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Trump Tariffs India: ट्रंप ने भारत पर लगाया 26% का रेसिप्रोकल टैरिफ- जानिए क्या है इसके मायने?

Trump Tariffs India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित करीब 50 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (जवाबी टैक्स) लगाने की घोषणा की है, जिसे उन्होंने "डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ" नाम दिया।

Trump Tariffs India: ट्रंप ने भारत पर लगाया 26% का रेसिप्रोकल टैरिफ- जानिए क्या है इसके मायने?
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By Ragib Asim

Trump Tariffs India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित करीब 50 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ (जवाबी टैक्स) लगाने की घोषणा की है, जिसे उन्होंने "डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ" नाम दिया। 2 अप्रैल 2025 को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन से इसकी घोषणा करते हुए ट्रंप ने इसे "मुक्ति दिवस" (Liberation Day) करार दिया, जिसका अमेरिका लंबे समय से इंतजार कर रहा था। भारत पर 26%, चीन पर 34%, और पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगाया गया है। इस फैसले से ग्लोबल मार्केट में हलचल मच गई है, और भारत के कई सेक्टर प्रभावित हो सकते हैं। आइए जानते हैं इस टैरिफ का मतलब, इसका असर, और इससे जुड़ी हर अहम बात।

अपने संबोधन में ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र किया। उन्होंने कहा, "पीएम मोदी हाल ही में अमेरिका आए थे। वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, लेकिन मैंने उनसे कहा कि आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे। भारत अमेरिकी उत्पादों पर 52% टैरिफ वसूलता है, इसलिए हम आधा यानी 26% टैरिफ लेंगे।" ट्रंप ने इसे "न्यायपूर्ण व्यापार" का हिस्सा बताया, जिसका मकसद अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।

किस देश पर कितना टैरिफ?

ट्रंप ने कई देशों पर अलग-अलग दरों से टैरिफ लगाया है:

  • भारत: 26%
  • चीन: 34%
  • पाकिस्तान: 29%
  • वियतनाम: 46%
  • स्विटजरलैंड: 31%
  • ताइवान: 22%
  • जापान: 24%
  • ब्रिटेन: 10%
  • ब्राजील: 10%
  • इंडोनेशिया: 32%
  • दक्षिण अफ्रीका: 30%
  • इजरायल: 17%

इसके अलावा, ऑटोमोबाइल आयात पर 25% टैरिफ 3 अप्रैल से और ऑटो पार्ट्स पर 25% टैरिफ 3 मई से लागू होगा। सभी देशों पर 10% बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल से शुरू होगा, जबकि ऊंचे रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल से प्रभावी होंगे।

भारत पर क्या असर?

ट्रंप के इस टैरिफ से भारत के कई प्रमुख क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं:

  • कृषि: अमेरिका को होने वाले फल, सब्जी, और प्रोसेस्ड फूड के निर्यात पर असर।
  • फार्मा और औषधि: दवाइयों और चिकित्सकीय उपकरणों की कीमतें बढ़ सकती हैं।
  • रसायन: केमिकल निर्यात में कमी आ सकती है।
  • इलेक्ट्रिकल और मशीनरी: मशीनरी और ऑटो पार्ट्स के कारोबार पर दबाव।

हालांकि, जानकारों का मानना है कि भारत को बहुत बड़ा नुकसान नहीं होगा। भारत के निर्यात में 3-3.5% की गिरावट संभव है, लेकिन निर्माण और सेवा क्षेत्र में बढ़ते निर्यात से यह असर कम हो सकता है। भारत और अमेरिका का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 190 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना है, जिसके लिए बातचीत जारी है।

टैरिफ क्या है?

टैरिफ एक तरह का कर (टैक्स) है, जो सरकारें आयात या निर्यात होने वाली वस्तुओं और सेवाओं पर लगाती हैं। इसका उद्देश्य:

  • घरेलू उद्योगों को संरक्षण देना।
  • राजस्व बढ़ाना।
  • व्यापार में संतुलन बनाना।

ट्रंप का रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब है कि अगर कोई देश अमेरिकी सामानों पर जितना टैक्स लगाता है, अमेरिका भी उस देश से आने वाले सामानों पर उतना ही टैक्स लगाएगा। भारत के मामले में, ट्रंप ने 52% टैरिफ का हवाला दिया, लेकिन "डिस्काउंट" के तहत इसे 26% पर सीमित किया।

ग्लोबल मार्केट में खलबली

ट्रंप के इस कदम से कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई। ब्रेंट क्रूड 73.22 डॉलर/बैरल और WTI 69.90 डॉलर/बैरल पर पहुंच गया। लेकिन भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम कुछ शहरों में बढ़े। दिल्ली-मुंबई जैसे महानगरों में कीमतें स्थिर रहीं, पर नोएडा में पेट्रोल 94.98 रुपये और पटना में 105.58 रुपये/लीटर हो गया। चीन और यूरोपीय संघ ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है, जिससे वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका बढ़ गई है।

ट्रंप का कहना है कि यह टैरिफ अमेरिकी नौकरियों और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगा। लेकिन आलोचकों का मानना है कि इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए कीमतें बढ़ेंगी और वैश्विक मंदी का खतरा पैदा हो सकता है। भारत के लिए यह चुनौती और अवसर दोनों है। क्या भारत जवाबी टैरिफ लगाएगा या बातचीत से रास्ता निकालेगा? यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

Ragib Asim

रागिब असीम वर्तमान में NPG News में समाचार संपादक के रूप में कार्यरत हैं। वे 2013 से सक्रिय पत्रकारिता में हैं और राजनीति, समाज, अपराध तथा भूराजनीति विषयों पर उनकी सशक्त पकड़ है। उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता और दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त की है।

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