से पहले जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि हिंसा सभी देशों और क्षेत्रों की महिलाओं को प्रभावित कर रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रगति बेहद धीमी है और वर्ष 2030 तक महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को समाप्त करने का लक्ष्य अभी भी दूर दिखाई देता है। यह रिपोर्ट 168 देशों के आंकड़ों और 2000 से 2023 के बीच किए गए सर्वेक्षणों की व्यापक समीक्षा पर आधारित है। इसमें 2021 में जारी अनुमानों को अपडेट किया गया है।
रोकथाम के प्रयासों पर कम वित्त पोषण
WHO रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए वित्त पोषण में कमी आई है। उदाहरण के रूप में 2022 में वैश्विक विकास सहायता का केवल 0.2 प्रतिशत हिस्सा महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकथाम कार्यक्रमों पर खर्च किया गया। रिपोर्ट के अनुसार 2025 में यह स्थिति और खराब हुई है, जिससे वास्तविक प्रगति के लिए निर्णायक कार्रवाई और बढ़े हुए वित्त पोषण की आवश्यकता है।



Ragib Asim

Ragib Asim is a senior journalist and news editor with 13+ years of experience in Indian politics, governance, crime, and geopolitics. With strong ground-reporting experience in Uttar Pradesh and Delhi, his work emphasizes evidence-based reporting, institutional accountability, and public-interest journalism. He currently serves as News Editor at NPG News.

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