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WB Teachers Recruitment Scam: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, बेदाग टीचर्स पढ़ा सकेंगे, 31 मई तक नई भर्ती शुरू करने के निर्देश

WB Teachers Recruitment Scam: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) के 2016 शिक्षक भर्ती घोटाले में बड़ा फैसला सुनाते हुए लगभग 19,000 'बेदाग' शिक्षकों को राहत दी है।

WB Teachers Recruitment Scam: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, बेदाग टीचर्स पढ़ा सकेंगे, 31 मई तक नई भर्ती शुरू करने के निर्देश
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By Ragib Asim

WB Teachers Recruitment Scam: सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) के 2016 शिक्षक भर्ती घोटाले में बड़ा फैसला सुनाते हुए लगभग 19,000 'बेदाग' शिक्षकों को राहत दी है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने गुरुवार को कहा कि जिन शिक्षकों की नियुक्तियां 2016 की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं से प्रभावित नहीं थीं, वे नई भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक पढ़ाना जारी रख सकते हैं। यह राहत 31 दिसंबर 2025 तक या नई भर्ती पूरी होने तक, जो भी पहले हो, लागू रहेगी। हालांकि, दागी शिक्षकों को कोई राहत नहीं दी गई है।

कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार और WBSSC को 31 मई 2025 तक नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और 31 दिसंबर 2025 तक इसे पूरा करने का निर्देश दिया। साथ ही, सरकार को अनुपालन हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है। यह फैसला 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों की शिक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

क्या है बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला?

2016 में WBSSC ने 24,640 शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारी पदों (कक्षा 9-12 और ग्रुप C, D) के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी, जिसमें 23 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए। लेकिन इस प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आईं, जिनमें:

  1. OMR शीट में हेराफेरी: कई उम्मीदवारों ने खाली OMR शीट जमा की, फिर भी उन्हें नियुक्ति मिली। CBI ने 8,163 OMR शीट में हेराफेरी पाई।
  2. फर्जी मेरिट लिस्ट: कम अंक वाले उम्मीदवारों को उच्च रैंकिंग वाले उम्मीदवारों पर तरजीह दी गई (रैंक जंपिंग)। 926 मामलों में रैंक जंपिंग की पुष्टि हुई।
  3. पैनल के बाहर नियुक्तियां: 1,498 उम्मीदवारों को बिना मेरिट लिस्ट में शामिल हुए नियुक्त किया गया।
  4. रिश्वतखोरी: नौकरी के लिए 5-15 लाख रुपये तक की रिश्वत ली गई, जिससे कम से कम 400 करोड़ रुपये का घोटाला होने का अनुमान है।
  5. OMR शीट का विनाश: WBSSC ने मूल OMR शीट नष्ट कर दीं और डिजिटल बैकअप नहीं रखा, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने “कवर-अप का प्रयास” माना।

कुल 25,753 नियुक्तियों में से 6,276 को अवैध पाया गया, लेकिन WBSSC और राज्य सरकार की गैर-पारदर्शिता के कारण “सही और गलत” उम्मीदवारों को अलग करना असंभव हो गया।

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले

कलकत्ता हाई कोर्ट (22 अप्रैल 2024): हाई कोर्ट ने 17 प्रकार की अनियमितताओं का हवाला देते हुए 25,753 नियुक्तियों को रद्द कर दिया। कोर्ट ने CBI को जांच जारी रखने और 23 लाख OMR शीट की पुनर्मूल्यांकन का आदेश दिया। अवैध रूप से नियुक्त शिक्षकों को 4 सप्ताह के भीतर वेतन (12% ब्याज सहित) लौटाने को कहा गया।

सुप्रीम कोर्ट (3 अप्रैल 2025): सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए भर्ती प्रक्रिया को “व्यवस्थित धोखाधड़ी” करार दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रक्रिया की विश्वसनीयता पूरी तरह खत्म हो चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट (17 अप्रैल 2025): 19,000 बेदाग शिक्षकों को राहत दी गई, जो WBSSC द्वारा अनियमितताओं से अप्रभावित बताए गए। कोर्ट ने नई भर्ती के लिए समयसीमा तय की और दागी शिक्षकों पर सख्ती बरती।

CBI और ED की जांच

CBI ने जांच में पाया कि WBSSC ने OMR शीट स्कैनिंग के लिए नायसा कम्युनिकेशंस को नियुक्त किया, जिसने डेटा स्कैनटेक सॉल्यूशंस को काम सौंपा। नायसा के पूर्व कर्मचारी पंकज बंसल के घर से बरामद तीन हार्ड डिस्क से डेटा में हेराफेरी का खुलासा हुआ। ED ने 365 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां जब्त कीं, जिसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और मध्यस्थ प्रसन्ना रॉय की संपत्तियां शामिल हैं।

प्रमुख गिरफ्तारियां

  • पार्थ चटर्जी: पूर्व शिक्षा मंत्री, जुलाई 2022 में गिरफ्तार। ED ने उनके सहयोगी के घर से 51 करोड़ रुपये नकद और सोना बरामद किया।
  • माणिक भट्टाचार्य: TMC विधायक और पूर्व WBBPE अध्यक्ष, अक्टूबर 2022 में गिरफ्तार।
  • शांति प्रसाद सिन्हा: WBSSC के पूर्व सलाहकार।
  • प्रसन्ना रॉय: मध्यस्थ, रिश्वतखोरी में शामिल।

शिक्षकों और छात्रों पर प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट के 3 अप्रैल के फैसले ने 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया, जिसमें 19,000 से अधिक बेदाग शिक्षक भी शामिल थे। शिक्षकों ने इसे “अन्याय” बताते हुए समीक्षा याचिका दायर करने की बात कही। 17 अप्रैल के फैसले ने बेदाग शिक्षकों को राहत दी, लेकिन दागी शिक्षकों को वेतन (12% ब्याज सहित) लौटाना होगा। छात्रों की शिक्षा पर असर को देखते हुए कोर्ट ने अकादमिक सत्र के लिए अंतरिम राहत दी। पश्चिम बंगाल सरकार ने शिक्षक कमी से निपटने के लिए कोर्ट से रियायत मांगी थी।

राजनीतिक विवाद

इस घोटाले ने ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार को कठघरे में ला दिया। BJP ने इसे “कट मनी और भ्रष्टाचार” का सबूत बताया। ममता बनर्जी ने शिक्षकों के समर्थन में बयान दिए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की “कवर-अप” की कोशिशों की आलोचना की।

Ragib Asim

Ragib Asim is a journalist currently employed as News Editor in NPG News (Digital). Born and brought up in Bettiah, Ragib journey began with print media and soon transitioned towards digital. He carries more than 10 years of experience in the field with focus on New media. He has previously worked with Hindustan Samachar, News Track, Janjwar, Special Coverage News Hindi. His interests include Science, Geopolitics, Economics and Current affairs.

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