Tejas Crash: दुबई एयर शो में भारतीय तेजस फाइटर जेट क्रैश, पायलट की मौत; हादसे के बाद उठे सुरक्षा सवाल? जानिए तेजस से जुड़े 5 बड़े फैक्ट्स
Tejas Crash in Dubai Airshow: दुबई एयर शो में भारतीय वायुसेना का तेजस फाइटर जेट क्रैश हो गया। हादसे में पायलट की मौत हो गई। कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित, चश्मदीदों ने बताया तेज धुएं का गुबार। जानिए तेजस विमान के 5 अहम जुड़े 5 फैक्ट्स।

Tejas Crash: दुबई एयर शो में भारतीय तेजस फाइटर जेट क्रैश, पायलट की मौत; हादसे के बाद उठे सुरक्षा सवाल? जानिए तेजस से जुड़े 5 बड़े फैक्ट्स
Tejas Crash in Dubai Airshow: दुबई एयर शो के दौरान शुक्रवार दोपहर भारतीय वायुसेना का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में विमान के पायलट की मौत हो गई। यह पहली बार है जब किसी अंतरराष्ट्रीय एयर शो में तेजस के क्रैश होने की घटना सामने आई है।
वायुसेना ने पायलट के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं। दुर्घटना स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 2 बजकर 10 मिनट पर हुई जब तेजस एक एरोबेटिक डिस्प्ले के दौरान अचानक नीचे आया और रनवे के पास जाकर गिर पड़ा। जमीन से टकराते ही विमान में आग लग गई और आसमान में घना काला धुआं उठने लगा।
चश्मदीदों के मुताबिक, जैसे ही विमान गिरा दर्शकों में अफरा-तफरी मच गई। बच्चे और परिवार कार्यक्रम स्थल से तेजी से बाहर निकलने लगे। हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू और फायर ब्रिगेड की टीमों को मौके पर भेज दिया गया और इलाके को सुरक्षा कारणों से सील कर दिया गया।
भारतीय वायुसेना ने एक्स पर जारी आधिकारिक बयान में कहा कि पायलट को दुर्घटना में गंभीर चोटें आईं और बाद में उनकी मृत्यु हो गई। वायुसेना ने इसे अपूरणीय क्षति बताया और कहा कि वह शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है।
तेजस के क्रैश का इतिहास
तेजस के 23 साल के ऑपरेशनल इतिहास में यह कुल मिलाकर दूसरी क्रैश घटना है। इससे पहले मार्च 2024 में राजस्थान के जैसलमेर में इंजन फेल होने की वजह से तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, हालांकि तब पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए थे। दुबई की घटना में पायलट बच नहीं सके, जिससे विमान की सुरक्षा तकनीक और फ्यूचर अपग्रेड पर नए सवाल उठे हैं।
क्या है तेजस फाइटर जेट
तेजस का मार्क-1ए लड़ाकू विमान एक लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) है। यानी यह हल्का लड़ाकू विमान है। यह चौथी पीढ़ी का हल्का और ताकतवर लड़ाकू विमान है। यह 2200 किमी प्रति घंटा की गति से उड़ान भर सकता है और करीब नौ टन वजनी हथियार लेकर जा सकता है।
तेजस की सुरक्षा प्रणाली में मार्टिन-बेकर जीरो-जीरो इजेक्शन सीट शामिल है, जो शून्य ऊंचाई और शून्य गति पर भी सुरक्षित इजेक्ट की सुविधा देती है। इसके बावजूद दुबई में हुई दुर्घटना ने सिस्टम की विश्वसनीयता पर बहस छेड़ दी है।
तेजस जेट से जुड़े 5 महत्वपूर्ण तथ्य
तेजस एक सिंगल-सीटर फाइटर जेट है भारतीय वायुसेना और नौसेना इसके दो-सीटर ट्रेनर विरसों का भी उपयोग करती हैं। पहली टेस्ट फ्लाइट 2001 में टेक्नोलॉजी डेमोंस्ट्रेटर TD-1 के रूप में हुई थी।
- इसकी अधिकतम पेलोड क्षमता 4,000 किलोग्राम है और इसका मैक्सिमम टेक-ऑफ वजन 13,300 किलोग्राम है।
- यह 4.5-जनरेशन का मल्टी-रोल विमान है जो ऑफेंसिव एयर सपोर्ट और क्लोज एयर कॉम्बैट के लिए उपयोग होता है।
- 2016 में नंबर 45 स्क्वाड्रन फ्लाइंग डैगर्स तेजस को शामिल करने वाली वायुसेना की पहली स्क्वाड्रन बनी। तेजस अपने वर्ग में सबसे हल्का और कॉम्पैक्ट जेट है।
- अगस्त 2025 में भारत सरकार ने वायुसेना के लिए 97 तेजस मार्क 1A लड़ाकू विमानों की खरीद को मंजूरी दी, जिससे मेक इन इंडिया रक्षा परियोजना को बड़ी मजबूती मिली।
हादसे ने न सिर्फ वायुसेना बल्कि अंतरराष्ट्रीय रक्षा जगत का ध्यान एक बार फिर तेजस की तकनीकी क्षमता और सुरक्षा अपग्रेड की आवश्यकता की ओर खींचा है। कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की रिपोर्ट के बाद ही दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता चल सकेगा।
