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Vaishno Devi Yatra New Rules 2026 : वैष्णो देवी यात्रा 2026 : बदल गए सारे नियम, अगर दर्शन करने जा रहे हैं तो पहले पढ़ लें श्राइन बोर्ड की ये नई गाइडलाइंस, वरना होना पड़ेगा परेशान

Vaishno Devi Yatra New Rules 2026 : नए साल (2026) के स्वागत के लिए अगर आप माता वैष्णो देवी के दर्शन करने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है।

Vaishno Devi Yatra New Rules 2026 : वैष्णो देवी यात्रा 2026 : बदल गए सारे नियम, अगर दर्शन करने जा रहे हैं तो पहले पढ़ लें श्राइन बोर्ड की ये नई गाइडलाइंस, वरना होना पड़ेगा परेशान
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Vaishno Devi Yatra New Rules 2026 : वैष्णो देवी यात्रा 2026 : बदल गए सारे नियम, अगर दर्शन करने जा रहे हैं तो पहले पढ़ लें श्राइन बोर्ड की ये नई गाइडलाइंस, वरना होना पड़ेगा परेशान

By UMA

Vaishno Devi Yatra New Rules 2026 : कटरा (जम्मू-कश्मीर) : नए साल (2026) के स्वागत के लिए अगर आप माता वैष्णो देवी के दर्शन करने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। जम्मू के रियासी जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने यात्रा के नियमों में बड़े और सख्त बदलाव किए हैं। इन नए दिशा-निर्देशों का उद्देश्य केवल भीड़ को नियंत्रित करना ही नहीं है, बल्कि हर एक भक्त की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना भी है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इन नियमों का पालन करना हर यात्री के लिए अनिवार्य होगा।

Vaishno Devi Yatra New Rules 2026 : नए नियमों की जरूरत क्यों पड़ी?

अक्सर देखा गया है कि नए साल के मौके पर लाखों श्रद्धालु एक साथ कटरा और भवन (मुख्य मंदिर) की ओर कूच करते हैं। जब एक ही समय पर हजारों लोग संकरे रास्तों या भवन क्षेत्र में जमा हो जाते हैं, तो वहां भगदड़ जैसी स्थिति पैदा होने का खतरा बना रहता है। साल 2022 में हुई दुखद घटना से सबक लेते हुए, श्राइन बोर्ड अब भीड़ प्रबंधन (Crowd Management) को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। बोर्ड का मुख्य उद्देश्य भवन क्षेत्र में भीड़भाड़ को रोकना, दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करना और किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत राहत कार्य सुनिश्चित करना है।

Vaishno Devi Yatra New Rules 2026 : 10 घंटे और 24 घंटे का नया नियम: क्या है पूरी जानकारी? श्राइन बोर्ड द्वारा जारी नए नियमों के केंद्र में RFIDC (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड) है। यह एक विशेष कार्ड होता है जो हर यात्री को कटरा पहुंचने पर दिया जाता है। नए संशोधित नियमों के तहत:

चढ़ाई की समय सीमा: श्रद्धालुओं को अपना RFIDC कार्ड मिलने के 10 घंटे के भीतर यात्रा (चढ़ाई) शुरू करनी होगी। पहले कई यात्री कार्ड लेकर घंटों कटरा के होटलों या विश्राम गृहों में रुके रहते थे, जिससे आंकड़ों में भ्रम पैदा होता था। अब अगर आप 10 घंटे के भीतर बाणगंगा (प्रवेश द्वार) नहीं पहुंचते हैं, तो आपका कार्ड अमान्य हो सकता है।

दर्शन और वापसी की समय सीमा: दर्शन पूरा करने के बाद श्रद्धालुओं को 24 घंटे के भीतर वापस कटरा बेस कैंप लौटना होगा। इसका मतलब यह है कि अब भक्त भवन क्षेत्र या रास्ते में बहुत लंबे समय तक डेरा नहीं डाल पाएंगे। यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि ऊपर भवन पर लोगों की संख्या एक निश्चित सीमा से ज्यादा न हो।

सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिहाज से फायदे

बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि भवन पर रुकने की समय सीमा तय करने से बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा। भवन क्षेत्र में बहुत अधिक ठंड होती है और ऑक्सीजन का स्तर भी थोड़ा कम रहता है। लंबे समय तक वहां रुकने से कई बार यात्रियों की तबीयत खराब हो जाती है। अब जब लोग दर्शन करके जल्दी नीचे आएंगे, तो ऊपर की जगह खाली रहेगी और नए यात्रियों को दर्शन के लिए लंबी लाइनों में घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा। साथ ही, अगर अचानक मौसम खराब होता है या बर्फबारी होती है, तो कम भीड़ होने की वजह से रेस्क्यू (बचाव) कार्य बहुत तेजी से किया जा सकेगा।

पंजीकरण और यात्रा के साधन

भक्तों की सुविधा के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने कुछ और राहतें भी दी हैं। कटरा रेलवे स्टेशन पर जो पंजीकरण केंद्र (Registration Counter) है, उसे अब रात 12 बजे तक खुला रखा जाएगा ताकि देर से आने वाले यात्रियों को भी कार्ड मिल सके। हालांकि, बोर्ड ने यह भी सलाह दी है कि भीड़ से बचने के लिए यात्री आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ही कराएं।

कटरा से भवन तक की 13 किलोमीटर की यात्रा के लिए कई साधन उपलब्ध हैं। स्वस्थ व्यक्ति पैदल चढ़ाई 6 से 8 घंटे में पूरी कर सकता है। जो लोग पैदल नहीं चल सकते, उनके लिए घोड़े, पिट्ठू, पालकी, और बैटरी कार की सुविधा उपलब्ध है। कटरा से सांझीछत तक हेलीकॉप्टर सेवा भी चलती है, लेकिन इसकी बुकिंग काफी समय पहले करानी पड़ती है।

कटरा पहुंचने के रास्ते

रेल मार्ग: जम्मू तवी रेलवे स्टेशन देश के लगभग हर बड़े शहर से सीधे जुड़ा हुआ है। वहां से कटरा की दूरी 50 किमी है, जिसे बस या टैक्सी से डेढ़ घंटे में तय किया जा सकता है। अब तो कई सीधी ट्रेनें कटरा (श्री माता वैष्णो देवी कटरा स्टेशन) तक भी आती हैं।

हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जम्मू (70 किमी) है। जम्मू और श्रीनगर दोनों जगहों से कटरा के लिए सरकारी बसें और प्राइवेट टैक्सियां आसानी से मिल जाती हैं। सड़क मार्ग: जम्मू और पठानकोट से कटरा के लिए हर समय बसें उपलब्ध रहती हैं।

श्राइन बोर्ड ने साफ शब्दों में कहा है कि उनका उद्देश्य श्रद्धालुओं को परेशान करना नहीं, बल्कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। नए साल पर जब लाखों लोग एक साथ 'जय माता दी' के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ते हैं, तो व्यवस्था बनाए रखना चुनौतीपूर्ण होता है। इन नए नियमों के लागू होने से न केवल दर्शन तेज होंगे, बल्कि यात्रा मार्ग पर लगने वाले जाम से भी मुक्ति मिलेगी। यदि आप इस नए साल पर माता के दर्शन का मन बना रहे हैं, तो इन समय सीमाओं का ध्यान रखें और अपनी यात्रा को सुरक्षित बनाएं।

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