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Wayanad Landslide: भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा के बोल, वायनाड त्रासदी के लिए 'गोहत्या' को ठहराया जिम्मेदार

Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में हुए विनशाकारी भूस्खलन में अब तक 341 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं और अभी भी बचाव अभियान जारी है। एक तरफ जहां पूरा देश इस घटना स्तब्ध है, वहीं दूसरी ओर राजस्थान में भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने इस त्रासदी के लिए गोहत्या को जिम्मेदार ठहराया है।

Wayanad Landslide: भाजपा नेता ज्ञानदेव आहूजा के बोल, वायनाड त्रासदी के लिए गोहत्या को ठहराया जिम्मेदार
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By Ragib Asim

Wayanad Landslide: केरल के वायनाड में हुए विनशाकारी भूस्खलन में अब तक 341 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं और अभी भी बचाव अभियान जारी है। एक तरफ जहां पूरा देश इस घटना स्तब्ध है, वहीं दूसरी ओर राजस्थान में भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने इस त्रासदी के लिए गोहत्या को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि केरल में गोहत्या ज्यादा होती है और यही कारण है कि वहां भूस्खलन जैसी विनाशकारी त्रासदी हुई है।

भाजपा नेता ने क्या दिया बयान?

भाजपा नेता आहूजा ने अलवर के सर्किट हाउस में पत्रकारों से कहा, "वायनाड में भूस्खलन की घटनाएं सीधे तौर पर गोहत्या का नतीजा हैं। जब तक केरल में यह प्रथा बंद नहीं की जाती, तब तक ऐसी ही त्रासदियां जारी रहेंगी।" उन्होंने कहा, "उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं अक्सर होती रहती हैं, लेकिन वहां गोहत्या कम होती है और केरल में ज्यादा। इसलिए वहां मृतकों की संख्या अधिक है।"

वायनाड में कैसे मची तबाही?

29 जुलाई को वायनाड के चूरालमाला और मुंडाक्कई जैसे इलाकों में 3 बार भूस्खलन हुआ। इससे भारी तबाही मच गई और सैकड़ों लोग बह गए। अब तक 341 शव बरामद किए जा चुके हैं, जिनमें से 146 की पहचान हो चुकी है। इसी तरह 134 लोगों के शरीर के सिर्फ अंग बरामद हुए हैं। 74 अज्ञात शवों का आज अंतिम संस्कार भी किया गया है। 1,300 से अधिक बचावकर्मी अभी भी मलबे में लोगों को तलाश रहे हैं।

Ragib Asim

रागिब असीम – समाचार संपादक, NPG News रागिब असीम एक ऐसे पत्रकार हैं जिनके लिए खबर सिर्फ़ सूचना नहीं, ज़िम्मेदारी है। 2013 से वे सक्रिय पत्रकारिता में हैं और आज NPG News में समाचार संपादक (News Editor) के रूप में डिजिटल न्यूज़रूम और SEO-आधारित पत्रकारिता का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने करियर की शुरुआत हिन्दुस्तान अख़बार से की, जहाँ उन्होंने ज़मीन से जुड़ी रिपोर्टिंग के मायने समझे। राजनीति, समाज, अपराध और भूराजनीति (Geopolitics) जैसे विषयों पर उनकी पकड़ गहरी है। रागिब ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की है।

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