Vande Mataram Meaning in Hindi: हे मां तुम्हे नमस्कार— पढ़ें वंदे मातरम का पूरा और सरल हिंदी अर्थ
Vande Mataram Meaning in Hindi: लोकसभा में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर चर्चा। जानिए राष्ट्रगीत वंदे मातरम का पूरा हिंदी अर्थ, भावार्थ और ऐतिहासिक महत्व।

Vande Mataram Meaning in Hindi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष चर्चा की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित इस गीत के गौरवशाली इतिहास और स्वतंत्रता आंदोलन में इसके योगदान को देश के सामने रखा। उनहों ने कहा वंदे मातरम न सिर्फ एक गीत है बल्कि यह भारत की आत्मा, मातृभूमि के प्रति श्रद्धा, समर्पण और बलिदान की भावना का प्रतीक है, जिसने आज़ादी की लड़ाई के दौरान देशवासियों में राष्ट्रप्रेम की आग भरी थी।
‘हे मां तुम्हें नमस्कार…’ वंदे मातरम का भावार्थ
वंदे मातरम का शाब्दिक अर्थ है मैं तुम्हें नमन करता हूं, मां। यह गीत भारत माता की सुंदरता, उर्वरता, शांति और समृद्धि को प्रतीकात्मक रूप से पेशकरता है। इसका भावार्थ यह बताता है कि हमारी मातृभूमि जल से परिपूर्ण है, फलों और अन्न से समृद्ध है, मलय पर्वत से आती शीतल हवाओं जैसी शांति देने वाली है और हरियाली से लहलहाती हुई जीवनदायिनी धरती है। रात के समय चांदनी इसकी शोभा को और भी दिव्य बना देती है, जबकि फूलों और लताओं से सुसज्जित वृक्ष इसकी प्राकृतिक सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं।
धरती मां की करुणा और समृद्धि का प्रतीक
वंदे मातरम में मातृभूमि को केवल भौगोलिक भूमि नहीं, बल्कि जीवंत मां के रूप में दर्शाया गया है, जो अपनी संतान से मधुर संवाद करती है, उन्हें सुख-समृद्धि का वरदान देती है और हर परिस्थिति में उनका पालन-पोषण करती है। गीत का भाव यह है कि यह धरती मां मुस्कुराने वाली, मधुर वाणी बोलने वाली, सुख देने वाली और आशीर्वाद प्रदान करने वाली है। इसी कारण कवि बार-बार नमन करते हुए कहता है हे मां, तुम्हें नमस्कार।
वंदे मातरम के प्रमुख संस्कृत पदों का सरल हिंदी अर्थ
‘सुजलाम सुफलाम’ का अर्थ है कि यह धरती जल से भरपूर और फलों से युक्त है। ‘मलयज शीतलाम’ का मतलब है कि यह मलय पर्वत से आती ठंडी, शीतल हवाओं जैसी शांति देने वाली है। ‘शस्य श्यामलाम’ का अर्थ है कि यह हरी-भरी फसलों से ढकी हुई है। ‘शुभ्र ज्योत्सना पुलकित यामिनी’ का भाव यह है कि इसकी रातें उज्ज्वल चांदनी से आनंदित रहती हैं। ‘फुल कुसुमित द्रुमदल शोभिनी’ का अर्थ है कि इसके वृक्ष खिले हुए फूलों से शोभायमान हैं। ‘सुहासिनी सुमधुर भाषिणी’ का मतलब है कि यह सदा मुस्कुराने वाली और मधुर वाणी बोलने वाली है। ‘सुखदाम वरदाम मातरम’ का अर्थ है कि यह मां सुख देने वाली और वरदान प्रदान करने वाली है।
वंदे मातरम्
अर्थ: हे मातृभूमि, मैं तुम्हें नमन करता हूं।
सुजलाम् सुफलाम्
अर्थ: तुम जल से भरपूर हो, तुम्हारी नदियाँ और झीलें जीवन से भरी हैं; तुम फलों और अनाजों से समृद्ध हो।
मलयज शीतलाम्
अर्थ: तुम्हारी धरती पर मलय पर्वत से आती सुगंधित ठंडी हवा बहती है, जो तन-मन को शीतलता देती है।
शस्यश्यामलाम् मातरम्
अर्थ: तुम खेतों की हरी-भरी फसलों से ढंकी हुई हो, ओ मां—मैं तुम्हें प्रणाम करता हूं।
शुभ्र–ज्योत्स्ना–पुलकित–यामिनी
अर्थ: तुम्हारी रातें चांदनी से नहाई होती हैं, उनकी उजली आभा धरती को आनंदित करती है।
फुल–कुसुमित–द्रुमदल–शोभिनी
अर्थ: तुम्हारे वन और वृक्ष खिले हुए सुंदर फूलों से शोभित हैं, जो तुम्हारी सुंदरता बढ़ाते हैं।
सुहासिनी सुमधुर भाषिणी
अर्थ: तुम मुस्कुराने वाली हो, तुम्हारी मधुर वाणी (या तुम्हारे लोगों की भाषा) मन को प्रसन्न करने वाली है।
सुखदाम् वरदाम् मातरम्
अर्थ: तुम सुख देने वाली हो, वरदान देने वाली हो, ओ मातृभूमि—मैं तुम्हें नमन करता हूं।
पूरा भावार्थ (सरल भाषा में)
“हम अपनी मातृभूमि की वंदना करते हैं। यह भूमि स्वच्छ जल, मीठे फलों, सुगंधित शीतल हवाओं और हरी-भरी फसलों से संपन्न है। यहां की रातें चांदनी में खिल उठती हैं, वनस्पतियां और पुष्प इसकी शोभा बढ़ाते हैं। प्रकृति की समृद्धियां इस धरती को मधुर और जीवंत बनाती हैं। यह मातृभूमि अपने बच्चों को सुख और समृद्धि प्रदान करने वाली है। हम इसे बार-बार प्रणाम करते हैं — हे मां, तुम्हें नमस्कार।”
स्वतंत्रता संग्राम में वंदे मातरम का ऐतिहासिक योगदान
बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा 1870 के दशक में रचित यह गीत आगे चलकर आज़ादी की लड़ाई का महास्लोगन बन गया। ‘वंदे मातरम’ के उद्घोष से ही असंख्य क्रांतिकारियों ने फांसी के फंदे चूमे, जेलें भरीं और बलिदान दिए। यही कारण है कि आज भी यह गीत केवल शब्दों का समूह नहीं, बल्कि देशभक्ति की सर्वोच्च अभिव्यक्ति के रूप में देखा जाता है।
