उपराष्ट्रपति चुनाव में हुआ बड़ा गोलमाल: TMC ने भाजपा पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- 'हर वोट 20 करोड़ में बिका..'
TMC के नेता अभिषेक बनर्जी ने दावा किया कि, भाजपा ने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी सांसदों का वोट खरीदने के लिए 15-20 करोड़ रुपए खर्च किए..

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नई दिल्ली। देश के उप-राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आए कुछ ही दिन हुए हैं, लेकिन इस चुनाव को लेकर राजनीति का पारा अभी भी चढ़ा हुआ है। इस पूरे मामले में एक और नया मोड़ आया है। पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बीजेपी पर बेहद गंभीर और चौंकाने वाला आरोप लगाया है। TMC का दावा है कि बीजेपी ने उप-राष्ट्रपति चुनाव में वोट खरीदने के लिए प्रति सांसद 15 से 20 करोड़ रुपये खर्च किए।
TMC ने लगाए गंभीर आरोप
उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हरा दिया। राधाकृष्णन की जीत के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि, बीजेपी ने वोट खरीदने के लिए प्रति सांसद 15 से 20 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
लोकसभा में TMC संसदीय दल का नेतृत्व करने वाले अभिषेक बनर्जी ने बीजेपी पर लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए धनबल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। एक मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने दावा किया कि, बीजेपी नेता चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने के लिए पैसों की बोरियां लेकर आए थे। उन्होंने कहा, "कुछ लोगों से बात करने के बाद मैं कह सकता हूँ कि बीजेपी ने वोट खरीदने के लिए हर एक सांसद पर 15-20 करोड़ रुपये खर्च किए। जनप्रतिनिधि के रूप में चुने गए सदस्य लोगों के विश्वास और भावनाओं को बेच रहे हैं। प्रतिनिधियों को खरीदा जा सकता है, लेकिन लोगों को नहीं।"
विपक्ष में ‘विश्वासघात’ का आरोप
अभिषेक बनर्जी ने विपक्षी खेमे में विश्वासघात की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि गुप्त मतदान होने के कारण यह कहना मुश्किल है कि क्या 'क्रॉस वोटिंग' हुई या विपक्षी सदस्यों के वोट खारिज हो गए। उन्होंने सवाल किया कि एनडीए के वोट अनुमान से ज़्यादा कैसे हो गए, जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन के आंकड़े कम रह गए। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पहले दावा किया था कि 315 सांसदों ने रेड्डी को समर्थन देने का वादा किया था।
अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाते हुए कहा कि, बीजेपी ने लोगों के जनादेश को बाज़ार में बिकने वाली किसी वस्तु की तरह बना दिया है। उन्होंने कहा, "जो लोग लोगों के विश्वास और भावनाओं को बाज़ार की कमोडिटी की तरह बेच रहे हैं, वे मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं।"
क्या कहते हैं चुनाव के आंकड़े?
इस चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन को 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट। कुल 767 सांसदों ने वोट डाले, जिनमें से 15 वोट अवैध घोषित कर दिए गए। TMC ने दावा किया कि उनके सभी 41 सांसदों ने विपक्ष के उम्मीदवार को वोट दिया। अभिषेक बनर्जी ने स्वीकार किया कि कुछ सांसदों ने क्रॉस-वोटिंग की हो सकती है, यानी उन्होंने अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर वोट दिया हो।
उन्होंने कहा, "यह कहना मुश्किल है कि, अवैध घोषित किए गए 15 वोट किस खेमे के थे। लेकिन अगर इन वोटों में से आधे-आधे भी बांटें, तो भी कुछ सांसदों ने क्रॉस-वोटिंग की होगी।"
‘ऑपरेशन लोटस’ का आरोप
TMC ने बीजेपी पर सिर्फ उप-राष्ट्रपति चुनाव में ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र और झारखंड के पिछले विधानसभा चुनावों में भी पैसे का इस्तेमाल कर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया। बनर्जी ने इस तरह की घटनाओं को "ऑपरेशन लोटस" का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं का मानना है कि वे पैसे के बल पर नेताओं को खरीद सकते हैं, लेकिन वे बंगाल के लोगों को नहीं खरीद सकते।
यह आरोप-प्रत्यारोप का खेल भारतीय राजनीति में नया नहीं है। लेकिन उप-राष्ट्रपति चुनाव जैसे महत्वपूर्ण पद को लेकर 20 करोड़ रुपये जैसी बड़ी रकम का आरोप लगना, कई सवाल खड़े करता है। बा इस मामले में देखना होगा कि, क्या बीजेपी इन आरोपों का कोई जवाब देती है या यह मामला ऐसे ही शांत हो जाएगा।
