Gyanvapi Mosque Case: वाराणसी कोर्ट का बड़ा फैसला, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का होगा सर्वे
Gyanvapi Mosque Case: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली हिंदू पक्ष की याचिका पर वाराणसी अदालत (Varanasi Court) ने फैसला सुना दिया है।
Gyanvapi Mosque Case: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा पूरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वैज्ञानिक सर्वेक्षण के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली हिंदू पक्ष की याचिका पर वाराणसी अदालत (Varanasi Court) ने फैसला सुना दिया है। लंबे समय से चल रहे इस विवाद में हिंदू पक्ष ने वाराणसी कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर विश्वनाथ मंदिर स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर का एएसआई अध्ययन कराने की मांग की थी। यह याचिका चार हिंदू महिला अनुयायियों ने दायर की थी। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के विवादित क्षेत्र को छोड़कर एएसआई सर्वे कराने पर अनुमति दे दी है। कवर एरिया को छोड़कर बाकी स्थानों का सर्वे होगा। एएसआई को सर्वे करके चार अगस्त तक रिपोर्ट पेश करनी होगी।
इस याचिका में क्या कहा गया
हिंदू पक्ष द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि मुगल बादशाह औरंगजेब (Aurengzeb) ने 1669 में इस जगह पर भगवान आदिविशेश्वर मंदिर को गिराने का निर्देश जारी किया था। बाद में, 1777-1780 में इंदौर की रानी, अहिल्याबाई होल्कर द्वारा ध्वस्त ढांचे के बगल में काशी विश्वनाथ (Kashi Vishwanath) के नाम पर एक नया मंदिर बनवाया गया था। साथ ही, इसमें यह दावा किया गया कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर एक मस्जिद नहीं है, बल्कि एक पुराने हिंदू मंदिर के अवशेष हैं। याचिका में आगे यह भी कहा गया कि मई 2022 में सर्वेक्षण में मस्जिद की पहली मंजिल पर एक शिवलिंग पाया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर सील कर दिया गया था।
16 मई को, वाराणसी की कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा ज्ञानवापी के पूरे परिसर का पूर्ण सर्वेक्षण करने की मांग की गई। इस मामले की सुनवाई 12 जुलाई और 14 जुलाई को हुई थी। 14 जुलाई को वाराणसी कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि एएसआई (ASI) ही एकमात्र ऐसा उपाय है जो यह ज्ञानवापी के बारे में सच्चाई को बता सकता है।
वहीं, हिंदू पक्ष की तरफ से पेश हुए वकील जैन ने कहा था कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से अदालत के सामने दलील दी कि पुरातत्व सर्वेक्षण से परिसर को नुकसान हो सकता है। इसके बाद हमने कोर्ट के सामने परिसर को बिना किसी नुकसान के आधुनिक तरीके से जांच की मांग का मुद्दा उठाया है।