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UPI पेमेंट्स नियमों में बड़ा बदलाव; अब फेशियल रिकग्निशन और फिंगरप्रिंट की झंझट खत्म, बस ये करते ही हो जाएगा सारा काम

UPI New Rule 2025: भारत में डिजिटल भुगतान और आसान और सुरक्षित बनने जा रहा है। NPCI ने घोषणा की है कि, यूजर्स अब UPI लेन-देन को फेस रिकग्निशन और फिंगरप्रिंट के जरिए स्वीकृति दे सकेंगे।

UPI पेमेंट्स नियमों में बड़ा बदलाव; अब फेशियल रिकग्निशन और फिंगरप्रिंट की झंझट खत्म, बस ये करते ही हो जाएगा सारा काम
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UPI New Rule 2025

By Ashish Kumar Goswami

UPI New Rule 2025: भारत में डिजिटल पेमेंट को और आसान और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब लोग UPI से पेमेंट करते समय हर बार PIN डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी जगह वे अपने चेहरे की पहचान (Face Recognition) या उंगली के निशान (Fingerprint) से पेमेंट को मंजूरी दे सकेंगे। यह नई सुविधा 8 अक्टूबर 2025 से शुरू हो रही है और इसे डिजिटल भारत के लिए एक मील का पत्थर माना जा रहा है।

कैसे काम करेगी यह नई सुविधा?

यह पूरी प्रक्रिया आधार से जुड़े बायोमेट्रिक डेटा पर आधारित होगी। जब कोई व्यक्ति UPI पेमेंट करेगा और बायोमेट्रिक विकल्प चुनेगा, तो उसके फोन का कैमरा या फिंगरप्रिंट स्कैनर एक्टिवेट हो जाएगा। स्कैन किया गया डेटा आधार डाटाबेस से मिलाया जाएगा और अगर मिलान सफल होता है, तो कुछ ही सेकंड में पेमेंट पूरा हो जाएगा। यह सुविधा उन्हीं लोगों के लिए काम करेगी जिनका बैंक खाता और UPI आईडी आधार से जुड़ा हुआ है। यानी अगर आपका आधार बैंक और UPI से लिंक है, तो आप इस सुविधा का फायदा उठा सकते हैं।

NPCI और RBI की भूमिका

इस नई तकनीक को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने तैयार किया है और इसे मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल में प्रदर्शित भी किया गया है। हालांकि NPCI की तरफ से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने भी इस तरह के वैकल्पिक ऑथेंटिकेशन की अनुमति दे दी है। इसका मकसद है कि, डिजिटल लेन-देन को और तेज़, सुरक्षित और धोखाधड़ी से मुक्त बनाया जा सके।

बुजुर्गों और ग्रामीण इलाकों के लिए बड़ी राहत

विशेषज्ञों का मानना है कि यह सुविधा खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जिन्हें PIN याद रखने में परेशानी होती है, जैसे बुजुर्ग या ग्रामीण इलाकों के लोग। अब उन्हें सिर्फ अपना चेहरा दिखाना या उंगली लगाना होगा और पेमेंट हो जाएगा। इसके अलावा, यह तकनीक PIN चोरी और धोखाधड़ी की घटनाओं को भी कम करेगी। क्योंकि बायोमेट्रिक डेटा किसी और के लिए कॉपी करना आसान नहीं होता।

डेटा की सुरक्षा का पूरा ध्यान

NPCI ने यह भी साफ किया है कि बायोमेट्रिक डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। यह डेटा सिर्फ यूजर के फोन में एन्क्रिप्टेड (सुरक्षित कोडिंग) रूप में रहेगा। न बैंक और न ही NPCI इसे स्टोर या एक्सेस करेगा। यानी आपकी पहचान सिर्फ आपके फोन तक सीमित रहेगी। यूजर्स को यह भी आज़ादी दी गई है कि, वे इस फीचर को कभी भी ऑन या ऑफ कर सकते हैं। अगर आप चाहें तो PIN से ही पेमेंट करते रहें, और अगर सुविधा लगे तो बायोमेट्रिक विकल्प चुन सकते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल?

- सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता और UPI आईडी आधार से जुड़ा हो।

- अपने UPI ऐप में बायोमेट्रिक विकल्प को ऑन करें।

- पेमेंट करते समय PIN की जगह फेस या फिंगरप्रिंट से ऑथेंटिकेशन चुनें।

- कैमरा या स्कैनर से पहचान की पुष्टि करें।

- मिलान सफल होते ही पेमेंट पूरा हो जाएगा।

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