उपराष्ट्रपति चुनाव में INDIA अलायंस का मास्टरस्ट्रोक! BJP को झटका देने के लिए INDIA गठबंधन का खतरनाक प्लान, जानकर रह जाएंगे दंग
Vice President Election: उपराष्ट्रपति चुनाव में INDIA अलायंस का मास्टरस्ट्रोक! तिरुचि सिवा के नाम से BJP को हो सकता है बड़ा नुकसान। तमिल कार्ड से बिगड़ सकता है खेल। पूरी कहानी जानें।

Vice President Election: उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर इस बार कमाल का ड्रामा हो रहा है! INDIA गठबंधन ने BJP को सीधा मुंह तोड़ जवाब देने के लिए एक ऐसी चाल चली है कि सबके होश उड़ गए हैं। आज शाम होने वाली बैठक में जो फैसला होगा, वो सियासत की दुनिया में तहलका मचा देगा।
BJP की चालाकी का तोड़ निकाला INDIA ने
BJP वाले समझते थे कि सीपी राधाकृष्णन का नाम लेकर तमिलनाडु कार्ड खेल देंगे तो विपक्ष की छुट्टी हो जाएगी। लेकिन INDIA अलायंस के नेता भी कम चालाक नहीं हैं। उन्होंने भी तुरंत काउंटर प्लान बना लिया है।
सूत्रों की मानें तो तमिलनाडु के ही राज्यसभा सांसद तिरुचि सिवा के नाम पर मुहर लगने वाली है। यानी जो गेम BJP खेलना चाहती थी, वही गेम अब विपक्ष भी खेलने जा रहा है। और सच कहूं तो यह फॉर्मूला बिल्कुल परफेक्ट है।
क्यों परेशान हैं BJP के बड़े नेता
BJP की परेशानी समझिए। उन्होंने सोचा था कि तमिल कार्ड खेलकर DMK और AIADMK दोनों को फंसा देंगे। अगले साल तमिलनाडु में चुनाव है, तो वहां की पार्टियां तमिल नेता का विरोध कैसे कर सकती हैं। मगर अब विपक्ष भी वही चाल चल रहा है।
DMK की मुश्किल देखिए। एक तरफ केंद्र सरकार का विरोध करना है, दूसरी तरफ तमिल नेता के नाम का विरोध भी नहीं कर सकते। कांग्रेस भी इसी धर्मसंकट में फंसी थी। लेकिन अब तिरुचि सिवा का नाम आने से सब कुछ क्लियर हो गया है।
तिरुचि सिवा ही क्यों बेस्ट चॉइस
तिरुचि सिवा का नाम सुनकर BJP के चेहरे का रंग उड़ गया होगा। क्यों यह नाम बिल्कुल परफेक्ट है। पहली बात तो यह कि वो तमिलनाडु से हैं, तो तमिल अस्मिता वाला मुद्दा भी सेट हो गया। दूसरी बात यह कि वो DMK के राज्यसभा सांसद हैं, तो DMK को अपने ही नेता का विरोध कैसे करना पड़ेगा।
सीपी राधाकृष्णन के नाम के ऐलान के बाद ही DMK ने कहा था कि विपक्ष भी तमिलनाडु से किसी को उम्मीदवार बनाए। लगता है कांग्रेस ने इस बात को गंभीरता से ले लिया है और हां में हां मिला दी है।
क्या है नंबर गेम?
सच्चाई यह है कि संख्या बल के हिसाब से विपक्ष की हार पक्की है। लेकिन यहां जीतना-हारना मुद्दा नहीं है। असल बात यह है कि तमिल भावनाओं का सम्मान करते हुए एक साफ मैसेज देना है। और यह मैसेज तमिलनाडु की जनता तक बिल्कुल साफ पहुंचेगा। BJP भी समझ गई है कि अब मामला उलझ गया है। इसीलिए वे विपक्षी दलों से संपर्क कर रहे हैं कि सीपी राधाकृष्णन का समर्थन कर दो, चुनाव की जरूरत ही नहीं रहेगी। मगर अब तो विपक्ष भी अपना कार्ड खेल चुका है।
तमिलनाडु में अगले साल है चुनाव
इस पूरे मामले को समझने के लिए तमिलनाडु के अगले साल के चुनाव को भी देखना होगा। वहां सभी पार्टियां अपनी अपनी पोजीशन मजबूत करना चाहती हैं। तमिल अस्मिता का मुद्दा वहां बहुत गहरा है और कोई भी पार्टी इसे हल्के में नहीं ले सकती।
DMK के लिए तो यह बिल्कुल win-win सिचुएशन है। अगर वे अपने ही नेता तिरुचि सिवा का समर्थन करते हैं तो उनकी इमेज और भी मजबूत हो जाएगी। AIADMK भी अब कहीं फंस गई है क्योंकि वो भी तमिल नेता का विरोध कैसे कर सकती है।
आज शाम का इंतजार
आज शाम होने वाली INDIA अलायंस की बैठक से सब कुछ क्लियर हो जाएगा। हालांकि सारे संकेत तिरुचि सिवा की तरफ ही जा रहे हैं। भले ही जीतने की गारंटी नहीं है लेकिन यह फैसला दिखाता है कि विपक्ष भी अब पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट हो गया है। वे BJP की हर चाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं।
