TRAI New OTP Rules: TRAI का नया नियम, अब फर्जी मैसेज और OTP से मिलेगी राहत, जानें कैसे
TRAI New OTP Rules: क्या आप Jio, Airtel, Vi या BSNL के यूजर हैं और फर्जी मैसेज से परेशान हो चुके हैं? तो आपके लिए राहत भरी खबर है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने 'मैसेज ट्रेसबिलिटी' के नाम से एक नया नियम लागू करने का ऐलान किया है, जो 11 दिसंबर 2024 से प्रभावी होगा।
TRAI New OTP Rules: क्या आप Jio, Airtel, Vi या BSNL के यूजर हैं और फर्जी मैसेज से परेशान हो चुके हैं? तो आपके लिए राहत भरी खबर है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने 'मैसेज ट्रेसबिलिटी' के नाम से एक नया नियम लागू करने का ऐलान किया है, जो 11 दिसंबर 2024 से प्रभावी होगा। यह नियम फर्जी और अनऑथराइज्ड मैसेज को रोकने के लिए लाया गया है। पहले यह नियम 1 दिसंबर से लागू होना था, लेकिन तैयारियों की कमी को देखते हुए इसकी डेडलाइन बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी गई। आइए, जानते हैं इस नए नियम के बारे में विस्तार से।
क्या है TRAI का नया नियम?
TRAI ने स्पष्ट कर दिया है कि 11 दिसंबर 2024 से केवल वैध टेलीमार्केटिंग नंबर सीरीज वाले मैसेज ही स्वीकार किए जाएंगे। बिना वैध सीरीज के मैसेज ऑटोमैटिकली रिजेक्ट कर दिए जाएंगे। इसका मकसद फर्जी लिंक और धोखाधड़ी वाले मैसेज को ट्रैक करना और उन्हें ब्लॉक करना है। इस नियम के तहत, बैंक और कंपनियों के नाम पर भेजे जाने वाले फर्जी मैसेज और स्पैम कॉल्स पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी। इससे न केवल धोखाधड़ी वाले मैसेज की समस्या कम होगी, बल्कि फर्जी OTP भेजकर ठगी करने वालों पर भी लगाम लगेगी।
डेडलाइन क्यों टाली गई?
पहले यह नियम 1 दिसंबर 2024 से लागू होने वाला था, लेकिन तैयारियों की कमी के चलते TRAI ने इसे 11 दिसंबर तक के लिए टाल दिया। TRAI ने सभी टेलीमार्केटर्स और संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द अपनी नंबर सीरीज को अपडेट करें और नए नियमों का पालन सुनिश्चित करें।
कैसे काम करेगा यह नियम?
नियम के लागू होने के बाद:
- फर्जी मैसेज: किसी भी फेक नंबर या अनऑथराइज्ड सीरीज से भेजे गए मैसेज रिजेक्ट कर दिए जाएंगे।
- स्पैम और धोखाधड़ी: साइबर अपराधियों द्वारा भेजे जाने वाले फर्जी मैसेज और OTP को ट्रैक कर ब्लॉक किया जाएगा।
- फेक OTP: अब ग्राहकों को फर्जी OTP से संबंधित ठगी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कैसे करेगा यह नियम साइबर ठगी पर लगाम?
फर्जी लिंक और मैसेज के जरिए साइबर ठग लोगों की निजी जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। वे खुद को बैंक अधिकारी या टेलीमार्केटर बताकर पर्सनल डिटेल्स हासिल कर ठगी करते हैं। TRAI का यह नियम ऐसे स्कैमर्स की गतिविधियों पर रोक लगाने में मददगार साबित होगा।
TRAI का यह कदम क्यों जरूरी है?
फर्जी मैसेज और स्पैम कॉल्स न केवल उपयोगकर्ताओं को परेशान करते हैं, बल्कि बड़ी धोखाधड़ी का कारण भी बनते हैं। TRAI का यह कदम न केवल उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि साइबर ठगों के मंसूबों पर भी पानी फेर देगा।
तो, अगर आप भी फर्जी मैसेज और OTP से परेशान हैं, तो अब राहत की सांस लीजिए। TRAI का यह नियम आपकी सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए हर संभव कदम उठाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है।