UP Liquor Shop License: यूपी में शराब की दुकानों की ई-लॉटरी आज, 27,308 दुकानों के लिए 4 लाख से ज्यादा आवेदन!
UP Liquor Shop Licenses: उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में आज (6 मार्च 2025) ई-लॉटरी ड्रॉ का पहला चरण शुरू हो गया है। इस लॉटरी के जरिए देशी शराब, कम्पोजिट दुकानें, भांग की दुकानें और मॉडल शॉप के लाइसेंस जारी किए जाएंगे।

UP Liquor Shop Licenses: उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानों के लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में आज (6 मार्च 2025) ई-लॉटरी ड्रॉ का पहला चरण शुरू हो गया है। इस लॉटरी के जरिए देशी शराब, कम्पोजिट दुकानें, भांग की दुकानें और मॉडल शॉप के लाइसेंस जारी किए जाएंगे। आबकारी विभाग के मुताबिक, राज्य की 27,308 शराब की दुकानों के लिए 4,14,679 लोगों ने आवेदन किया है।
ई-लॉटरी ड्रॉ का समय और प्रक्रिया
- ई-लॉटरी ड्रॉ आज सुबह 10 बजे से शाम 4:45 बजे तक चार स्लॉट में आयोजित की जाएगी।
- यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी और इसमें पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
आबकारी विभाग की कमाई
- आवेदन शुल्क से ही आबकारी विभाग ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है।
- उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति औसत आबकारी राजस्व 4,217 रुपये है, जो पड़ोसी राज्यों मध्य प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली से कहीं अधिक है।
शीर्ष जिले जहां सबसे ज्यादा आवेदन
- नोएडा: सबसे ज्यादा आवेदन
- लखनऊ: दूसरे नंबर पर
- गोरखपुर: तीसरे नंबर पर, जहां 580 दुकानों के लिए 15,342 लोगों ने आवेदन किया।
आबकारी राजस्व का रिकॉर्ड
- आबकारी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने बताया कि 28 फरवरी तक शराब कारोबार से 43,323 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है।
- फरवरी में चित्रकूट, प्रयागराज, चंदौली, कौशांबी और महोबा जिलों ने 100% लक्ष्य पूरा किया।
अवैध शराब पर कार्रवाई
- पिछले महीने अवैध शराब की जांच के लिए पूरे राज्य में 80,243 छापेमारी की गई।
- इस दौरान 1,676 लोगों को हिरासत में लिया गया।
- पिछले साल आबकारी विभाग ने यूपी के खजाने के लिए 45,507 करोड़ रुपये जुटाए थे।
ई-लॉटरी क्या है?
ई-लॉटरी एक ऑनलाइन प्रक्रिया है, जिसमें शराब की दुकानों के लाइसेंस के लिए आवेदकों का चयन किया जाता है। यह प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करती है।
लॉटरी ड्रॉ के बाद चयनित आवेदकों को लाइसेंस जारी किए जाएंगे। इससे न केवल राज्य के राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि शराब कारोबार में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। यूपी में शराब की दुकानों के लिए ई-लॉटरी का यह चरण राज्य के आबकारी व्यवसाय में एक नए युग की शुरुआत करने वाला है।
